कोलकाता, 11 जनवरी (युआईटीवी)- पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी ने तृणमूल प्रवक्ताओं को बदलने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने यह फैसला तृणमूल कांग्रेस के भीतर बढ़ती अंदरूनी कलह और सार्वजनिक रूप से विभिन्न नेताओं के एक-दूसरे के साथ झगड़ने के बीच लिया है। बुधवार को ममता बनर्जी ने प्रवक्ताओं की सूची में तत्काल बदलाव का आदेश दिया। साथ ही उन्होंने सख्त निर्देश भी दिया है कि नई सूची में जिन लोगों के नाम शामिल किए जाएँगे,पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सिर्फ वे ही सार्वजनिक बयान देने सकते हैं। पार्टी के आंतरिक मामलों के बारे में सूची में शामिल किए गए प्रवक्ताओं के अलावा और किसी को भी सार्वजनिक बयान देने की अनुमति नहीं है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस फैसले की जानकारी अपने आवास पर पार्टी संगठन की बैठक में दी। बैठक में मौजूद एक तृणमूल नेता ने कहा कि पार्टी अध्यक्ष ने यह जिम्मेदारी महासचिव अभिषेक बनर्जी और प्रदेश अध्यक्ष सुब्रत बख्शी को सौंपी है।
नाम न बताने की सख्त शर्त पर पार्टी नेता ने कहा कि, ” सूची में किसके नाम को हटाया जाएगा और किसका नाम बना रहता है,यह तो बाद में पता चलेगा। लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि वर्तमान के वाकयुद्ध में जिन चेहरों के नाम सामने आए थे, उनमें से कुछ के नाम को सूची से हटाए जाने की सम्भावना है।”
तृणमूल की 26वीं स्थापना वर्षगांठ नए साल के पहले दिन को था,इसलिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया था। विभिन्न पार्टियों के नेताओं के बीच के मतभेद कार्यक्रमों के दौरान ही खुलकर सामने आ गए। इन मतभेदों के मुख्य मुद्दे के बारे में “नए चेहरों” और “पुराने नेताओं” के मध्य की खींचतान को बताया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि खींचतान की शुरुआत पिछले साल से ही हुई है,जब पार्टी में नेतृत्व पदों पर बने रहने के लिए अभिषेक बनर्जी ने ऊपरी आयु सीमा तय करने को लेकर मुखर हो गए थे। नए साल के पहले दिन से यह खींचतान तेज होने लगी हैं।

