टोक्यो,8 सितंबर (युआईटीवी)- जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा ने हाल के चुनावों में अपनी पार्टी की ऐतिहासिक हार के बाद 7 सितंबर,2025 को अपने इस्तीफे की घोषणा की। सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) ने जुलाई 2025 में पार्षदों के सदन के चुनाव में जापानी संसद के दोनों सदनों में अपना बहुमत खो दिया। हालाँकि,इशिबा ने शुरुआत में पद छोड़ने के आह्वान का विरोध किया,लेकिन अंततः उन्होंने पार्टी के भीतर और अधिक विभाजन को रोकने और पार्टी की आंतरिक गतिशीलता को स्थिर करने के लिए इस्तीफा देने का फैसला किया।
अक्टूबर 2024 में पदभार ग्रहण करने वाले इशिबा को अपने कार्यकाल के दौरान कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। चुनाव के बाद उनकी अनुमोदन रेटिंग गिरकर 23% रह गई,जो जनता में बढ़ते असंतोष को दर्शाती है। बढ़ती उपभोक्ता कीमतों और संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापार वार्ता में कठिनाइयों जैसे आर्थिक मुद्दों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। इसके अलावा,एक उपहार घोटाले की खबरों ने उनके नेतृत्व में जनता के विश्वास को और कम कर दिया,जिससे उनके लिए पार्टी के भीतर और मतदाताओं के बीच समर्थन बनाए रखना मुश्किल हो गया।
एलडीपी अब नए राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के चयन के लिए नेतृत्व चुनाव की तैयारी कर रही है। संभावित उम्मीदवारों में पूर्व रक्षा मंत्री साने ताकाइची और पूर्व पर्यावरण मंत्री शिंजिरो कोइज़ुमी शामिल हैं। इस नेतृत्व दौड़ का परिणाम जापान की राजनीतिक दिशा निर्धारित करने के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि वह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों का सामना कर रहा है।
इशिबा का इस्तीफा जापान के राजनीतिक परिदृश्य के लिए एक महत्वपूर्ण मोड़ है। जैसे-जैसे एलडीपी इस बदलाव से गुज़र रही है,नए नेतृत्व को न केवल आंतरिक मतभेदों को दूर करना होगा,बल्कि आर्थिक स्थिरता,शासन और वैश्विक मंच पर जापान की भूमिका से जुड़ी व्यापक चिंताओं को भी दूर करना होगा। आने वाले महीने जापान के भविष्य के लिए निर्णायक होंगे।