Union Finance Minister Nirmala Sitharaman in conversation with Eswar Prasad on "India's Economic Prospects and Role in the World Economy" organised by The Book Institution as part of its "State of the Global Economy and Global Governance" event at Brookings Global in Washington

निर्मला सीतारमण : वैश्विक अर्थव्यवस्था चुनौतियों का सामना कर रही ,सरल अंतर्राष्ट्रीय कराधान नियमों पर जोर दिया

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (युआईटीवी/आईएएनएस)| वैश्विक अर्थव्यवस्था आज चुनौतियों का सामना कर रही है और जोखिमों को बढ़ने से रोकना सभी की जिम्मेदारी है। यह बयान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को दिया। वाशिंगटन डीसी में जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर्स की बैठक के समापन सत्र को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा कि, भारत जी20 प्रेसीडेंसी की मेजबानी को एक अवसर के साथ-साथ एक जिम्मेदारी के रूप में देखता है।

सीतारमण ने कहा, “बहुपक्षवाद में विश्वास का पुनर्निर्माण भारत की सोच के मूल में है। भारत का प्रयास उन वातार्लापों को प्रोत्साहित करना होगा जो हमारी अंतर-निर्भरता, हमारे साझा ज्ञान और एक सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध दुनिया के लिए हमारी सामूहिक आकांक्षा को पहचानते हैं।”

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि, “जी20 के वित्त मंत्री हमेशा सबसे कठिन वैश्विक परिस्थितियों में एक साथ आए हैं, अपने मतभेदों को दूर किया है और हमारे लोगों के लिए समृद्धि के एक सामान्य लक्ष्य की दिशा में काम किया है।”

वित्त मंत्री ने एफएमसीबीजी से एकजुटता की इस भावना के साथ मिलकर काम जारी रखने का आग्रह किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नरों की बैठक (जी20एफएमसीबीजी) में भाग लेते हुए बुनियादी ढांचे में निवेश और अंतर्राष्ट्रीय कराधान नियमों के सरलीकरण पर जोर दिया। सम्मेलन में सीतारमण ने बुनियादी ढांचे के निवेश और अंतर्राष्ट्रीय कराधान पर ध्यान केंद्रित किया। टिकाऊ और डिजिटल बुनियादी ढांचे के निवेश को बढ़ाने पर, उन्होंने निजी क्षेत्र की भागीदारी का लाभ उठाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। वित्त मंत्री ने समावेशी और गुणवत्तापूर्ण बुनियादी ढांचे के लिए उप-राष्ट्रीय स्तर पर वित्त जुटाने पर भी बात की।

जी20एफएमसीबीजी बैठक के पिछले सत्र में इस वर्ष के दौरान अंतर्राष्ट्रीय कराधान के एजेंडे पर हुई प्रगति पर भी चर्चा हुई। दो-स्तंभ समाधान पर, सीतारमण ने बातचीत और क्षमता निर्माण को प्राथमिकता देने में सभी न्यायालयों की भागीदारी का आह्वान किया।

उन्होंने यह भी कहा कि अंतर्राष्ट्रीय कर नियम सरल, प्रशासनीय होने चाहिए और विकासशील देशों में सार्थक राजस्व उत्पन्न करना चाहिए। वित्त मंत्री ने अपतटीय कर चोरी से निपटने के लिए एक प्रभावी कर रिपोटिर्ंग व्यवस्था और क्रिप्टो परिसंपत्तियों के लिए अधिकार क्षेत्र के बीच सूचना के आदान-प्रदान का भी आह्वान किया।

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