नई दिल्ली,14 जून (युआईटीवी)- भारत में कोविड-19 संक्रमण का खतरा एक बार फिर से सिर उठाने लगा है। हाल ही में सामने आए नए वैरिएंट ने चिंताएँ बढ़ा दी हैं,जहाँ एक ओर शुक्रवार को मामलों में थोड़ी राहत मिली थी,वहीं बीते 24 घंटों में 269 नए संक्रमित मरीजों की पुष्टि के बाद स्वास्थ्य तंत्र एक बार फिर अलर्ट मोड में आ गया है। कुल सक्रिय मामलों की संख्या अब 7400 को पार कर गई है,जो पिछले कुछ हफ्तों की तुलना में तेज़ वृद्धि दर्शाती है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 14 जून की सुबह 8 बजे तक के आँकड़े जारी किए हैं। इन आँकड़ों के मुताबिक,पिछले 24 घंटे में 269 नए केस सामने आए हैं। शुक्रवार तक देश में सक्रिय मामलों की संख्या 7131 थी,जो अब 7400 हो चुकी है। कोविड संक्रमण के चलते 9 लोगों की मौत हुई है,जिससे हालात की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
कोविड से हुई 9 मौतों में सबसे अधिक 4 मौतें महाराष्ट्र में दर्ज की गई हैं,जबकि केरल में 3 मौतें हुई हैं। इसके अलावा राजस्थान और तमिलनाडु में एक-एक व्यक्ति की जान गई है।
केरल में जिन 3 मरीजों की मौत हुई,वे 83 साल, 67 साल और 61 साल के पुरुष थे। ये सभी किसी न किसी पूर्व स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहे थे।
महाराष्ट्र में जिन 4 लोगों की जान गई, उनमें एक 79 वर्षीय बुजुर्ग शामिल हैं,जिन्हें शुगर की बीमारी थी। एक 85 वर्षीय व्यक्ति,जिन्हें किडनी की समस्या थी और एक 55 साल का व्यक्ति और एक 34 वर्षीय मरीज भी कोविड संक्रमण से जूझ रहे थे।
राजस्थान में 70 साल की एक महिला की मौत हुई,जिनकी पूर्व स्वास्थ्य स्थिति पहले से कमजोर बताई जा रही है।
तमिलनाडु में एक 73 वर्षीय बुजुर्ग,जो कई बीमारियों से ग्रसित थे,ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया।
देश में कोविड का नया वैरिएंट लगभग सभी राज्यों में फैल चुका है,लेकिन त्रिपुरा, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश अब तक इससे अप्रभावित हैं। इन तीनों राज्यों को छोड़कर भारत के सभी हिस्से कोविड के नए वैरिएंट की चपेट में हैं।
केरल इस बार कोविड की चपेट में सबसे ज्यादा है। यहाँ अब तक 2000 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं।
उसके बाद गुजरात,पश्चिम बंगाल,दिल्ली और महाराष्ट्र जैसे राज्य भी अत्यधिक प्रभावित क्षेत्रों की सूची में शामिल हो गए हैं।
कोविड के इस नए वैरिएंट ने सरकार और स्वास्थ्य विभाग को फिर से सतर्क कर दिया है। जाँच,निगरानी और वैक्सीनेशन पर ज़ोर बढ़ा दिया गया है। अस्पतालों को निर्देश दिए गए हैं कि वे ऑक्सीजन और जरूरी दवाइयों का स्टॉक तैयार रखें।
विशेषज्ञों के अनुसार,यह नया वैरिएंट तेजी से फैलता है,लेकिन गंभीर लक्षण हर मरीज में नहीं दिखते। हालाँकि,वृद्ध,पहले से बीमार या कमजोर रोग-प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग सबसे अधिक जोखिम में हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय और विशेषज्ञों की ओर से आम जनता से लगातार सावधानी बरतने की अपील की जा रही है कि वे भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें,मास्क का इस्तेमाल जारी रखें,नियमित हाथ धोते रहें,वैक्सीनेशन के सभी डोज़ समय पर लें और लक्षण दिखते ही तुरंत जाँच कराएँ।
कोविड-19 का यह नया वैरिएंट भले ही पहले जितना घातक न हो,लेकिन उसकी तेज़ी से फैलने की क्षमता चिंता का विषय है। मौतों की संख्या भी इस बात का संकेत है कि यह लहर हल्के में नहीं ली जा सकती। सरकार और आम जनता अगर समय रहते सतर्क रहती है,तो बड़ी तबाही को टाला जा सकता है। सतर्कता और सहयोग ही कोविड के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है।