उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा के भाजपा के आरोपों को नीतीश ने नकारा

पटना, 11 अगस्त (युआईटीवी/आईएएनएस)|| बिहार में बड़े सियासी उल्टफेर के बाद अब कुछ दिन पहले तक दोस्त रहे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जनता दल (युनाइटेड) अब आमने-सामने है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को भाजपा के नेता सुशील कुमार मोदी के उपराष्ट्रपति बनने की इच्छा को बेबुनियाद बताते हुए कहा कि जो लोग बोल रहे हैं उनको तो कुछ बनाया नहीं, अब उतना बोलें मेरे खिलाफ कि उन्हें फिर से जगह मिल जाए। पटना में एक कार्यक्रम में भाग लेने के बाद पत्रकारों से चर्चा करते हुए नीतीश कुमार भाजपा पर आक्रामक दिखे। उन्होंने कहा कि जिसको जो बोलना है वो बोलते रहें। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष के लोगों को पूरी मजबूती के साथ एकजुट होकर आगे बढ़ना है।

भाजपा के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को आरोप लगाया था कि जदयू नीतीश कुमार को उपराष्ट्रपति बनना चाहती थी, लेकिन जब भाजपा ने ऐसा नहीं किया तब हो सकता है कि उसी के कारण वे एनडीए से अलग हुए।

इस बयान को लेकर पत्रकारों ने जब नीतीश कुमार से पूछा तो उन्होंने कहा कि यह सब बेकार की बाते हैं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि जो लोग बोल रहे हैं उनको तो कुछ बनाया नही गया है। मेरे खिलाफ बोलने से उन्हें फिर से जगह मिल जाए।

उन्होंने कहा कि पार्टी में उन्हें कोई जगह मिली है क्या। अगर कोई सपना है उनका तो वो पूरा करने दें। उन्हें जगह मिल जाए, हमें कुछ नहीं कहना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपलोग जानते हैं कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव में हमलोग कितनी मुस्तैदी के साथ उनके साथ थे। उपराष्ट्रपति के मतदान के बाद हमलोगों की बैठक भी हुई।

नीतीश कुमार ने फिर दोहराया कि मैं मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहता था। उन्होंने कहा कि भाजपा ने जिस तरह का काम किया वह ठीक नहीं था। हमारे उम्मीदवारों को हराने के लिए जोर लगाया गया। हमारी पार्टी के अधिकतर लोगों की बिल्कुल इच्छा नहीं थी। उन्होंने कहा कि हम जहां से छोड़कर आए आज फिर वहीं आ गये और सरकार अच्छे से चलाएंगे।

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