डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू (तस्वीर क्रेडिट@Rohitjain2799)

इजराइल-हमास तनाव फिर से भड़कने की कगार पर,इजरायल ने सेना को अलर्ट किय,ट्रंप ने हमास को दी धमकी

तेल अवीव,16 अक्टूबर (युआईटीवी)- गाज़ा में छठे दिन जारी नाज़ुक युद्धविराम के बीच इजरायली रक्षा मंत्री इज़राइल काट्ज़ ने साफ चेतावनी दी है कि यदि हमास ने अपनी सैन्यकृत स्थिति हटाई और जिन बंदियों के शव उसकी हिरासत में हैं,उन्हें लौटा कर सत्यापित नहीं किया,तो इजरायल फिर से सैन्य कार्रवाई पर लौट सकता है। काट्ज़ ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और चीफ ऑफ स्टाफ के साथ हुई बैठक में सेना को कहा कि अगर आवश्यक हुआ,तो एक विस्तृत योजनात्मक ऑपरेशन तैयार किया जाए,ताकि हमास को पूरी तरह हराया जा सके और गाज़ा पट्टी को “विसैन्यीकृत” किया जा सके।

युद्धविराम के दौरान हमास ने बुधवार को दो और शव सौंपे और कहा कि ये उसके पास मौजूद बचे हुए आख़िरी शव हैं,लेकिन इस कदम ने शांति को और नाज़ुक बना दिया। इजरायल ने जिन कुछ शवों की पहचान के लिए फोरेंसिक जाँच कराई,उनमें से कुछ की पहचान संभव हुई,जबकि एक शव की रिपोर्ट ने कहा कि वह किसी भी ज्ञात अपहृत का नहीं है,जिससे दोनों पक्षों के बीच अविश्वास बढ़ गया है और समझौते की विश्वसनीयता पर सवाल उठे हैं। इस संदर्भ में यह भी रिपोर्ट हुई है कि हमास ने अब तक उन शवों की संख्या लौटाने का दावा किया है,जिन्हें वह आसानी से पहुँचा सकता था,पर कई शवों को मलबे या कठिन सफाई ज़रूरत के कारण निकालना कठिन बताया जा रहा है।

इज़राइल का रुख स्पष्ट है कि वह चाहता है कि हमास न सिर्फ शव लौटाए,बल्कि अपने हथियार और शहरी-ढाँचे,विशेषकर सुरंगों और आतंकवादी इंफ्रास्ट्रक्चर को नष्ट करे,ताकि भविष्य में इस पट्टी से इज़राइल के लिए समरूपी खतरा समाप्त हो सके। काट्ज़ ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में एक अंतर्राष्ट्रीय बल के साथ मिलकर यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएँगे कि गाज़ा “डिमिलिटरीज़” हो और वहाँ से कोई खतरनाक ढाँचा न बचे। इस दावे ने वैश्विक और क्षेत्रीय कूटनीति पर फिर से दबाव डाला है क्योंकि ऐसे कदमों का मानवीय और राजनीतिक प्रभाव गहरा होगा।

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी अपनी टिप्पणी में कहा कि हमास के अंदर “गिरोह” और “हिंसक गिरोहों” का सफाया होने की जानकारी है और अगर वे (हमास) समझौते का पालन नहीं करते,तो इजराइल वापस “सड़कों” पर आ जाएगा। स्पष्ट शब्दों में उन्होंने इजरायल के फिर से गाज़ा में दाखिल होने की संभावना की वकालत की। ट्रम्प ने कहा कि वे इस मसले पर और जानकारी जुटा रहे हैं और संभव है कि हमास के अंदर अलग-अलग हिंसक समूह हों जिनसे निपटना पड़े। उनकी टिप्पणी ने सौदे की शर्तों पर अमेरिका की सक्रियता और सहमति को रेखांकित किया।

फीलहाल, युद्धविराम के टूटने का ख़तरा मानवीय संकट को भी और गहरा कर रहा है। गाज़ा में नागरिकों के लिए खाद्य,पानी और चिकित्सा सामग्री की कमी बनी हुई है और सीमा पर मानवीय सहायता रह-रहकर रुकती रही है। इजराइल की कुछ रिपोर्टों के मुताबिक़ उसने सहायता प्रवाह को भी संकुचित कर दिया है,यह कहते हुए कि हमास समझौते का पालन करें,वहीं अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन और संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी दी है कि नागरिकों को युद्ध का भुगतान नहीं करना चाहिए और मानवीय मार्गों को खुले रखना अनिवार्य है। ऐसे समय में किसी भी नई सैन्य कार्रवाई के मानवीय परिणाम विनाशकारी होंगे।

राजनीतिक और क्षेत्रीय परिप्रेक्ष्य भी जटिल बने हुए हैं। इजराइल के भीतर और क्षेत्र में भी इस प्रतिक्रिया की नीतिगत वैधता पर बहस है कि कुछ क़ट्टरी सुरक्षावादी आवाज़ें अधिक कड़े उपायों की माँग कर रही हैं,जबकि कुछ कूटनीतिक दल यह कहते हैं कि बड़े पैमाने पर आक्रमण से मानवीय और राजनीतिक कीमत बहुत भारी होगी। मध्यस्थ देशों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। वे दोनों पक्षों के बीच बचे हुए मुद्दों को सुलझाने और मानवीय सहायता को सुनिश्चित करने के लिए दबाव बना रहे हैं।

नतीजा यह है कि वर्तमान शांति समझौता नाज़ुक और अर्ध-स्थायी लगता है। शवों की अदला-बदली और मृतकों की पहचान के इर्द-गिर्द बनी अनिश्चितता ने भरोसे को कमजोर कर दिया है और कट्टर रुख़ अपनाने वाले निर्णय दोनों ओर से लड़ाई की चरमराहट में बदल सकते हैं। यदि हमास ने वादे पूरे नहीं किए तो इजराइल के पास सैन्य विकल्प खुले हैं और अमेरिका ने भी संकेत दिए हैं कि वह आवश्यकतानुसार इसमें भूमिका निभा सकता है।

इजरायल और हमास के बीच युद्धविराम एक नाजुक मोड़ पर खड़ा है। इजरायल काट्ज़ की धमकी और हमास के बंधकों के शवों को पूरी तरह से वापस न लौटाने का दावा, इस क्षेत्र में शांति के भविष्य पर एक बड़ा प्रश्नचिह्न लगाता है। इजरायल हमास के अस्तित्व को पूरी तरह से समाप्त करना चाहता है,जबकि हमास अपनी ‘सुरक्षा और प्रतिरोध’ के अधिकार पर जोर दे रहा है और पूरी तरह से निरस्त्रीकरण से इनकार कर रहा है।

अमेरिकी मध्यस्थता में हुआ यह युद्धविराम समझौता अभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हो पाया है और दोनों पक्षों के बीच अविश्वास की गहरी खाई है। काट्ज़ ने सेना को जो निर्देश दिए हैं,वे यह दर्शाते हैं कि इजरायल युद्ध को फिर से शुरू करने के विकल्प को गंभीरता से ले रहा है। यदि हमास अमेरिकी शांति योजना की प्रमुख शर्तों, विशेष रूप से निरस्त्रीकरण और सभी मृत बंधकों के शवों की वापसी,को पूरा करने में विफल रहता है,तो गाजा में एक बार फिर भीषण लड़ाई छिड़ सकती है,जिसके परिणाम मध्य पूर्व और दुनिया के लिए गंभीर हो सकते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि क्या कूटनीतिक प्रयास इस युद्धविराम को बचा पाएँगे या गाजा पट्टी एक बार फिर से विनाशकारी संघर्ष के चंगुल में फँस जाएगी।