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मई में महँगाई दर में 12 महीने के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई

नई दिल्ली,13 जून (युआईटीवी)- मई में भारत की महँगाई दर में 12 महीने के निचले स्तर 4.75 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। ईंधन और खाने के तेल के मूल्यों में कमी आई है,जिससे लोगों के घरेलू बजट पर बोझ कम होने की संभावना है। ये आँकड़े बुधवार को सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी किया गया। अप्रैल में मुद्रास्फीति दर 11 महीने के निचले स्तर 4.83 प्रतिशत पर थी।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति अप्रैल माह में 4.83 प्रतिशत थी।हालाँकि, उपभोक्ता मूल्य खाद्य सूचकांक या सीपीएफआई एक महीने पहले के 8.7 प्रतिशत के मुकाबले 8.69 प्रतिशत पर लगभग स्थिर रहा।

सांख्यिकी मंत्रालय ने बताया कि मसालों,कपड़े,जूते,आवास इत्यादि के कीमतों में भी गिरावट दर्ज की गई। पिछले महीने की तुलना में कपड़े और जूते,आवास से संबंधित महँगाई में कमी आई है,तो वहीं मसालों के कीमतों में अप्रैल 2024 की तुलना में साल-दर-साल काफी गिरावट देखने को मिला है।

खाने के तेल की कीमतों में मई के महीनों में कमी आई और इसमें 6.7 प्रतिशत की गिरावट इस महीने के दौरान आई है। अप्रैल माह के तुलना में मई में मसालों की कीमतों में 11.4 प्रतिशत से 4.27 प्रतिशत की गिरावट आई। हालाँकि,दालों की कीमत 17.14 प्रतिशत पर स्थिर रही। सब्जियों की कीमतों में 27.33 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई,लेकिन यह वृद्धि अप्रैल के 27.8 प्रतिशत से थोड़ा कम है।

8.65 प्रतिशत की वृद्धि अनाज की कीमतों में दर्ज की गई। अप्रैल माह में खाद्य मुद्रास्फीति 7.87 प्रतिशत थी,जबकि पिछले साल अप्रैल में यह 1.5 प्रतिशत थी। खाद्य मुद्रास्फीति में पिछले महीने यानी मई में 8.52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई थी।

लगातार कई महीनों में देश की महँगाई दर घट रही है और यह मार्च में 4.85 प्रतिशत पर आ गई। इस साल जनवरी में यह 5.1 प्रतिशत और फरवरी में 5.09 प्रतिशत थी।

यह अब भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) के लक्ष्य के निकट है,लेकिन फिर भी आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं की है।

 

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