नाथन लियोन

एडिलेड ओवल में नाथन लियोन ने रचा इतिहास,मैक्ग्रा को पीछे छोड़ बने ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज

नई दिल्ली,18 दिसंबर (युआईटीवी)- क्रिकेट की दुनिया में कुछ उपलब्धियाँ ऐसी होती हैं,जो सिर्फ रिकॉर्ड बुक तक सीमित नहीं रहतीं,बल्कि एक खिलाड़ी के पूरे सफर,संघर्ष और जुनून की कहानी खुद-ब-खुद बयान कर देती हैं। ऑस्ट्रेलिया के अनुभवी ऑफ-स्पिनर नाथन लियोन ने एडिलेड ओवल में कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे तीसरे एशेज टेस्ट के पहले दिन लियोन ने इतिहास रचते हुए महान तेज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा को पीछे छोड़ दिया और ऑस्ट्रेलिया के दूसरे सबसे सफल टेस्ट गेंदबाज बन गए।

यह उपलब्धि इसलिए भी खास मानी जा रही है क्योंकि नाथन लियोन ने यह कारनामा उसी एडिलेड ओवल में किया,जहाँ उनका क्रिकेट सफर एक साधारण ग्राउंड्समैन के रूप में शुरू हुआ था। कभी इसी मैदान पर पिच तैयार करने वाले क्यूरेटर के तौर पर काम करने वाले लियोन आज उसी मैदान पर इतिहास के पन्नों में अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा चुके हैं। 38 वर्षीय लियोन का यह सफर मेहनत,धैर्य और आत्मविश्वास का बेहतरीन उदाहरण है।

तीसरे एशेज टेस्ट से पहले नाथन लियोन को लेकर चर्चाएँ तेज थीं। ब्रिस्बेन टेस्ट में उन्हें अंतिम एकादश से बाहर रखने के फैसले पर सवाल उठे थे और आलोचक यह मानने लगे थे कि शायद ऑस्ट्रेलिया अब युवा विकल्पों की ओर बढ़ना चाहता है,लेकिन एडिलेड टेस्ट के पहले ही दिन लियोन ने यह साफ कर दिया कि अनुभव और क्लास का कोई विकल्प नहीं होता। जैसे ही उन्होंने गेंद थामी,इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर दबाव बनना शुरू हो गया।

लियोन ने अपने ऐतिहासिक सफर का पहला बड़ा पड़ाव तब पार किया,जब उन्होंने इंग्लैंड के बल्लेबाज ओली पोप को सिर्फ 3 रन पर आउट किया। यह उनका 563वां टेस्ट विकेट था,जिसके साथ ही उन्होंने ग्लेन मैक्ग्रा के विकेटों की संख्या की बराबरी कर ली। स्टेडियम में मौजूद दर्शकों को इस बात का एहसास हो गया था कि वे एक ऐतिहासिक पल के गवाह बनने वाले हैं। कुछ ही ओवर बाद वह पल भी आ गया,जब लियोन ने बेन डकेट को एक शानदार ऑफ-ब्रेक गेंद पर बोल्ड कर दिया। यह विकेट उनका 564वां टेस्ट विकेट था,जिसने उन्हें ग्लेन मैक्ग्रा से आगे पहुँचा दिया।

इस विकेट के साथ ही नाथन लियोन ऑस्ट्रेलियाई टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बन गए। अब उनसे आगे केवल महान स्पिनर शेन वॉर्न हैं,जिनके नाम 708 टेस्ट विकेट दर्ज हैं। वॉर्न और लियोन के बीच तुलना भले ही अलग-अलग दौर और शैली की हो,लेकिन यह सच है कि लियोन ने अपनी निरंतरता और फिटनेस के दम पर खुद को ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद गेंदबाजों में शामिल कर लिया है।

नाथन लियोन की यह उपलब्धि सिर्फ ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट तक सीमित नहीं है। इसके साथ ही वह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाजों की सूची में छठे स्थान पर पहुँच गए हैं। इस सूची में उनसे ऊपर अब केवल मुथैया मुरलीधरन,शेन वॉर्न,जेम्स एंडरसन,अनिल कुंबले और स्टुअर्ट ब्रॉड जैसे दिग्गज मौजूद हैं। यह तथ्य अपने आप में बताता है कि लियोन किस स्तर के गेंदबाज बन चुके हैं और उनका नाम अब क्रिकेट के सबसे महान खिलाड़ियों में लिया जा रहा है।

लियोन की सफलता की कहानी और भी प्रेरणादायक इसलिए है क्योंकि वह पारंपरिक अर्थों में किसी क्रिकेट अकादमी से निकले खिलाड़ी नहीं थे। घरेलू क्रिकेट में ज्यादा सुर्खियाँ बटोरने से पहले वह मैदान की देखरेख करने का काम करते थे,लेकिन जब उन्हें मौका मिला,तो उन्होंने अपनी मेहनत और अनुशासन से खुद को साबित किया। सालों तक ऑस्ट्रेलियाई टीम के लिए लगातार खेलते हुए उन्होंने हर तरह की परिस्थितियों में विकेट लिए और टीम के लिए मैच जिताने वाली भूमिका निभाई।

एडिलेड टेस्ट में लियोन की घातक गेंदबाजी का असर सीधे मैच पर भी दिखाई दिया। ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 371 रनों का मजबूत स्कोर खड़ा किया। इसके जवाब में इंग्लैंड की टीम दबाव में नजर आई और दिन का खेल खत्म होने तक 124 रन पर अपने 4 अहम विकेट गंवा चुकी थी। लियोन की स्पिन ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खुलकर खेलने का मौका नहीं दिया और उनकी सटीक लाइन-लेंथ ने रन बनाना मुश्किल कर दिया।

मैच के बाद क्रिकेट जगत से नाथन लियोन को बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। पूर्व खिलाड़ियों और विशेषज्ञों ने उनकी तारीफ करते हुए कहा कि लियोन ने न सिर्फ रिकॉर्ड बनाए हैं,बल्कि ऑस्ट्रेलियाई स्पिन गेंदबाजी की परंपरा को भी आगे बढ़ाया है। जहाँ ऑस्ट्रेलिया को लंबे समय तक तेज गेंदबाजों की भूमि माना जाता रहा,वहीं लियोन ने यह साबित किया कि स्पिन गेंदबाजी भी इस टीम की ताकत बन सकती है।

नाथन लियोन की यह उपलब्धि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक संदेश है कि क्रिकेट में नाम कमाने के लिए सिर्फ प्रतिभा ही नहीं,बल्कि धैर्य,निरंतरता और खुद पर भरोसा भी उतना ही जरूरी होता है। एडिलेड ओवल में रचा गया यह इतिहास सिर्फ एक आँकड़ा नहीं,बल्कि उस सफर की कहानी है,जो एक ग्राउंड्समैन से शुरू होकर ऑस्ट्रेलिया के महानतम गेंदबाजों की सूची तक पहुँचा है।