आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन (तस्वीर क्रेडिट@ViralGirl_X)

आईपीएल 2026 मिनी ऑक्शन: 215 करोड़ से ज्यादा की बरसात,कैमरून ग्रीन बने सबसे महँगे विदेशी,टीमों ने नए सीजन के लिए कसी कमर

अबू धाबी,17 दिसंबर (युआईटीवी)- अबू धाबी के एतिहाद एरिना में मंगलवार को इंडियन प्रीमियर लीग 2026 के लिए आयोजित मिनी ऑक्शन ने क्रिकेट प्रेमियों और फ्रेंचाइजियों के बीच जबरदस्त उत्साह पैदा कर दिया। इस नीलामी में कुल 77 खिलाड़ियों पर बोली लगी,जिनमें 29 विदेशी खिलाड़ी शामिल रहे। सभी टीमों ने मिलकर कुल 215.45 करोड़ रुपये खर्च किए,जो यह दिखाता है कि आईपीएल फ्रेंचाइजियाँ आने वाले सीजन को लेकर कितनी गंभीर और आक्रामक रणनीति के साथ उतरी थीं। इस नीलामी का सबसे बड़ा आकर्षण ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन रहे,जिन्हें कोलकाता नाइट राइडर्स ने 25.20 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम में अपने साथ जोड़ा और वह आईपीएल इतिहास के सबसे महँगे विदेशी खिलाड़ियों में शामिल हो गए।

आईपीएल 2026 की नीलामी में सिर्फ स्थापित अंतर्राष्ट्रीय सितारों पर ही नहीं,बल्कि युवा और अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों पर भी जमकर पैसा बरसा। चेन्नई सुपर किंग्स ने प्रशांत वीर और कार्तिक शर्मा को 14.20-14.20 करोड़ रुपये में खरीदकर सबको चौंका दिया। ये दोनों खिलाड़ी इस नीलामी के सबसे महँगे अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ी बने। इसके अलावा मथीशा पथिराना को 18 करोड़ रुपये और लियाम लिविंगस्टोन को 13 करोड़ रुपये में खरीदा गया,जिससे साफ हो गया कि टीमें मैच विनर खिलाड़ियों पर निवेश करने से पीछे नहीं हट रही हैं।

कोलकाता नाइट राइडर्स की बात करें तो उन्होंने इस नीलामी में सबसे ज्यादा सुर्खियाँ बटोरीं। पहले से ही रिंकू सिंह,सुनील नरेन,वरुण चक्रवर्ती और अजिंक्य रहाणे जैसे खिलाड़ियों को रिटेन करने के बाद केकेआर ने नीलामी में आक्रामक रुख अपनाया। कैमरून ग्रीन के अलावा टीम ने मथीशा पथिराना को 18 करोड़ रुपये में खरीदा,जिससे उनकी गेंदबाजी और ऑलराउंड ताकत और मजबूत हुई। राहुल त्रिपाठी,फिन एलन,टिम सेफर्ट,रचिन रवींद्र और मुस्तफिजुर रहमान जैसे खिलाड़ियों को शामिल कर केकेआर ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों को संतुलित रूप दिया। कुल मिलाकर केकेआर ने यह संकेत दे दिया कि वह 2026 में खिताब के लिए पूरी ताकत से उतरने वाली है।

लखनऊ सुपर जायंट्स ने भी नीलामी में सोच-समझकर कदम उठाए। पहले से ही ऋषभ पंत,निकोलस पूरन,मिचेल मार्श,मोहम्मद शमी और आवेश खान जैसे खिलाड़ियों के साथ मजबूत दिख रही टीम ने नीलामी में जोश इंग्लिस को 8.60 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके अलावा वानिंदु हसरंगा और एनरिक नॉर्त्जे जैसे अनुभवी विदेशी खिलाड़ियों को जोड़कर लखनऊ ने अपने गेंदबाजी आक्रमण को और धार दी। टीम मैनेजमेंट का फोकस स्पष्ट रूप से संतुलन और गहराई पर नजर आया।

मुंबई इंडियंस,जो हमेशा से ही रणनीतिक नीलामी के लिए जानी जाती है,ने इस बार भी बड़े नामों पर ज्यादा खर्च करने के बजाय सीमित लेकिन उपयोगी खरीदारी की। हार्दिक पंड्या,रोहित शर्मा,जसप्रीत बुमराह और सूर्यकुमार यादव जैसे सितारों से सजी टीम ने क्विंटन डी कॉक को महज 1 करोड़ रुपये में खरीदकर सबको हैरान किया। इसके अलावा कुछ युवा खिलाड़ियों को न्यूनतम कीमत पर जोड़कर मुंबई ने अपनी बेंच स्ट्रेंथ को मजबूत किया। यह साफ है कि मुंबई इंडियंस अपनी कोर टीम पर भरोसा जताते हुए आगे बढ़ना चाहती है।

पंजाब किंग्स ने भी इस नीलामी में अपने संतुलन को ध्यान में रखते हुए खरीदारी की। श्रेयस अय्यर,युजवेंद्र चहल,मार्कस स्टोइनिस और अर्शदीप सिंह जैसे खिलाड़ियों के साथ पहले से मजबूत दिख रही टीम ने कूपर कोनोली और बेन द्वारशुइस जैसे विदेशी खिलाड़ियों को शामिल किया। पंजाब की रणनीति साफ तौर पर गेंदबाजी और ऑलराउंड विकल्पों को मजबूत करने की रही।

सनराइजर्स हैदराबाद ने इस नीलामी में लियाम लिविंगस्टोन को 13 करोड़ रुपये में खरीदकर सबसे बड़ा दांव खेला। पैट कमिंस,ट्रैविस हेड,हेनरिक क्लासेन और ईशान किशन जैसे सितारों के साथ लिविंगस्टोन के आने से टीम की बल्लेबाजी और ऑलराउंड क्षमता को जबरदस्त मजबूती मिली है। इसके अलावा टीम ने कई युवा भारतीय खिलाड़ियों को भी अपने साथ जोड़ा,जिससे भविष्य की योजना भी साफ झलकती है।

चेन्नई सुपर किंग्स ने इस नीलामी में सबसे ज्यादा चर्चा अनकैप्ड खिलाड़ियों पर भारी निवेश को लेकर बटोरी। महेंद्र सिंह धोनी,ऋतुराज गायकवाड़ और शिवम दुबे जैसे अनुभवी खिलाड़ियों के साथ सीएसके ने कार्तिक शर्मा और प्रशांत वीर को 14.20 करोड़ रुपये में खरीदकर बड़ा संदेश दिया। यह फैसला दिखाता है कि चेन्नई अब नई पीढ़ी के खिलाड़ियों पर भरोसा जता रही है और भविष्य की टीम तैयार करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। इसके अलावा राहुल चाहर और अकील होसेन जैसे गेंदबाजों को जोड़कर टीम ने अपनी गेंदबाजी को भी मजबूत किया।

दिल्ली कैपिटल्स ने नीलामी में डेविड मिलर,बेन डकेट और औकिब नबी जैसे अनुभवी खिलाड़ियों को शामिल किया। केएल राहुल,अक्षर पटेल और कुलदीप यादव के साथ इन खिलाड़ियों का जुड़ना टीम को संतुलित बनाता है। दिल्ली की रणनीति स्पष्ट रूप से अनुभव और युवाओं के मिश्रण पर आधारित रही।

रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु ने इस बार अपेक्षाकृत संतुलित नीलामी की। विराट कोहली,फिल साल्ट और जोश हेजलवुड जैसे खिलाड़ियों के साथ पहले से मजबूत टीम ने वेंकटेश अय्यर और मंगेश यादव जैसे खिलाड़ियों को खरीदकर अपनी भारतीय कोर को मजबूत किया। आरसीबी की नजर इस बार सिर्फ स्टार पावर पर नहीं,बल्कि टीम संतुलन पर रही।

राजस्थान रॉयल्स ने रविंद्र जड़ेजा और सैम कुरेन जैसे ट्रेड के जरिए आए खिलाड़ियों के साथ अपनी टीम को पहले ही मजबूत कर लिया था। नीलामी में उन्होंने रवि बिश्नोई और एडम मिल्ने जैसे गेंदबाजों को जोड़कर अपनी गेंदबाजी को और धार दी। युवा खिलाड़ियों पर निवेश भी राजस्थान की दीर्घकालिक सोच को दर्शाता है।

गुजरात टाइटंस ने भी इस नीलामी में संतुलित रणनीति अपनाई। शुभमन गिल,राशिद खान और जोस बटलर जैसे सितारों के साथ टीम ने जेसन होल्डर को 7 करोड़ रुपये में खरीदकर ऑलराउंड ताकत बढ़ाई। टॉम बैंटन और ल्यूक वुड जैसे खिलाड़ियों के जुड़ने से टीम को अतिरिक्त विकल्प मिले हैं।

कुल मिलाकर आईपीएल 2026 की यह मिनी ऑक्शन सिर्फ खिलाड़ियों की खरीद-फरोख्त तक सीमित नहीं रही,बल्कि इसने सभी फ्रेंचाइजियों की सोच,रणनीति और भविष्य की योजनाओं को भी उजागर किया। जहाँ कुछ टीमों ने बड़े नामों पर दांव खेला,वहीं कई फ्रेंचाइजियों ने युवा और अनकैप्ड खिलाड़ियों में भविष्य देखा। कैमरून ग्रीन का सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बनना और अनकैप्ड भारतीय खिलाड़ियों पर रिकॉर्ड निवेश इस बात का संकेत है कि आईपीएल अब केवल स्टार क्रिकेटरों का मंच नहीं,बल्कि नई प्रतिभाओं के लिए भी बड़ा अवसर बन चुका है। आईपीएल 2026 का सीजन इन सभी फैसलों की असली परीक्षा होगा,जहाँ मैदान पर यह देखा जाएगा कि किस टीम की नीलामी रणनीति सबसे ज्यादा कारगर साबित होती है।