थिंपू,11 नवंबर (युआईटीवी)- देश की राजधानी दिल्ली सोमवार की शाम एक भयावह हादसे की गवाह बनी,जब ऐतिहासिक लाल किले के पास एक कार में तेज धमाका हुआ। इस विस्फोट ने पूरे इलाके को दहला दिया और आग की लपटों ने आसपास खड़ी कई गाड़ियों को भी अपनी चपेट में ले लिया। इस दिल दहला देने वाले धमाके में कम-से-कम 10 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है,जबकि कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। विस्फोट के तुरंत बाद मौके पर पहुँची पुलिस,फायर ब्रिगेड और एनएसजी (राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड) की टीमें राहत और जाँच कार्य में जुट गईं। प्रारंभिक जाँच में यह घटना साधारण दुर्घटना नहीं,बल्कि एक योजनाबद्ध षड्यंत्र की ओर इशारा करती दिखाई दे रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भीषण हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। वे इस समय भूटान के दौरे पर हैं,लेकिन उन्होंने अपनी व्यस्तता के बावजूद इस घटना पर लगातार नजर बनाए रखी। मंगलवार सुबह भूटान के एक विशेष कार्यक्रम में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “आज का दिन भूटान के लिए,भूटान के राजपरिवार के लिए और विश्व शांति में विश्वास रखने वाले सभी लोगों के लिए बहुत अहम है। सदियों से भारत और भूटान का संबंध आत्मीय और सांस्कृतिक रहा है,लेकिन आज मैं यहाँ बहुत भारी मन से आया हूँ। दिल्ली में हुई भयावह घटना ने सभी के मन को व्यथित कर दिया है। मैं पीड़ित परिवारों का दुख समझता हूँ,पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि सोमवार की रात वे लगातार गृह मंत्री अमित शाह और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों के संपर्क में थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने पूरी रात स्थिति पर नजर रखी और हर संभव जानकारी जुटाई। “हमारी एजेंसियाँ इस षड्यंत्र की तह तक जाएँगी। जो भी इसके पीछे हैं,उन्हें बख्शा नहीं जाएगा,” प्रधानमंत्री मोदी ने दृढ़ स्वर में कहा। उन्होंने इस घटना को केवल एक हादसा नहीं,बल्कि देश की सुरक्षा पर हमला करार देते हुए आश्वासन दिया कि दोषियों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।
इस दौरान भूटान की नेतृत्वकारी टीम ने भी दिल्ली में हुए इस हादसे पर अपनी गहरी संवेदना प्रकट की। भूटान सरकार की ओर से बयान जारी कर कहा गया कि “भारत में हुए इस दर्दनाक हादसे से हमें गहरा दुख हुआ है। हमारी प्रार्थनाएँ सभी पीड़ित परिवारों के साथ हैं और हम ईश्वर से घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं।”
घटना की बात करें तो सोमवार शाम करीब 7 बजे लाल किले के निकट पार्किंग एरिया में खड़ी एक कार में अचानक जबरदस्त धमाका हुआ। चश्मदीदों के मुताबिक,धमाके की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के इलाके में अफरा-तफरी मच गई। देखते ही देखते कार आग के गोले में बदल गई और पास खड़ी कई अन्य गाड़ियाँ भी जल उठीं। स्थानीय लोगों ने फौरन पुलिस को सूचना दी,जिसके बाद दमकल की कई गाड़ियाँ मौके पर पहुँची और आग पर काबू पाया गया।
दिल्ली पुलिस के विशेष सेल और एनआईए (राष्ट्रीय जाँच एजेंसी) ने मौके पर पहुँचकर जाँच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जाँच में विस्फोट में उपयोग किए गए विस्फोटक की प्रकृति और मात्रा का पता लगाया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार,विस्फोट में इस्तेमाल किया गया पदार्थ उच्च श्रेणी का था,जो किसी संगठित गिरोह या आतंकी मॉड्यूल की संलिप्तता की ओर संकेत करता है। पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगालने शुरू कर दिए हैं,ताकि यह पता लगाया जा सके कि धमाके से पहले कार को वहाँ किसने पार्क किया था और क्या उसमें कोई व्यक्ति मौजूद था।
गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार रात प्रधानमंत्री मोदी के साथ स्थिति की समीक्षा की और दिल्ली पुलिस कमिश्नर तथा खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों के साथ आपात बैठक बुलाई। अमित शाह ने कहा कि “यह बहुत गंभीर घटना है। एजेंसियाँ हर कोण से जाँच कर रही हैं। दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।” उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जाँच में किसी प्रकार की लापरवाही न हो और रिपोर्ट जल्द-से-जल्द प्रधानमंत्री कार्यालय को सौंपी जाए।
घटनास्थल को पूरी तरह सील कर दिया गया है और वहाँ फॉरेंसिक टीमें लगातार साक्ष्य एकत्रित कर रही हैं। वहीं,मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी घटना पर शोक जताते हुए कहा कि “यह बेहद दुखद है। मैं केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस से अपील करता हूँ कि दोषियों को जल्द-से-जल्द गिरफ्तार किया जाए।”
देशभर से नेताओं और आम नागरिकों की ओर से इस घटना पर गुस्सा और संवेदना व्यक्त की जा रही है। सोशल मीडिया पर ‘#दिल्ली ब्लास्ट ’ ट्रेंड कर रहा है, जहाँ लोग सरकार से सख्त कार्रवाई की माँग कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “दिल्ली में हुए विस्फोट से मन व्यथित है। जिन परिवारों ने अपने प्रियजनों को खोया है,उनके प्रति मैं संवेदना प्रकट करता हूँ। घायल जल्द स्वस्थ हों,यही मेरी प्रार्थना है। अधिकारी मौके पर हैं और प्रभावित लोगों की हर संभव मदद की जा रही है।”
फिलहाल एजेंसियाँ जाँच के शुरुआती चरण में हैं,लेकिन सूत्रों का कहना है कि इस घटना में स्थानीय सहयोग की भी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को भी जाँच की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
लाल किले जैसा ऐतिहासिक और संवेदनशील क्षेत्र हमेशा से उच्च सुरक्षा में रहता है,ऐसे में इस तरह का विस्फोट सुरक्षा तंत्र की बड़ी चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। यह घटना एक बार फिर इस सवाल को उठाती है कि देश की राजधानी में आतंकी या आपराधिक तत्व किस तरह से सुरक्षा घेरे को भेदने में सफल हो जाते हैं। अब देश की निगाहें इस पर टिकी हैं कि जाँच एजेंसियाँ कितनी जल्दी इस षड्यंत्र का पर्दाफाश करती हैं और दोषियों को सजा दिलाती हैं।

