मलयालम फिल्म 'एम्पुरान' (तस्वीर क्रेडिट@tannhaushg)

मलयालम फिल्म ‘एम्पुरान’ आई विवादों में, रिलीज के बाद अब फिर से होगी एडिट,लगाए जाएँगे 24 कट

मुंबई,2 अप्रैल (युआईटीवी)- मलयालम फिल्म ‘एम्पुरान’ सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद से विवादों में घिरी हुई है। फिल्म के सह-निर्माता एंटनी पेरुंबवूर ने मंगलवार को इस संबंध में महत्वपूर्ण घोषणा की,जिसमें उन्होंने बताया कि फिल्म में 24 कट लगाए जाएँगे। पेरुंबवूर ने जानकारी दी कि फिल्म के पुनः संपादन पर काम चल रहा है और संपादन का एक भाग पूरा कर लिया गया है। दूसरा भाग मंगलवार को शुरू हो जाएगा और उम्मीद है कि बुधवार से फिल्म का नया संपादित वर्जन सिनेमाघरों में दिखाया जाएगा।

इस संपादन में विशेष रूप से उन दृश्यों को हटाया गया है,जिनमें एक गर्भवती महिला के साथ हिंसा दिखाई गई थी। इसके अलावा,फिल्म में खलनायक का नाम ‘बेजरंगी’ से बदलकर ‘बलदेव’ कर दिया गया है। फिल्म में केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री सुरेश गोपी के अनुरोध पर उनके नाम को ‘धन्यवाद’ स्लाइड से हटा दिया गया है। इसके अलावा,फिल्म में प्रमुख जाँच एजेंसी एनआईए का गलत तरीके से उल्लेख किया गया था,जिसे नए वर्जन में म्यूट कर दिया गया है। पेरुंबवूर ने यह भी स्पष्ट किया कि फिल्म को फिर से संपादित करने का निर्णय पूरी टीम का था और यह किसी बाहरी दबाव का परिणाम नहीं है।

पेरुंबवूर ने कहा, “हम गलत विषय पर फिल्म नहीं बनाते हैं। फिल्म को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है और किसी विवाद की कोई आवश्यकता नहीं है। फिल्म में एडिटिंग किसी बाहरी दबाव की वजह से नहीं,बल्कि कुछ दर्शकों को ध्यान में रखते हुए की गई है। जब हमें लगा कि समाज के कुछ वर्ग नाखुश हैं,तो हमने फिर से विचार करने का फैसला किया और सामूहिक रूप से इस निर्णय पर पहुँचे।”

निर्देशक पृथ्वीराज सुकुमारन पर आरोप लगाने की अटकलों को खारिज करते हुए पेरुंबवूर ने कहा कि सुपरस्टार मोहनलाल और पृथ्वीराज सुकुमारन सहित पूरी टीम फिल्म के रचनात्मक निर्णयों से पूरी तरह अवगत थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पृथ्वीराज को अलग करने का कोई कारण नहीं है और वह टीम के एक अहम सदस्य हैं। फिल्म की आलोचना आरएसएस से जुड़े प्रकाशन ‘ऑर्गनाइजर’ द्वारा की गई थी, जिसने पहले मोहनलाल और बाद में पृथ्वीराज को निशाना बनाया।

फिल्म के एडिट वर्जन को क्यूब सिनेमा द्वारा संसाधित किया जा रहा है,जो सभी सिनेमाघरों और स्क्रीनिंग केंद्रों में अपडेटेड डिजिटल प्रिंट वितरित करेगा। इस बदलाव के कारण,फिल्म का नया संस्करण अब सिनेमाघरों में उपलब्ध होगा।

मंगलवार को केरल उच्च न्यायालय में एक रिट याचिका भी दायर की गई,जिसमें फिल्म ‘एम्पुरान’ की स्क्रीनिंग को रोकने की माँग की गई। याचिकाकर्ता ने फिल्म में गोधरा के बाद हुए सांप्रदायिक दंगों के चित्रण पर आपत्ति जताई और कहा कि इससे सांप्रदायिक हिंसा भड़कने का खतरा हो सकता है। याचिका में यह भी कहा गया कि फिल्म में दिखाई गई घटनाएँ समाज में विभाजन और हिंसा को बढ़ावा दे सकती हैं।

इस विवाद के बाद,पेरुंबवूर ने यह भी कहा कि उनकी फिल्म का उद्देश्य किसी भी तरह की नफरत फैलाना नहीं था,बल्कि यह फिल्म केवल दर्शकों को मनोरंजन देने के लिए बनाई गई थी। उन्होंने जोर देकर कहा कि फिल्म में किसी भी प्रकार की गलत जानकारी नहीं दी गई थी और संपादन के बाद फिल्म को एक नया दृष्टिकोण देने का प्रयास किया जा रहा है।

इस पूरी स्थिति ने फिल्म उद्योग और दर्शकों के बीच एक दिलचस्प चर्चा का जन्म दिया है,क्योंकि यह मामला न केवल फिल्म की रचनात्मकता से जुड़ा है,बल्कि समाज में उसके प्रभाव को लेकर भी सवाल उठाता है। इस विवाद ने यह भी दर्शाया है कि फिल्मों के विषय और उनके चित्रण के बारे में आज के समय में बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता है,खासकर जब वे संवेदनशील मुद्दों को उठाती हैं।

संपूर्ण घटनाक्रम ने ‘एम्पुरान’ को एक नई दिशा दी है,जिसमें रचनात्मक संपादन और फिल्म के संदेश को समझने की आवश्यकता पर बल दिया जा रहा है। पेरुंबवूर और उनकी टीम का मानना है कि फिल्म का उद्देश्य किसी भी प्रकार की नफरत या हिंसा को बढ़ावा देना नहीं है,बल्कि यह समाज को एक सकारात्मक संदेश देने का प्रयास कर रही है। अब,यह देखना दिलचस्प होगा कि नया संपादित वर्जन दर्शकों और आलोचकों द्वारा किस तरह से प्राप्त किया जाता है।