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इस्लामाबाद कोर्ट में आत्मघाती हमले में 12 लोगों की मौत,मंत्री ने कहा- पाकिस्तान युद्ध की स्थिति में

इस्लामाबाद,12 नवंबर (युआईटीवी)- इस्लामाबाद में सोमवार को जिला अदालत परिसर में एक घातक आत्मघाती हमला हुआ,जिसमें कम-से-कम 12 लोग मारे गए और दो दर्जन से अधिक अन्य घायल हो गए। यह हाल के महीनों में पाकिस्तान की राजधानी में हुए सबसे घातक हमलों में से एक है।

पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार,हमला तब शुरू हुआ जब दो हथियारबंद लोग एफ-8 सेक्टर स्थित अदालत परिसर में घुस आए और गोलीबारी शुरू कर दी,फिर अदालत कक्ष में विस्फोटकों से विस्फोट कर दिया। विस्फोट से अफरा-तफरी मच गई और वकील,न्यायाधीश और नागरिक धुएँ और मलबे के बीच अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि मृतकों में एक वरिष्ठ न्यायाधीश और कई वकील शामिल हैं।

गृह मंत्री मोहसिन नक़वी ने हमले की निंदा करते हुए इसे “न्याय और क़ानून के शासन पर हमला” बताया। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, “पाकिस्तान युद्ध की स्थिति में है। दुश्मन हमारी संस्थाओं को अस्थिर करना और भय फैलाना चाहता है,लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे।” उन्होंने आगे कहा कि सुरक्षा बलों ने देश भर में आतंकवादी नेटवर्क के खिलाफ अभियान तेज कर दिए हैं।

बचाव दल और कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने तुरंत इलाके की घेराबंदी कर दी,जबकि घायलों को पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीआईएमएस) अस्पताल ले जाया गया,जहाँ कई की हालत गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों को संदेह है कि हमलावर कबायली इलाकों में सक्रिय प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों से जुड़े थे,हालाँकि किसी भी समूह ने तुरंत जिम्मेदारी नहीं ली है।

प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ़ ने भी इस घटना की निंदा करते हुए इसे “आतंकवाद का कायराना कृत्य” बताया। एक बयान में,उन्होंने अपराधियों को सज़ा दिलाने का संकल्प लिया और देश से आतंकवाद के सफ़ाए के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई।

इस हमले से आतंकवादी हिंसा के फिर से उभरने की आशंकाएँ फिर से पैदा हो गई हैं,विशेष रूप से राजधानी में,जो चरमपंथी समूहों के खिलाफ सैन्य अभियानों की श्रृंखला के बाद हाल के वर्षों में काफी हद तक शांतिपूर्ण रही थी।

इस्लामाबाद और अन्य प्रमुख शहरों में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और अधिकारियों ने संभावित हमलों की चेतावनी दी है। पाकिस्तान एक और त्रासदी के शोक में डूबा हुआ है और सरकार पर ख़ुफ़िया समन्वय को मज़बूत करने और सार्वजनिक संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का दबाव बढ़ रहा है।

मंत्री नक़वी ने कहा, “यह सिर्फ़ अदालत पर हमला नहीं है। यह पाकिस्तान की स्थिरता और लोकतंत्र पर हमला है और हम पूरी ताक़त से इसका जवाब देंगे।”