लियोनल मेसी भारत पहुँचे (तस्वीर क्रेडिट@NituTiw81600052)

कोलकाता में ‘मेसीमेनिया’: तड़के एयरपोर्ट पर जोरदार स्वागत,प्रतिमा अनावरण और मैत्री मैच से सजेगा भारत दौरा

नई दिल्ली,13 दिसंबर (युआईटीवी)- अर्जेंटीना फुटबॉल टीम के दिग्गज खिलाड़ी और दुनिया भर में करोड़ों दिलों पर राज करने वाले लियोनेल मेसी एक बार फिर भारत की धरती पर कदम रख चुके हैं। शनिवार तड़के उनका कोलकाता आगमन भारतीय फुटबॉल प्रेमियों के लिए किसी उत्सव से कम नहीं रहा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सुबह करीब 3.23 बजे जैसे ही मेसी पहुँचे,वैसे ही वहाँ मौजूद प्रशंसकों का उत्साह चरम पर पहुँच गया। भले ही यह वक्त आमतौर पर शहर के लिए शांत माना जाता हो,लेकिन मेसी के स्वागत में एयरपोर्ट और उसके आसपास का इलाका पूरी तरह जीवंत नजर आया।

मेसी के पहुँचते ही टर्मिनल के बाहर और एयरपोर्ट से होटल तक के रास्ते में उनके प्रशंसक कतारों में खड़े दिखाई दिए। भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मेसी सीधे होटल के लिए रवाना हुए,लेकिन उनकी एक झलक पाने के लिए प्रशंसक पूरी तरह बेताब नजर आए। “मेसी-मेसी” के नारों से माहौल गूँज उठा और यह साफ दिखा कि कोलकाता,जिसे भारत की फुटबॉल राजधानी कहा जाता है,अपने पसंदीदा खिलाड़ी का स्वागत पूरे दिल से कर रहा है।

एयरपोर्ट पर मौजूद एक प्रशंसक ने बताया कि भले ही वह मेसी को साफ-साफ नहीं देख पाए,लेकिन यह एहसास ही काफी था कि मेसी वहाँ मौजूद थे और सबको देख रहे थे। उन्होंने कहा कि दिलों में जो उत्साह और खुशी है,उसे शब्दों में बयां करना मुश्किल है। एक अन्य प्रशंसक ने 2008 की यादें ताजा करते हुए बताया कि जब डिएगो माराडोना कोलकाता आए थे,तब पूरा वीआईपी बाईपास लोगों से खचाखच भरा हुआ था और आज वही नजारा एक बार फिर देखने को मिल रहा है,क्योंकि अब फुटबॉल के दूसरे ‘भगवान’ लियोनेल मेसी शहर में आए हैं।

एक और प्रशंसक ने भावुक अंदाज में कहा कि मेसी को अपनी आँखों से देखना भगवान को देखने जैसा है। उनके अनुसार,सिर्फ यह जानना ही कि मेसी इसी शहर में मौजूद हैं,अपने आप में एक खास अनुभव है। ऐसे बयान यह दिखाते हैं कि मेसी सिर्फ एक फुटबॉलर नहीं,बल्कि अपने प्रशंसकों के लिए एक भावना और प्रेरणा का स्रोत हैं।

मेसी का यह दौरा ‘जीओएटी इंडिया टूर 2025’ के तहत हो रहा है। इस टूर के आयोजक शताद्रु दत्ता ने बताया कि यह दौरा कई मायनों में ऐतिहासिक है। उन्होंने कहा कि मेसी पहली बार भारत में अपनी प्रतिमा का उद्घाटन करेंगे,जो एक बेहद महत्वपूर्ण पल होगा। यह उद्घाटन वर्चुअल रूप से किया जाएगा और इसके लिए व्यापक तैयारियाँ की गई हैं। मेसी की यह प्रतिमा 70 फुट लंबी है,जो उनके वैश्विक कद और फुटबॉल में उनके योगदान का प्रतीक मानी जा रही है।

लियोनेल मेसी का भारत दौरा 13 से 15 दिसंबर तक,यानी तीन दिनों का है। इस दौरान वे भारत के चार बड़े शहरों का दौरा करेंगे और फुटबॉल से जुड़े कई कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। कोलकाता इस दौरे का पहला और सबसे अहम पड़ाव है, जहाँ फुटबॉल के प्रति लोगों का जुनून जगजाहिर है। शनिवार सुबह से ही उनके मीट-एंड-ग्रीट सेशन की शुरुआत हो जाएगी,जिसमें चुनिंदा प्रशंसकों को उनसे मिलने का मौका मिलेगा।

मीट-एंड-ग्रीट के बाद मेसी की 70 फुट ऊँची प्रतिमा का वर्चुअल अनावरण किया जाएगा। इसके बाद वे कोलकाता के प्रतिष्ठित युवा भारती क्रीड़ांगन पहुँचेंगे। इस कार्यक्रम में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के भी मौजूद रहने की संभावना है। खेल और मनोरंजन जगत की इन बड़ी हस्तियों की मौजूदगी इस आयोजन को और भी खास बना देती है।

कोलकाता में मेसी एक मैत्री मैच भी खेलेंगे,जिसे लेकर फुटबॉल प्रेमियों में जबरदस्त उत्साह है। आयोजकों ने साल्ट लेक स्टेडियम में होने वाले इस कार्यक्रम के लिए 78,000 सीटें सुरक्षित रखी हैं। यह अपने आप में दर्शाता है कि मेसी को देखने के लिए कितनी बड़ी संख्या में लोग जुटने की उम्मीद है। टिकटों की कीमतें 7,000 रुपये तक रखी गई हैं और फिर भी टिकटों को लेकर जबरदस्त माँग बताई जा रही है।

यह दौरा इसलिए भी खास है क्योंकि मेसी करीब 14 साल बाद भारत लौटे हैं। इससे पहले वे 2011 में भारत आए थे। तब से लेकर अब तक मेसी का कद और भी ऊँचा हो चुका है। उन्होंने अर्जेंटीना को अपनी कप्तानी में फीफा विश्व कप 2026 का खिताब दिलाया और खुद को फुटबॉल इतिहास के महानतम खिलाड़ियों में और मजबूती से स्थापित किया। ऐसे में भारतीय प्रशंसकों के लिए उन्हें दोबारा देखना एक यादगार पल है।

मेसी का भारत दौरा सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं,बल्कि फुटबॉल संस्कृति का उत्सव बन चुका है। कोलकाता से शुरू होकर भारत के अन्य शहरों तक फैलने वाला यह ‘मेसीमेनिया’ यह साबित करता है कि फुटबॉल की लोकप्रियता भारत में लगातार बढ़ रही है। मेसी जैसे खिलाड़ी की मौजूदगी न सिर्फ प्रशंसकों को प्रेरित करती है,बल्कि देश में खेल के भविष्य को लेकर भी नई उम्मीदें जगाती है।