तेल अवीव,14 जून (युआईटीवी)- ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव ने शनिवार को भयावह रूप ले लिया,जब इज़राइल के प्रमुख शहरी क्षेत्रों पर मिसाइल हमले किए गए। इन हमलों में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई और 34 से अधिक लोग घायल हो गए। यह हमला ऐसे समय हुआ है,जब दोनों देशों के बीच कूटनीतिक और सैन्य टकराव अपने चरम पर पहुँच चुका है।
इज़राइल की आपातकालीन चिकित्सा सेवा एजेंसी मेगन डेविड एडोम (एमडीए) ने हमले के बाद पुष्टि की कि ईरान द्वारा दागी गई बैलिस्टिक मिसाइलों ने देश के आवासीय इलाकों को निशाना बनाया। एमडीए की रिपोर्ट के अनुसार,भारी नुकसान हुआ है और कई इमारतों को क्षति पहुँची है। एजेंसी ने युद्ध जैसे हालात में मेडिकल टीमों को पूरी तत्परता से तैनात किया है,जो घायलों को “लाइफ सेविंग ट्रीटमेंट” देकर उन्हें नजदीकी अस्पतालों में पहुँचा रही हैं।
एमडीए ने बताया कि उन्होंने 21 घायल लोगों को वोल्फसन,शेबा तेल हाशोमर और शमीर-असफ हारोफेह जैसे प्रमुख अस्पतालों में भर्ती कराया है। इस हमले में 60 वर्षीय एक महिला गंभीर रूप से घायल हुई है और 45 वर्षीय एक व्यक्ति को बचाने की कोशिश की गई,लेकिन उन्हें मृत घोषित करना पड़ा। वहीं 60 वर्षीय एक अन्य महिला की भी हालत चिंताजनक बनी हुई है।
16 अन्य लोग मामूली रूप से घायल हुए हैं,जबकि दो लोगों को हल्की चोटें आई हैं। एजेंसी ने यह भी बताया कि कई नागरिकों में एंग्जायटी (घबराहट और मानसिक तनाव) के लक्षण देखे गए,जिन्हें तत्काल मनोवैज्ञानिक सहायता दी गई और सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया।
ईरान द्वारा किए गए मिसाइल हमलों में गुश दान क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित रहा। यह इलाका इज़राइल के सबसे अधिक जनसंख्या घनत्व वाले क्षेत्रों में आता है। यहाँ एमडीए ने 34 घायलों के इलाज और उन्हें विभिन्न अस्पतालों में भेजे जाने की पुष्टि की है।
लगभग 60 वर्षीय महिला को गंभीर स्थिति में बेइलिन्सन अस्पताल ले जाया गया।
65 वर्षीय पुरुष को शेबा मेडिकल सेंटर में भर्ती किया गया।
करीब 50 वर्षीय महिला और पुरुष को इचिलोव अस्पताल में इलाज के लिए भेजा गया।
30 अन्य लोगों को हल्की चोटें आईं,जिनका मौके पर या अस्पताल में इलाज किया गया।
13 घबराहट से पीड़ित व्यक्तियों को भी सुरक्षित निकाला गया।
इज़राइल डिफेंस फोर्स (आईडीएफ) ने औपचारिक बयान जारी कर इस बात की पुष्टि की कि ईरान ने मिसाइल हमलों की नई लहर शुरू की है। ये हमले बीते कई हफ्तों से दोनों देशों के बीच बढ़ रही शत्रुता का परिणाम हैं। आईडीएफ ने देशभर में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है। संवेदनशील क्षेत्रों,शहरी केंद्रों और सैन्य ठिकानों पर अतिरिक्त सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है।
आईडीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि,“हम किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सेना,पुलिस और आपातकालीन सेवाएँ समन्वय के साथ काम कर रही हैं।”
इज़राइली सरकार ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए है। सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी अनजान वस्तु,संदिग्ध गतिविधि या चेतावनी सायरन पर त्वरित प्रतिक्रिया दें। नागरिकों को अपने बंकर या सुरक्षित शरण स्थलों की जानकारी रखने की सलाह दी गई है।
सरकार ने यह भी कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो सीमावर्ती क्षेत्रों में अतिरिक्त सैन्य कार्रवाई की जा सकती है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की गई है कि वह क्षेत्र में शांति बनाए रखने के प्रयासों को बढ़ाए।
ईरान और इज़राइल के बीच हालिया मिसाइल हमला केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि एक बड़े क्षेत्रीय संघर्ष की चेतावनी है। इसमें निर्दोष नागरिकों की जान गई है और कई लोग घायल हुए हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या यह हमला केवल जवाबी कार्रवाई थी या आने वाले समय में एक पूर्ण युद्ध की शुरुआत है?
स्थिति बेहद संवेदनशील है और आने वाले कुछ दिन इस पूरे संघर्ष के भविष्य को तय कर सकते हैं। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका अब अत्यंत महत्वपूर्ण हो गई है,ताकि इस आग को और न भड़काया जाए,बल्कि शांति और स्थिरता की दिशा में कदम उठाए जाएँ।
