नई दिल्ली,12 दिसंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच गुरुवार को टेलीफोन पर महत्वपूर्ण बातचीत हुई,जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को नई गति देने और वैश्विक परिदृश्य में उभरती चुनौतियों पर साझा रणनीति विकसित करने पर जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी ने स्वयं सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर इस वार्ता की जानकारी साझा करते हुए बताया कि बातचीत बेहद सकारात्मक और सार्थक रही। उन्होंने लिखा कि दोनों देशों ने आपसी संबंधों में हुई प्रगति की समीक्षा की और वैश्विक व क्षेत्रीय हालात पर विस्तार से चर्चा की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और अमेरिका वैश्विक शांति,स्थिरता और समृद्धि के लिए मिलकर प्रयास जारी रखेंगे।
इस बातचीत के दौरान भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी में हुई प्रगति का आकलन किया गया। दोनों नेताओं ने रक्षा,तकनीक,ऊर्जा,सुरक्षा,निवेश और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की। यह वार्ता ऐसे समय में हुई है,जब विश्व कई महत्वपूर्ण भू-राजनीतिक मोड़ों से गुजर रहा है और भारत तथा अमेरिका दोनों अपनी रणनीतिक नीतियों को अधिक समन्वित व प्रभावी बनाना चाहते हैं। इसलिए,यह संवाद दोनों लोकतांत्रिक देशों की साझेदारी में नई ऊर्जा का संचार करता है।
टेलीफोन वार्ता में द्विपक्षीय व्यापार बढ़ाने पर भी विशेष जोर दिया गया। प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने माना कि आर्थिक सहयोग को नई दिशा देने और व्यापारिक अवसरों को बढ़ाने के लिए दोनों देशों को मिलकर कार्य करना चाहिए। दोनों नेताओं ने साझा प्रयासों में गति बनाए रखने और व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाने पर सहमति जताई। पिछले कुछ वर्षों में भारत और अमेरिका के बीच व्यापार में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है,लेकिन दोनों देश इसे और आगे ले जाने के इच्छुक हैं,विशेष रूप से तकनीक,डिजिटल अर्थव्यवस्था,स्वास्थ्य सेवा,ऊर्जा और रक्षा विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में।
वार्ता में ऊर्जा सहयोग भी प्रमुख विषय रहा। भारत अपनी बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए अमेरिका के साथ मजबूत भागीदारी स्थापित कर चुका है। अमेरिका भारत के लिए एलएनजी,कच्चे तेल और अन्य ऊर्जा उत्पादों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनकर उभरा है। राष्ट्रपति ट्रंप और प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऊर्जा सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में आगामी कदमों पर भी विचार-विमर्श किया।
रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर भी दोनों राष्ट्राध्यक्षों ने विस्तार से चर्चा की। भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी पिछले दशक में काफी मजबूत हुई है,जिसमें उच्चस्तरीय रक्षा उपकरणों की खरीद,संयुक्त सैन्य अभ्यास,आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और रणनीतिक संवाद महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। दोनों देशों ने रक्षा उत्पादन और रक्षा प्रौद्योगिकी साझा करने के क्षेत्रों में भी सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। इससे भारत की आत्मनिर्भर रक्षा पहल को भी समर्थन मिलेगा।
बातचीत में क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाक्रमों पर भी चर्चा हुई। इसमें एशिया-प्रशांत क्षेत्र की बदलती परिस्थितियों,भारत-प्रशांत रणनीति,आतंकवाद,साइबर सुरक्षा,पश्चिम एशिया की अस्थिरता और यूरोप में चल रही घटनाओं जैसे मुद्दे शामिल रहे। दोनों नेताओं ने इस बात पर सहमति जताई कि साझा चुनौतियों से निपटने के लिए भारत और अमेरिका को समन्वित प्रयास करने की आवश्यकता है। उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि दोनों देश वैश्विक व्यवस्था में सकारात्मक और रचनात्मक भूमिका निभाते रहेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बात पर भी सहमति जताई कि आने वाले समय में वे नियमित संपर्क में बने रहेंगे और विभिन्न मुद्दों पर संवाद जारी रखेंगे। इससे यह स्पष्ट है कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत स्तर पर भी मजबूत समझ और भरोसा कायम है,जो दोनों देशों के कूटनीतिक और रणनीतिक संबंधों को और मजबूती प्रदान करता है।
इस बातचीत से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने इटली के उपप्रधानमंत्री और विदेश मंत्री अंतोनियो तायानी से भी मुलाकात की थी। इस मुलाकात में इटली-भारत संयुक्त रणनीतिक कार्ययोजना 2025–2029 के क्रियान्वयन पर चर्चा हुई,जिसमें व्यापार, रक्षा,अंतरिक्ष,आतंकवाद-रोधी सहयोग और शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को केंद्र में रखा गया। इस तरह एक ही दिन में भारत के लिए दो महत्वपूर्ण कूटनीतिक वार्ताओं ने वैश्विक स्तर पर भारत की सक्रिय भूमिका और बढ़ते प्रभाव को रेखांकित किया।
मोदी और ट्रंप की यह टेलीफोन वार्ता न केवल दोनों देशों के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी को दर्शाती है,बल्कि यह भी स्पष्ट करती है कि भारत और अमेरिका आने वाले दशकों में क्षेत्रीय स्थिरता और वैश्विक शांति के लिए मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध हैं। यह संवाद दोनों देशों के बीच सहयोग के नए अध्याय की ओर संकेत करता है,जिसमें आर्थिक साझेदारी,रक्षा सहयोग और वैश्विक नेतृत्व महत्वपूर्ण स्तंभ होंगे।

