वाशिंगटन,14 अक्टूबर (युआईटीवी)- मध्य पूर्व में लंबे समय से जारी संघर्ष के बीच आखिरकार एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आई है। गाजा में हमास द्वारा बंधक बनाए गए अंतिम 20 जीवित लोगों की रिहाई और नए युद्धविराम समझौते के बाद,पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने इस समझौते का गर्मजोशी से स्वागत किया है। बाइडेन ने इस मानवीय सफलता के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनकी टीम की सराहना की,जिन्होंने इस समझौते को अंतिम रूप देने में अहम भूमिका निभाई।
पूर्व राष्ट्रपति बाइडेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने आधिकारिक पोस्ट में कहा, “मैं बेहद आभारी और राहत महसूस कर रहा हूँ कि यह दिन आखिरकार आ गया है — उन आखिरी 20 जीवित बंधकों के लिए,जो अकल्पनीय नरक से गुजरे और अब अपने परिवारों और प्रियजनों से मिल सके हैं। साथ ही गाजा के उन नागरिकों के लिए भी यह एक नई शुरुआत है,जिन्होंने अथाह पीड़ा झेली। अब उन्हें अपने जीवन को फिर से पटरी पर लाने का अवसर मिलेगा।”
बाइडेन ने आगे कहा कि इस युद्धविराम समझौते तक पहुँचना आसान नहीं था। उन्होंने बताया कि उनके प्रशासन ने बंधकों की रिहाई,फिलिस्तीनी नागरिकों तक राहत पहुँचाने और हिंसा को समाप्त करने के लिए अथक प्रयास किए थे। बाइडेन ने कहा, “मैं राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम की सराहना करता हूँ कि उन्होंने इस नए युद्धविराम समझौते को अंतिम रूप देने के लिए काम किया। यह न केवल अमेरिका के लिए,बल्कि पूरी दुनिया के लिए शांति की दिशा में एक ऐतिहासिक क्षण है।”
बाइडेन ने अपने संदेश में यह भी लिखा कि अब जब युद्धविराम प्रभावी हो गया है,तो मध्य पूर्व शांति की राह पर अग्रसर है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह शांति स्थायी बनेगी और इजरायल तथा फिलिस्तीन दोनों के लोगों के लिए समान रूप से सम्मान, सुरक्षा और स्थिरता का युग लेकर आएगी। उन्होंने लिखा, “संयुक्त राज्य अमेरिका और पूरी दुनिया के समर्थन से अब मध्य पूर्व एक नई दिशा में बढ़ रहा है। मेरी कामना है कि यह शांति कायम रहे और दोनों समुदाय एक-दूसरे के प्रति सद्भाव और सहयोग का उदाहरण बनें।”
गौरतलब है कि सोमवार को हमास ने गाजा में बचे हुए 20 बंधकों को रिहा कर दिया। यह रिहाई लगभग 2,000 फिलिस्तीनी बंदियों के साथ हुए एक बड़े अदला-बदली समझौते का हिस्सा थी। यह समझौता लंबे समय से चल रहे संघर्ष को समाप्त करने की दिशा में अब तक का सबसे महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
रिपोर्ट्स के अनुसार,बंधकों की रिहाई के बाद मिस्र के शर्म अल-शेख में एक महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया। इस सम्मेलन की सह-अध्यक्षता अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी ने की। सम्मेलन में 20 से अधिक देशों के विश्व नेता शामिल हुए। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि सीमित युद्धविराम को एक स्थायी और दीर्घकालिक शांति समझौते में बदला जा सके।
शिखर सम्मेलन के दौरान डोनाल्ड ट्रंप ने घोषणा की, “आखिरकार,मध्य पूर्व में शांति आ गई है।” ट्रंप ने कहा कि इस युद्धविराम समझौते को बनाए रखना अब वैश्विक समुदाय की साझा जिम्मेदारी है। उन्होंने जोर दिया कि यह सिर्फ एक राजनीतिक जीत नहीं,बल्कि मानवता की जीत है। ट्रंप ने बताया कि अमेरिका,मिस्र और कतर जैसे देशों ने पर्दे के पीछे इस समझौते को संभव बनाने के लिए महीनों तक गुप्त कूटनीतिक वार्ताएँ कीं।
इस समझौते के तहत न केवल बंधकों की रिहाई शामिल है,बल्कि गाजा में मानवीय सहायता बढ़ाने,नागरिक बुनियादी ढाँचे की बहाली और संघर्षग्रस्त इलाकों में संयुक्त निगरानी तंत्र स्थापित करने का भी प्रस्ताव है। इसके अतिरिक्त,इस समझौते का एक प्रमुख बिंदु यह है कि दोनों पक्ष अब प्रत्यक्ष हमले या सीमा पार गोलाबारी से बचेंगे और कूटनीतिक बातचीत को प्राथमिकता देंगे।
विश्लेषकों का कहना है कि बाइडेन द्वारा ट्रंप की खुलकर प्रशंसा करना अमेरिकी राजनीति में एक दुर्लभ घटना है,क्योंकि दोनों नेताओं के बीच लंबे समय से राजनीतिक मतभेद रहे हैं। हालाँकि,यह बयान यह दर्शाता है कि जब बात वैश्विक शांति और मानवीय सरोकारों की आती है,तो राजनीतिक सीमाएँ गौण हो जाती हैं। बाइडेन का यह कदम अमेरिका की विदेश नीति में निरंतरता और सहयोग की भावना को भी मजबूत करता है।
अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इस कदम का स्वागत किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटेरेस ने इसे “ऐतिहासिक और मानवीय उपलब्धि” बताया। वहीं यूरोपीय संघ,ब्रिटेन,फ्रांस और भारत जैसे देशों ने भी इस पहल का समर्थन किया और उम्मीद जताई कि यह संघर्ष के स्थायी समाधान की दिशा में पहला ठोस कदम साबित होगा।
मध्य पूर्व की जमीनी परिस्थितियों को देखते हुए यह युद्धविराम समझौता एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। अगर यह पहल टिकाऊ साबित होती है,तो यह न केवल गाजा और इजरायल के लिए,बल्कि पूरी दुनिया के लिए स्थिरता और शांति का नया अध्याय खोलेगी और जैसा कि ट्रंप ने कहा, “अब समय आ गया है कि दुनिया युद्ध की जगह इंसानियत को चुने।”
