गाजा में इजरायली हमलों ने मचाई तबाही (तस्वीर क्रेडिट@mahisayss__)

गाजा में इजरायली हमलों ने मचाई तबाही,400 से अधिक लोगों की हुई मौत

गाजा,19 मार्च (युआईटीवी)- गाजा में इजरायली हवाई हमलों ने भारी तबाही मचाई है,जिससे 400 से अधिक लोगों की जान चली गई है। यह हमले हाल ही में गाजा पट्टी में शुरू हुए, जहाँ इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) और इजरायली सुरक्षा एजेंसी शिन बेट ने संयुक्त रूप से बयान जारी कर कहा कि वे आतंकवादी ठिकानों पर हमले जारी रखेंगे। इन हमलों के कारण गाजा में एक बार फिर से हिंसा का सिलसिला तेज हो गया है और युद्धविराम समझौते के टूटने का खतरा पैदा हो गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार,गाजा के हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक युद्ध शुरू होने के बाद से यह एक दिन में सबसे बड़ी संख्या में मौतें हुई हैं। मंत्रालय ने कहा कि इन हमलों में 404 लोग मारे गए हैं,जिनमें कई बच्चे भी शामिल हैं और 562 लोग घायल हुए हैं। यह स्थिति बहुत ही नाजुक है, जहाँ हर रोज़ हजारों लोग अपनी जान गंवा रहे हैं और नागरिकों के बीच डर का माहौल बना हुआ है।

इजरायली सेना ने हमलों के बाद नए निकासी आदेश जारी किए हैं। बेत हनून, खुज़ा, अबासन अल-कबीरा और अल-जदीदा जैसे क्षेत्रों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है। आईडीएफ के प्रवक्ता ने एक्स पर कहा कि इन लोगों को पश्चिमी गाजा शहर और खान यूनिस में स्थित आश्रयों में तुरंत जाने के लिए कहा गया है,ताकि उन्हें हवाई हमलों से बचाया जा सके।

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया है कि इजरायल हमास के खिलाफ सैन्य कार्रवाई को बढ़ाएगा। बयान में यह भी कहा गया कि हमास ने बंधकों को रिहा करने से इनकार किया है और युद्धविराम के प्रस्तावों को भी खारिज किया है,जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है। नेतन्याहू ने कहा कि हमास की कार्रवाइयों से इजरायल की कार्रवाई को और भी मजबूती मिलेगी और हमास को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

वहीं,दूसरी ओर,हमास ने इजरायल पर रक्षाहीन नागरिकों पर हमला करने का आरोप लगाया है। हमास ने कहा कि मध्यस्थों को युद्धविराम के उल्लंघन के लिए इजरायल को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराना चाहिए। हमास का कहना है कि इजरायल की कार्रवाईयों से न केवल गाजा में मानवाधिकारों का उल्लंघन हो रहा है,बल्कि नागरिकों की जिंदगी भी संकट में डाल दी गई है। हमास ने यह भी कहा कि इजरायल की सैन्य कार्रवाई से युद्धविराम समझौते को नुकसान हुआ है और अब शांति की प्रक्रिया को और भी कठिन बना दिया है।

गाजा में इजरायल के हवाई हमलों ने न केवल नागरिकों के घरों और शिविरों को नुकसान पहुँचाया,बल्कि पूरे गाजा पट्टी के उत्तरी से लेकर दक्षिणी हिस्से तक तबाही मचाई है। चश्मदीदों ने बताया कि इजरायली टैंकों ने गाजा की सीमा रेखा पार कर गोलाबारी की,जिससे और भी अधिक नुकसान हुआ। इन हमलों से पूरी गाजा पट्टी में भय और अफरातफरी का माहौल बन गया है। यह स्थिति इस बात की ओर इशारा करती है कि युद्धविराम के लिए किए गए प्रयास अब तक सफल नहीं हो सके हैं और दोनों पक्षों के बीच शांति स्थापित करने की कोई ठोस पहल नहीं हो पाई है।

गाजा में इस हिंसा के कारण बंधकों के परिवारों की उम्मीदों पर भी चोट आई है। बंधकों और लापता परिवारों के फोरम द्वारा जारी किए गए बयान में कहा गया कि उनका सबसे बड़ा डर सच हो गया है। बयान में यह भी कहा गया कि इजरायली सरकार ने बंधकों को उनके हाल पर छोड़ने का फैसला किया है और यह प्रक्रिया जानबूझकर खत्म की जा रही है। बंधकों के परिवारों ने इस पर हैरानी और गुस्सा जताया है और आरोप लगाया है कि इजरायल सरकार अपनी नीतियों के तहत बंधकों को वापस लाने की प्रक्रिया को पूरी तरह से खत्म कर रही है। इस बयान ने इजरायल की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठाए हैं और इसे पूरी दुनिया में आलोचना का सामना करना पड़ा है।

इजरायल ने अपनी सैनिक कार्रवाई से पहले अमेरिका से भी चर्चा की थी। व्हाइट हाउस ने यह खुलासा किया कि इजरायल ने अमेरिका से परामर्श किया था। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने बताया कि इजरायल ने अमेरिका से गाजा में अपने हमलों के बारे में बात की थी। इस स्थिति से यह भी साबित होता है कि इस संघर्ष में अमेरिका की भूमिका भी महत्वपूर्ण है और इजरायल के साथ उसकी सैन्य और कूटनीतिक साझेदारी जारी है।

यह संघर्ष 7 अक्टूबर, 2023 से शुरू हुआ था,जब फिलिस्तीनी समूह हमास ने इजरायल पर बड़ा हमला किया था। इस हमले में 1,200 लोग मारे गए थे और लगभग 250 लोग बंधक बनाए गए थे। इसके बाद से इजरायल ने हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी पर हमले तेज कर दिए थे और अब तक इन हमलों में हजारों फिलिस्तीनी नागरिकों की जान जा चुकी है। गाजा शहर की हालत इतनी खराब हो गई है कि यह पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका है। फिलिस्तीनी नागरिकों को जान-माल का भारी नुकसान उठाना पड़ा है और इस संघर्ष ने पूरे क्षेत्र में मानवीय संकट को जन्म दिया है।

समाप्त होते युद्धविराम,बढ़ती हिंसा और बढ़ती मौतों की संख्या,यह दर्शाता है कि गाजा में शांति की संभावना अब और भी कम हो गई है। दोनों पक्षों के बीच संघर्ष तेज हो गया है और इसमें आम नागरिकों की जान का नुकसान हो रहा है। यह युद्ध अब न केवल इजरायल और हमास के बीच, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर संकट बन गया है।