वाशिंगटन,20 नवंबर (युआईटीवी)- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार उस बहुप्रतीक्षित बिल पर हस्ताक्षर कर दिए हैं,जिसके तहत दोषी यौन अपराधी जेफरी एपस्टीन से जुड़ी जाँच फाइलों को सार्वजनिक किया जाएगा। यह निर्णय बुधवार देर शाम ट्रंप ने आधिकारिक रूप से घोषित किया,जिसके बाद अमेरिकी राजनीति में नई बहस की शुरुआत हो गई है। कांग्रेस इस बिल को पहले ही भारी बहुमत से पास कर चुकी थी,लेकिन राष्ट्रपति की मंजूरी का इंतजार था। इस बिल के लागू होते ही डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस (डीओजे) को एपस्टीन की गतिविधियों की अपनी विस्तृत जाँच से जुड़े सभी दस्तावेज़ 30 दिनों के भीतर सार्वजनिक करने होंगे और उन्हें सर्च और डाउनलोड योग्य फॉर्मेट में उपलब्ध कराना होगा।
हालाँकि,ट्रंप ने प्रारंभिक चरण में इस बिल का खुलकर विरोध किया था,लेकिन हाल के दिनों में उन्होंने अपना रुख बदला और दस्तावेज़ों को सार्वजनिक करने का समर्थन किया। 2019 में फेडरल कस्टडी में एपस्टीन की मौत के बाद से यह मामला राजनीतिक और सार्वजनिक बहस का विषय बना हुआ है। एपस्टीन पर नाबालिग लड़कियों के साथ यौन उत्पीड़न,सेक्स ट्रैफिकिंग और प्रभावशाली लोगों के साथ आपत्तिजनक संबंधों के गंभीर आरोप थे। उसकी रहस्यमयी मौत ने इस केस को और विवादास्पद बना दिया।
इस बिल को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में 427-1 के भारी अंतर से पास किया गया था। इसके बाद सीनेट ने भी बिना किसी विरोध के इसे मंजूरी दी। वोटिंग से पहले डेमोक्रेट और रिपब्लिकन नेताओं के बीच बहस काफी तीखी रही। दोनों पार्टियों ने एक-दूसरे पर दस्तावेजों को सार्वजनिक करने में देरी का आरोप लगाया। रिपब्लिकन नेताओं का कहना था कि डेमोक्रेट्स मामले को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं,जबकि डेमोक्रेट्स ने पलटवार करते हुए कहा कि रिपब्लिकन नेतृत्व,खासकर ट्रंप प्रशासन,वर्षों तक इन फाइलों को छुपाता रहा।
हाउस के स्पीकर माइक जॉनसन ने वोटिंग के दौरान ट्रंप का बचाव किया और कहा कि राष्ट्रपति का इससे कोई लेना-देना नहीं है और उनके पास छुपाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने फाइलों को सार्वजनिक करने का समर्थन किया,लेकिन साथ ही डेमोक्रेट्स की आलोचना भी की कि उन्होंने इसे अभी आगे बढ़ाकर इसे अनावश्यक रूप से राजनीतिक रंग दिया है। स्पीकर जॉनसन ने कहा कि यह मुद्दा लंबे समय से पड़ा हुआ था,लेकिन जैसे ही रिपब्लिकन नेतृत्व ने इसका समर्थन किया,इसे तेजी से पारित कर दिया गया।
दरअसल,ट्रंप प्रशासन ने महीनों तक एपस्टीन से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने का विरोध किया था,लेकिन पिछले रविवार को ट्रंप ने एक बड़ा संकेत देते हुए कहा था कि रिपब्लिकन सांसद इस बिल के समर्थन में वोट कर सकते हैं। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म “ट्रूथ” पर लिखते हुए डेमोक्रेट्स पर हमला बोला और कहा कि एपस्टीन जीवनभर डेमोक्रेट रहा और उसने डेमोक्रेट नेताओं को हजारों डॉलर दान किए। उन्होंने कई डेमोक्रेट नेताओं के नाम गिनाए,जिनमें पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन,लैरी समर्स,राजनीतिक कार्यकर्ता रीड हॉफमैन,माइनॉरिटी लीडर हकीम जेफ्रीज और कांग्रेसवुमन स्टेसी प्लास्केट शामिल थे। ट्रंप ने दावा किया कि इन सभी के एपस्टीन से गहरे संबंध रहे हैं और अब इन संबंधों की सच्चाई जल्द सामने आ जाएगी।
ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने हाउस के स्पीकर माइक जॉनसन और सीनेट मेजॉरिटी लीडर जॉन थ्यून से आग्रह किया था कि इस बिल को जितनी जल्दी हो सके हाउस और सीनेट में पारित कराया जाए। ट्रंप के अनुसार,उनकी पहल पर डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस पहले ही कांग्रेस को लगभग पचास हजार पेज के दस्तावेज सौंप चुका है। उन्होंने बाइडेन प्रशासन पर भी हमला करते हुए कहा कि उन्होंने एक भी फाइल या पेज डेमोक्रेट एपस्टीन से जुड़े मामलों का नहीं सौंपा और न ही इस विषय पर कभी बात की।
राष्ट्रपति ट्रंप ने आरोप लगाया कि डेमोक्रेट्स एपस्टीन के मुद्दे का उपयोग जनता का ध्यान भटकाने के लिए कर रहे हैं,जबकि असल में यह मुद्दा उन्हें रिपब्लिकन पार्टी से अधिक प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि डेमोक्रेट्स इस मामले का इस्तेमाल इसलिए कर रहे हैं,ताकि रिपब्लिकन पार्टी की हाल की उपलब्धियों को दबाया जा सके। इनमें — ‘द बिग ब्यूटीफुल बिल’,मजबूत सीमाओं की नीति,महिलाओं के खेलों में जैविक पुरुषों की भागीदारी पर रोक,डीईआई (डाइवर्सिटी, इक्विटी ऐंड इंक्लूजन) नीतियों को समाप्त करना,मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना,कर और विनियमन कटौती,आठ युद्धों को समाप्त करना,अमेरिकी सेना का पुनर्निर्माण,ईरान की परमाणु क्षमता को खत्म करना और अमेरिकी अर्थव्यवस्था में खरबों डॉलर का निवेश —जैसी उपलब्धियाँ शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में सरकारी शटडाउन के मामले में उन्होंने डेमोक्रेट्स को बड़ी राजनीतिक हार दी।
अब जबकि बिल पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर हो चुके हैं,अगले 30 दिनों में डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस को हजारों पन्नों और डिजिटल रिकॉर्ड को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध कराना होगा। इन दस्तावेजों में एपस्टीन की गतिविधियों,उनके संपर्कों,उनके कथित ‘क्लाइंट नेटवर्क’ और उन पावरफुल लोगों के नाम शामिल हो सकते हैं,जिन्होंने वर्षों तक उनके प्राइवेट आइलैंड और उनके विमान में सफर किया। यह भी उम्मीद की जा रही है कि दस्तावेज़ों में एपस्टीन की 2019 में कस्टडी के दौरान हुई रहस्यमयी मौत से जुड़े सुराग भी हो सकते हैं,जिसे आधिकारिक तौर पर आत्महत्या बताया गया था,लेकिन उस पर आज भी सवाल उठते रहे हैं।
अमेरिका में यह मामला हमेशा से राजनीतिक विस्फोट जैसा रहा है। एपस्टीन के हाई-प्रोफाइल संपर्कों में दुनिया भर की राजनीति,व्यवसाय,शिक्षा और मनोरंजन जगत की प्रमुख हस्तियाँ शामिल रही हैं। इसी वजह से यह बिल न सिर्फ राजनीतिक पारदर्शिता के मुद्दे से जुड़ा है,बल्कि यह उन सभी सवालों से भी जुड़ा है,जिनका जवाब अमेरिकी जनता वर्षों से तलाश रही है। अब जब दस्तावेज़ सार्वजनिक होने वाले हैं,तो आने वाले दिनों में अमेरिकी राजनीति में नई हलचल होना तय है। दोनों पार्टियों के नेताओं,अरबपतियों,कारोबारियों और कई वैश्विक हस्तियों के नाम इन दस्तावेजों में सामने आ सकते हैं,जो न सिर्फ राजनीतिक विवाद बढ़ाएँगे,बल्कि कई करियर भी प्रभावित कर सकते हैं।
ट्रंप का अंतिम निर्णय,जिसमें उन्होंने अपने पिछले विरोध को पीछे छोड़कर दस्तावेज़ों को सार्वजनिक करने की मंजूरी दी,आगामी चुनावी माहौल में एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है। इससे रिपब्लिकन पार्टी को पारदर्शिता के पक्षधर के रूप में देखा जा सकता है,जबकि डेमोक्रेट्स पर दबाव बढ़ जाएगा कि वे भी मामले की पूरी जानकारी जनता के सामने लाएँ। अब सबकी नज़रें उन दस्तावेज़ों पर होंगी,जो 30 दिनों के भीतर सामने आने वाले हैं और जो आने वाले महीनों में अमेरिकी राजनीति की दिशा तय कर सकते हैं।

