पटना,16 अगस्त (युआईटीवी)- बिहार की राजधानी पटना में शुक्रवार शाम उस समय सनसनी फैल गई जब शहर के पाटलिपुत्र थाना क्षेत्र के पॉश इलाके पटेल नगर स्थित गोकुल पथ से दो मासूम बच्चों के शव बरामद किए गए। मृतकों की पहचान लक्ष्मी कुमारी (7 वर्ष) और करण कुमार (5 वर्ष) के रूप में हुई है,जो सगे भाई-बहन थे। यह दर्दनाक घटना न केवल परिवार बल्कि पूरे इलाके को स्तब्ध कर देने वाली है। लोग इसे रहस्यमयी मौत मान रहे हैं क्योंकि बच्चों के शव एक कार की मध्य सीट पर मिले और पुलिस को मौके से कई ऐसे संकेत मिले हैं,जो मामले को जटिल बना रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक,शुक्रवार शाम स्थानीय लोगों ने कार में दो बच्चों को अचेत अवस्था में देखा और तुरंत पुलिस को सूचना दी। पाटलिपुत्र थाने की पुलिस और एसडीपीओ-2 की टीम मौके पर पहुँची और कार की मध्य सीट से दोनों बच्चों को बाहर निकाला गया। उस समय एक बच्चे में हल्की सांसें चल रही थीं,जिसे तुरंत नजदीकी अस्पताल पहुँचाया गया,लेकिन उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। इस तरह देखते ही देखते दोनों मासूमों की जिंदगी की डोर टूट गई।
डीएसपी-2 ने मृत बच्चों की उम्र 5 से 10 साल के बीच की बताई। उन्होंने बताया कि बच्चों के शव कार के अंदर संदिग्ध स्थिति में मिले। बच्चों के शरीर पर जलने के हल्के निशान पाए गए हैं,जिससे रहस्य और गहरा गया है। हालाँकि,पुलिस ने साफ किया है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो सकेगा। प्रारंभिक स्तर पर पुलिस का मानना है कि संभव है दोनों बच्चे खेलते-खेलते कार में जा घुसे हों और वहाँ फँस जाने के कारण दम घुटने से उनकी मौत हो गई हो।
फिलहाल पुलिस ने कार को जब्त कर लिया है और घटना स्थल से साक्ष्य जुटाने के लिए फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी (एफएसएल) की टीम को बुलाया गया है। थाना प्रभारी ने बताया कि कार की बारीकी से जाँच की जा रही है और हर संभावना पर विचार किया जा रहा है। बच्चों के शरीर पर किसी तरह की मारपीट के निशान नहीं मिले हैं,जिससे हत्या की आशंका फिलहाल कमजोर पड़ती है। फिर भी पुलिस इस पहलू को नज़रअंदाज़ नहीं कर रही है और जाँच के दौरान हर बिंदु पर गौर किया जा रहा है।
सूत्रों का कहना है कि नाबालिग बच्चों की हत्या कर शव कार में रखने की भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। इसकी वजह यह है कि बच्चों का घर घटनास्थल से मात्र 100-200 मीटर की दूरी पर है और परिवार के लोग इस बात से पूरी तरह अनजान हैं कि बच्चे वहाँ तक कैसे पहुँचे। इस रहस्य ने पूरे मामले को और उलझा दिया है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मृतक बच्चों के परिवार से पूछताछ की गई है,लेकिन उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि बच्चे कब और कैसे कार तक पहुँचे। इससे मामला और पेचीदा हो गया है। पुलिस अब आस-पास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है,ताकि पता चल सके कि घटना से पहले बच्चे किसके साथ और किस हालात में वहाँ पहुँचे थे।
इस दर्दनाक घटना ने पूरे इलाके में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है। स्थानीय लोग अब भी इस घटना को लेकर स्तब्ध हैं और तरह-तरह की चर्चाएँ कर रहे हैं। कोई इसे हत्या मान रहा है,तो कोई इसे बच्चों की मासूमियत और लापरवाही का नतीजा बता रहा है। बच्चों के परिवार के सदस्य इस घटना के बाद से बेसुध हैं और उनके आँसू थमने का नाम नहीं ले रहे।
वहीं,पुलिस प्रशासन इस मामले को बेहद गंभीरता से ले रहा है। थाना प्रभारी ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है,जो मौत के सही कारणों पर रोशनी डालेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वैज्ञानिक और फोरेंसिक जाँच पूरी होने तक किसी नतीजे पर पहुँचना जल्दबाजी होगी।
पटना जैसे व्यस्त और घनी आबादी वाले शहर में बच्चों की इस तरह की रहस्यमयी मौत ने सुरक्षा व्यवस्था और निगरानी को लेकर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जहाँ घटना हुई वह इलाका पॉश माना जाता है और वहाँ लोगों की आवाजाही भी बनी रहती है। इसके बावजूद कार में बच्चों की मौजूदगी किसी की नजर में देर से आना जाँच एजेंसियों को भी खटक रहा है।
अब सभी की निगाहें पुलिस की जाँच और पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं,जिससे सच्चाई सामने आ सकेगी। तब तक यह मामला रहस्य बना हुआ है और पटना के लोग दो मासूम जिंदगियों की इस दर्दनाक मौत से गहरे सदमे में हैं।