नई दिल्ली,29 दिसंबर (युआईटीवी)- न्यूजीलैंड क्रिकेट के भरोसेमंद ऑलराउंडर डग ब्रेसवेल ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने का फैसला करते हुए अपने 14 साल लंबे पेशेवर सफर को समाप्त कर दिया। 35 वर्षीय ब्रेसवेल ने 2011 में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण किया था और 2023 तक वे ब्लैककैप्स के लिए टेस्ट, वनडे और टी20 — तीनों फॉर्मेट में खेले। अपने करियर के दौरान उन्होंने 28 टेस्ट, 21 वनडे और 20 टी20 मुकाबलों में हिस्सा लिया और गेंद तथा बल्ले,दोनों से टीम के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ब्रेसवेल के नाम 28 टेस्ट मैचों में कुल 74 विकेट दर्ज हैं,जिनमें कई यादगार स्पेल शामिल रहे। उनके करियर का सबसे बड़ा और यादगार प्रदर्शन 2011 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ होबार्ट टेस्ट में देखने को मिला। यह उनका तीसरा टेस्ट था,लेकिन दबाव से भरे उस मुकाबले में उन्होंने अंतिम पारी में 6 विकेट लेकर ऑस्ट्रेलिया को सात रन से हराने में निर्णायक भूमिका निभाई। उस मैच में उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया और इसी जीत ने न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास के सुनहरे पन्नों में उनका नाम दर्ज करा दिया। खास बात यह रही कि इसके बाद से अब तक न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलियाई धरती पर कोई टेस्ट मैच नहीं जीता है,जिससे उस ऐतिहासिक जीत का महत्व और बढ़ जाता है।
सफेद गेंद के क्रिकेट में भी ब्रेसवेल ने अहम भूमिका निभाई। वनडे और टी20 को मिलाकर उन्होंने 46 विकेट अपने नाम किए और कई मौकों पर मध्य ओवरों में विपक्षी बल्लेबाजों पर अंकुश लगाने का काम बखूबी निभाया। हालाँकि,लगातार बदलती टीम संरचना और नई पीढ़ी के खिलाड़ियों के उभार के साथ उनका अंतर्राष्ट्रीय करियर धीरे-धीरे सीमित होता चला गया। उनका आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला 2023 में वेलिंगटन में श्रीलंका के खिलाफ खेले गए टेस्ट मैच में हुआ,जहाँ उन्होंने अनुभवी खिलाड़ी की तरह जिम्मेदारी निभाने की कोशिश की।
हाल के महीनों में ब्रेसवेल को पसली में चोट का सामना करना पड़ा,जिसने उनके करियर को अचानक ब्रेक लगाने के लिए मजबूर कर दिया। इसी चोट के चलते वे न्यूजीलैंड की घरेलू टीम सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स के साथ अपना करियर आगे नहीं बढ़ा सके। अंततः उन्होंने सोच-समझकर संन्यास का फैसला किया और इसे अपने जीवन के एक गौरवपूर्ण अध्याय का समापन बताया।
एक भावुक बयान में ब्रेसवेल ने कहा कि क्रिकेट हमेशा से उनका सपना रहा है और देश का प्रतिनिधित्व करना उनके लिए सम्मान की बात थी। उन्होंने कहा कि बतौर युवा खिलाड़ी उन्होंने हमेशा न्यूजीलैंड के लिए खेलने की कल्पना की थी और जब यह सपना पूरा हुआ,तो वह हर पल उनके लिए खास बन गया। उन्होंने अपने घरेलू करियर के दौरान सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स के साथ खेलने के अवसर को भी विशेष रूप से याद किया और इसे अपने करियर की रीढ़ बताया।
ब्रेसवेल ने अपने साथ खेलने वाले साथियों,कोचों और टीम मैनेजमेंट के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इतने लंबे समय तक फर्स्ट-क्लास और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल पाना उनके लिए सौभाग्य की बात रही। उन्होंने माना कि क्रिकेट ने उन्हें न सिर्फ पेशेवर सफलता दी,बल्कि जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक भी सिखाए।
घरेलू क्रिकेट में ब्रेसवेल का रिकॉर्ड बेहद प्रभावशाली रहा है। वे न्यूजीलैंड के आधुनिक दौर के उन चुनिंदा ऑलराउंडरों में शामिल हैं,जिन्होंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में 4,000 से अधिक रन और 400 से ज्यादा विकेट लेकर एक खास उपलब्धि हासिल की। इसमें से 3,029 रन और 258 विकेट सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट्स के लिए रहे,जो टीम के इतिहास का सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंड रिकॉर्ड माना जाता है। इस प्रदर्शन ने उन्हें घरेलू स्तर पर लगातार भरोसेमंद खिलाड़ी के रूप में स्थापित किया।
सिर्फ घरेलू ही नहीं,बल्कि विदेशी लीग और काउंटी क्रिकेट में भी ब्रेसवेल ने अपनी पहचान बनाई। उन्होंने इंग्लैंड की काउंटी क्रिकेट में एसेक्स और नॉर्थम्पटनशायर के लिए खेलते हुए पिच और परिस्थितियों के हिसाब से खुद को ढालने की क्षमता दिखाई। आईपीएल 2012 में वे दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) की टीम का हिस्सा बने। इसके अलावा, 2024 में वे दक्षिण अफ्रीका की एसए20 लीग में जोबर्ग सुपर किंग्स और हाल ही में ग्लोबल सुपर लीग में सेंट्रल स्टैग्स के लिए भी खेले।
उनकी करियर-यात्रा यह दिखाती है कि अवसर मिलने पर उन्होंने हर स्तर पर अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश की। हालाँकि,चोटें और बदलती प्राथमिकताओं के कारण वे अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उतनी निरंतरता से नहीं खेल सके,जितनी संभावनाएँ उनके भीतर थीं। फिर भी,जब-जब टीम को उनकी जरूरत पड़ी,ब्रेसवेल ने अपनी गेंदबाजी से विकेट दिलाए और बल्लेबाजी में उपयोगी रन जोड़कर टीम की लड़ाई को मजबूत किया।
न्यूजीलैंड क्रिकेट समुदाय में ब्रेसवेल के संन्यास की खबर को सम्मान और भावनाओं के साथ स्वीकार किया गया। विशेषज्ञों का मानना है कि वे ऐसे खिलाड़ी रहे,जिन्होंने हर भूमिका में टीम-फर्स्ट एटीट्यूड के साथ योगदान दिया। होबार्ट टेस्ट जैसे ऐतिहासिक पल उन्हें हमेशा यादगार बनाए रखेंगे और घरेलू क्रिकेट में उनकी निरंतरता आने वाली पीढ़ियों के खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगी।
डग ब्रेसवेल अब अपने जीवन के नए अध्याय की शुरुआत करेंगे। हालाँकि,उन्होंने आगे की योजनाओं का विस्तार से खुलासा नहीं किया है,लेकिन यह तय है कि उनके अनुभव और क्रिकेट ज्ञान का लाभ भविष्य में न्यूजीलैंड क्रिकेट को किसी न किसी रूप में ज़रूर मिलेगा। उनका संन्यास एक दौर के अंत का संकेत है,लेकिन उनकी उपलब्धियाँ और यादगार प्रदर्शन लंबे समय तक प्रशंसकों और साथियों की स्मृतियों में जीवित रहेंगे।
