नोबेल शांति पुरस्कार 2025 की विजेता मारिया कोरिना (तस्वीर क्रेडिट@JaikyYadav16)

वेनेजुएला की मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार,ट्रंप को झटका

नई दिल्ली,11 अक्टूबर (युआईटीवी)- नोबेल शांति पुरस्कार 2025 के विजेता की घोषणा ने वैश्विक राजनीति और मीडिया में हलचल मचा दी है। इस वर्ष का नोबेल शांति पुरस्कार अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए नहीं,बल्कि वेनेजुएला की लोकतंत्र कार्यकर्ता और पूर्व राष्ट्रपति चुनाव की विपक्षी उम्मीदवार मारिया कोरिना मचाडो को दिया गया। यह निर्णय नोबेल कमेटी की ओर से वेनेजुएला में लोकतांत्रिक अधिकारों के लिए किए गए उनके अथक प्रयासों और तानाशाही के खिलाफ शांतिपूर्ण संघर्ष के सम्मान में लिया गया।

मारिया कोरिना मचाडो ने पुरस्कार मिलने के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भावनात्मक संदेश साझा किया। उन्होंने लिखा कि यह पुरस्कार वेनेजुएला के लोगों के संघर्ष को मिली मान्यता है और यह स्वतंत्रता प्राप्त करने के उनके कार्य के लिए प्रोत्साहन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि वे आज पहले से कहीं अधिक राष्ट्रपति ट्रंप,संयुक्त राज्य अमेरिका के लोगों,लैटिन अमेरिका के नागरिकों और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों पर भरोसा करती हैं,जो लोकतंत्र और स्वतंत्रता के उनके संघर्ष में उनके प्रमुख सहयोगी बने हैं। मचाडो ने यह पुरस्कार वेनेजुएला के पीड़ित लोगों और अपने मिशन के प्रति निर्णायक समर्थन के लिए राष्ट्रपति ट्रंप को समर्पित किया।

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिनको वास्तव में नोबेल शांति पुरस्कार मिला,उन्होंने उन्हें फोन किया और बताया कि वे यह पुरस्कार उनके सम्मान में स्वीकार कर रही हैं। ट्रंप ने कहा कि उन्होंने स्वयं कभी यह नहीं कहा कि पुरस्कार उन्हें दिया जाए,लेकिन वे खुश हैं क्योंकि उन्होंने लाखों लोगों की जान बचाई है। ट्रंप के लिए यह एक भावनात्मक पल था,क्योंकि उन्होंने कई बार खुद को नोबेल शांति पुरस्कार का हकदार बताया था,यह दावा करते हुए कि उनके प्रयासों से कई युद्ध रुके हैं और कई देशों में शांति बनी।

नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने अपने आधिकारिक घोषणा में लिखा कि मारिया कोरिना मचाडो को वेनेजुएला के लोगों के लिए लोकतांत्रिक अधिकारों को बढ़ावा देने के उनके सतत प्रयास और तानाशाही से लोकतंत्र में न्यायपूर्ण और शांतिपूर्ण बदलाव के संघर्ष के लिए 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार दिया जा रहा है। समिति ने यह भी बताया कि मारिया ने अपने जीवन को गंभीर खतरे में डालकर भी अपने कार्य को जारी रखा और उनका यह चुनाव लाखों लोगों के लिए प्रेरणादायक है।

नोबेल समिति के अध्यक्ष जॉर्गन वाटने फ्राइडनेस ने कहा कि मारिया को एक ऐसे राजनीतिक विपक्षी नेता के रूप में सराहा गया है,जिन्होंने विभाजित विपक्ष को एकजुट किया। यह विपक्ष स्वतंत्र चुनावों और प्रतिनिधि सरकार की माँग करता रहा है और मारिया ने इसके नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके प्रयासों ने वेनेजुएला में लोकतांत्रिक मूल्यों को सशक्त किया और हजारों नागरिकों को अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का विश्वास दिलाया।

मारिया कोरिना मचाडो का यह पुरस्कार न केवल वेनेजुएला के लोगों के लिए,बल्कि पूरे लैटिन अमेरिका और वैश्विक लोकतांत्रिक समुदाय के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है। यह दिखाता है कि लोकतंत्र और मानवाधिकारों के लिए किए गए शांतिपूर्ण संघर्ष को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलती है। उनके नेतृत्व में विपक्षी दलों ने मिलकर संघर्ष किया और वेनेजुएला के राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव की दिशा में काम किया।

अमेरिका और ट्रंप की प्रतिक्रिया ने इस पुरस्कार को और भी चर्चा का विषय बना दिया। ट्रंप,जो कई बार खुले तौर पर यह दावा कर चुके थे कि उन्होंने कई युद्धों को रोका और शांति स्थापित करने में भूमिका निभाई,अब इस बार पीछे रह गए। हालाँकि,ट्रंप ने पुरस्कार प्राप्तकर्ता के समर्पण और उनके संदेश को स्वीकार करते हुए इसे सम्मान की दृष्टि से देखा।

विशेषज्ञों के अनुसार,यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि शांति और लोकतंत्र के लिए किए गए कार्य केवल व्यक्तिगत प्रयासों पर नहीं,बल्कि सामूहिक संघर्ष और जनता के अधिकारों की रक्षा पर आधारित होते हैं। मारिया कोरिना मचाडो ने अपने जीवन को जोखिम में डालकर यह साबित किया कि सच्चा नेतृत्व कठिन परिस्थितियों में भी न्याय और स्वतंत्रता के लिए डटा रहता है।

वेनेजुएला में मारिया की भूमिका व्यापक रूप से सराही जाती है। वह लंबे समय से लोकतांत्रिक अधिकारों की सक्रिय समर्थक रही हैं और देश में नागरिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए लगातार संघर्षरत हैं। उनके नेतृत्व में विपक्षी दलों ने लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखा और कई नागरिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया।

इस पुरस्कार की घोषणा ने वैश्विक मंच पर वेनेजुएला की राजनीतिक स्थिति और लोकतंत्र की रक्षा के लिए किए गए प्रयासों पर ध्यान खींचा। यह स्पष्ट संदेश देता है कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय लोकतंत्र,स्वतंत्रता और मानवाधिकारों के लिए निरंतर काम करने वाले नेताओं का समर्थन करता है।

2025 का नोबेल शांति पुरस्कार मारिया कोरिना मचाडो को उनके अदम्य साहस,लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा और शांतिपूर्ण संघर्ष के लिए दिया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए यह निश्चित रूप से एक अप्रत्याशित मोड़ था,लेकिन पुरस्कार के माध्यम से यह संदेश भी गया कि शांति और लोकतंत्र की दिशा में काम करने वाले किसी भी नेता की प्रतिबद्धता को विश्व स्तर पर सराहा जाएगा। मारिया कोरिना मचाडो का यह पुरस्कार वेनेजुएला और पूरी दुनिया के लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया है।