सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच

महिंद्रा और आईसीआईसी बैंक को लेकर लगे आरोपों को सेबी चेयरपर्सन और उनके पति ने खारिज किया

मुंबई,14 सितंबर (युआईटीवी)- महिंद्रा और आईसीआईसी बैंक को लेकर हाल ही में लगाए गए नए आरोपों को पूँजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने सिरे से खारिज किया।

अनियमितताओं के आरोपों के खिलाफ माधबी पुरी बुच ने अपने जवाबी पत्र में कहा कि उन्होंने सेबी में नियुक्त होने के बाद से महिंद्रा समूह,अगोरा पार्टनर्स,अगोरा एडवाइजरी,सेम्बकॉर्प,आईसीआईसीआई समूह,पिडिलाइट,डॉ रेड्डीज,विसु लीजिंग या अल्वारेज से जुड़े फाइलों को कभी भी नहीं देखा।

यह बयान सेबी की अध्यक्ष के ओर से निजी तौर पर जारी किया गया है,जिसमें सभी आरोपों को पूरी तरह से झूठा,निराधार,अपमानजनक तथा दुर्भावनापूर्ण बताया।

दंपत्ति के ओर से कहा गया कि,जो भी आरोप लगाए गए हैं,सभी झूठे,निराधार,गलत,अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण हैं। जो आरोप लगाए गए हैं,वह हमारे आयकर रिटर्न पर आधारित हैं। यदि दूसरे शब्दों में कहा जाए,तो ये सभी मामले हमारे आयकर रिटर्न का हिस्सा हैं। पूरी तरह से इन सभी मामलों का खुलासा किया गया है और इन पर टैक्स का भी भुगतान किया गया है।

माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने संयुक्त पत्र जारी कर स्पष्ट किया कि ऐसा प्रतीत होता है कि जब सलाहकार के रूप में किसी वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के जीवनसाथी को नियुक्त किया जाता है,तो इसे पेशेवर योग्यता की तरह नहीं देखा जाता है। विशेषज्ञता और योग्यता की ताकत को नजरअंदाज कर ऐसे निष्कर्ष पर पहुँचने की धारणाएँ बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हैं।

आगे उन्होंने कहा कि फर्जी और अवैध तरीके से उनका आयकर रिटर्न को प्राप्त किया गया है,जो हमारी निजता का उल्लंघन के साथ-साथ हमारे मौलिक अधिकारों का भी उल्लंघन है। इनकम टैक्स के जो नियम है,उनका भी उल्लंघन किया गया है।

बयान में स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया कि अगोरा को जो भी भुगतान आईसीआईसीआई बैंक के द्वारा किया गया। वह उसके बैंक में जमा डिपॉजिट पर ब्याज है।

एक संयुक्त बयान जारी कर बुच दम्पति ने कहा कि अवैध रूप से जानकारी जुटाकर उनके खिलाफ आरोप लगाए जाना उनके गोपनीयता कानूनों का उल्लंघन है। उन्होंने कहा कि मामले को गर्म रखने के मकसद से हम पर किस्तों में आरोप लगाए जा रहे हैं।

सेबी प्रमुख के खिलाफ मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस की तरफ से लगाए गए कई आरोपों के बाद बुच और उनके पति के ओर से यह बयान आया है। माधबी पुरी बुच पर कांग्रेस ने सेवानिवृत्ति के बाद भी आईसीआईसीआई बैंक से आय होने और वॉकहार्ट एसोसिएट्स से किराया मिलने जैसे आरोप लगाए हैं।

कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि महिंद्रा एंड महिंद्र ग्रुप को कंसल्टेंसी सर्विसेज उपलब्ध कराने वाली फर्म की 99 प्रतिशत हिस्सेदारी सेबी चीफ के पास है और उनके पति को महिंद्रा एंड महिंद्र ग्रुप से 4.78 करोड़ रुपये की आय मिली है।

कांग्रेस के इन आरोपों को लेकर महिंद्रा ग्रुप की ओर से कहा गया है कि ये आरोप झूठे और भ्रम फैलाने के उद्देश्य से लगाए गए हैं।