बेंगलुरू, 21 जनवरी (युआईटीवी/आईएएनएस)- कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक मैट्रिमोनियल साइट के दो कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया है। इन कर्मचारियों के खिलाफ साइट के माध्यम से एक अच्छे वर (दूल्हे) का वादा करके एक युवती को धोखा देने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद कन्नड़ मैट्रीमोनी के कर्मचारी विजय कुमार और चंद्रशेखर ने अपने खिलाफ दर्ज मामले को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की। दोनों कर्मचारियों की याचिका पर न्यायमूर्ति हेमंत चंदन गौदर की एकल पीठ ने सुनवाई की थी।
पीठ ने इस संबंध में शिकायत और दस्तावेजों का सत्यापन करने के बाद कहा कि आरोपी के खिलाफ मुख्य आरोप अच्छे वर का वादा कर 3,700 रुपये लेने का है। उनपर आरोप लगाया है कि उन्होंने अपना काम नहीं किया और शिकायतकर्ता को धोखा दिया। पीठ ने कहा कि यह साबित करने के लिए सबूत हैं कि मैट्रिमोनियल स्टाफ का इरादा लड़की को धोखा देने का था और इसलिए मैट्रिमोनियल साइट के स्टाफ के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।
पीठ ने कहा कि आईपीसी की धारा 420 के तहत आरोप को साबित करने के लिए कोई तत्व नहीं है और अगर मामला जारी रहता है, तो यह न्यायपालिका के दुरुपयोग के बराबर है। याचिकाकर्ताओं के खिलाफ यह मामला अवैध है।
रिपोर्ट के अनुसार, एक महिला ने 3,700 रुपए देकर मैट्रिमोनियल साइट पर रजिस्ट्रेशन कराया था। अमेरिका के एक अमित दीपक ने साइट के माध्यम से उससे परिचय कराया था। उसने यह कहकर उससे 1.70 लाख रुपये ले लिए कि सीमा शुल्क अधिकारियों ने उसे गहने लाते समय रोका और उसके साथ धोखा किया।
महिला ने अमित दीपक और मेट्रिमोनियल साइट के दो कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 और आईटी एक्ट की धारा 66 (डी) के तहत शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन की थी। कर्मचारियों ने अपने खिलाफ प्राथमिकी रद्द करने की मांग को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया था।