लिवरपूल,16 अगस्त (युआईटीवी)- इंग्लिश प्रीमियर लीग के नए सीजन की शुरुआत गत चैंपियन लिवरपूल ने जीत के साथ की। एनफील्ड स्टेडियम में खेले गए रोमांचक मुकाबले में लिवरपूल ने बोर्नमाउथ को 4-2 से मात दी। दर्शकों के लिए यह मुकाबला गोलों और रोमांच से भरा हुआ था,जहाँ दोनों टीमों ने बेहतरीन आक्रामक खेल दिखाया,लेकिन आखिरी पलों में लिवरपूल के खिलाड़ियों ने शानदार वापसी करते हुए तीन अंक अपने नाम कर लिए।
लिवरपूल की इस जीत के हीरो मिस्र के स्टार खिलाड़ी मोहम्मद सलाह और इटली से आए फेडेरिको चिएसा रहे,जिन्होंने आखिरी क्षणों में गोल दागकर टीम की जीत सुनिश्चित की। मैच की शुरुआत से ही लिवरपूल ने अपने आक्रामक खेल का प्रदर्शन किया। डेब्यू कर रहे ह्यूगो एकिटिके ने 37वें मिनट में गोल दागकर एनफील्ड की दर्शक दीर्घा में उत्साह भर दिया। यह गोल उनके करियर का पहला प्रीमियर लीग गोल भी था और इसने लिवरपूल को शुरुआती बढ़त दिलाई। इसके बाद 49वें मिनट में कोडी गाकपो ने शानदार गोल कर स्कोर को 2-0 कर दिया।
हालाँकि,लिवरपूल की यह बढ़त अधिक देर तक कायम नहीं रह सकी। बोर्नमाउथ के घाना से आए स्टार फॉरवर्ड एंटोनी सेमेन्यो ने अपनी टीम की उम्मीदें जिंदा रखीं और लगातार दो गोल दाग दिए। उन्होंने पहला गोल 64वें मिनट में और दूसरा 76वें मिनट में किया। उनके इन लगातार गोलों ने मुकाबले को 2-2 की बराबरी पर ला दिया। इस दौरान एनफील्ड में मौजूद लिवरपूल के समर्थकों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही थीं।
मैच में एक अप्रिय घटना ने भी सबका ध्यान खींचा। बोर्नमाउथ के खिलाड़ी एंटोनी सेमेन्यो ने नस्लवादी दुर्व्यवहार की शिकायत की,जिसके बाद खेल को कुछ मिनटों के लिए रोकना पड़ा। इस दौरान माहौल तनावपूर्ण हो गया और खिलाड़ियों के साथ-साथ दर्शकों में भी असहजता महसूस की गई। बाद में खेल दोबारा शुरू हुआ और सेमेन्यो ने जिस आत्मविश्वास के साथ लगातार दो गोल दागे,उसने लिवरपूल को झटका दे दिया। हालाँकि,मैच के बाद बोर्नमाउथ के कप्तान एडम स्मिथ ने कहा कि इस तरह की घटनाएँ बेहद शर्मनाक हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि पूरी टीम सेमेन्यो के साथ खड़ी है और फुटबॉल में इस तरह की घटनाओं की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।
मुकाबले के अंतिम पलों में लिवरपूल ने अपने खेल की धार दिखाई। 88वें मिनट में स्थानापन्न खिलाड़ी फेडेरिको चिएसा ने शानदार गोल दागते हुए टीम को 3-2 की बढ़त दिला दी। यह गोल उनके लिए भी खास रहा क्योंकि यह उनका प्रीमियर लीग डेब्यू मैच था और उन्होंने आते ही अपनी उपयोगिता साबित कर दी। इसके बाद इंजरी टाइम में मोहम्मद सलाह ने अपना जादू दिखाया। उन्होंने 94वें मिनट में विपक्षी डिफेंस को भेदते हुए शानदार शॉट लगाया और गेंद को गोलपोस्ट के निचले कोने में भेजकर स्कोर 4-2 कर दिया। इस गोल के साथ ही लिवरपूल की जीत पक्की हो गई और स्टेडियम में मौजूद दर्शकों ने जोरदार तालियों के साथ अपनी टीम का उत्साहवर्धन किया।
लिवरपूल की इस जीत से टीम ने सीजन की शानदार शुरुआत की है और खिताब बचाने की अपनी मुहिम को मजबूती दी है। मैनेजर और कोचिंग स्टाफ के लिए भी यह जीत सुकून देने वाली रही क्योंकि टीम ने एक समय मैच में नियंत्रण खो दिया था,लेकिन फिर से मजबूती से वापसी की। इस मैच ने एक बार फिर यह साबित किया कि लिवरपूल प्रीमियर लीग में कितनी ताकतवर टीम है और उनके पास ऐसे खिलाड़ी हैं,जो दबाव की स्थिति में भी खेल का रुख बदल सकते हैं।
दूसरी ओर,बोर्नमाउथ ने भी मैच में शानदार संघर्ष किया और एंटोनी सेमेन्यो का प्रदर्शन टीम के लिए बड़ी सकारात्मकता लेकर आया। हालाँकि,मैच के दौरान हुई नस्लवादी घटना ने पूरे माहौल को बिगाड़ा और इसने फुटबॉल में मौजूद चुनौतियों की ओर भी इशारा किया। बोर्नमाउथ की टीम भले ही मैच हार गई,लेकिन उन्होंने जिस तरह से लिवरपूल जैसी मजबूत टीम को कड़ी टक्कर दी,उसने उनके खेल के स्तर को साबित किया।
एनफील्ड में खेले गए इस मुकाबले ने प्रशंसकों को गोलों की बरसात और भावनाओं के उतार-चढ़ाव दोनों का अनुभव कराया। लिवरपूल की यह जीत न केवल अंक तालिका में उनके लिए महत्वपूर्ण रही बल्कि इसने टीम का आत्मविश्वास भी बढ़ाया। वहीं,बोर्नमाउथ के लिए यह हार सीख छोड़ने वाली रही कि मजबूत टीमों के खिलाफ मौके को गंवाना कितना भारी पड़ सकता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले मैचों में लिवरपूल अपनी इस लय को बरकरार रख पाता है या नहीं।