पटना,18 सितंबर (युआईटीवी)- बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के युवाओं को एक नई सौगात दी है। उन्होंने ‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ का विस्तार करने की घोषणा की है,जिससे राज्य के स्नातक उत्तीर्ण बेरोजगार युवक और युवतियों को भी इसका लाभ मिलेगा। यह योजना अब केवल इंटर पास युवाओं तक सीमित नहीं रहेगी,बल्कि कला,विज्ञान और वाणिज्य से स्नातक करने वाले बेरोजगार युवक-युवतियाँ भी इसमें शामिल हो जाएँगे। इस फैसले को युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस फैसले की जानकारी गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की। उन्होंने लिखा कि नवंबर 2005 में जब उनकी सरकार बनी थी,तभी से युवाओं को रोजगार और सरकारी नौकरी दिलाना तथा उन्हें सशक्त बनाना उनकी प्राथमिकता रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अगले पाँच साल में एक करोड़ युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों के जरिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने अपने पोस्ट में आगे लिखा कि आने वाले समय में सरकारी और निजी दोनों ही क्षेत्रों में बड़ी संख्या में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे,लेकिन इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए युवाओं को कौशल विकास की आवश्यकता है। इसी कारण सरकार उन्हें प्रशिक्षण देने पर जोर दे रही है ताकि वे न केवल नौकरी पाने में सक्षम हों,बल्कि स्वरोजगार शुरू करने के लिए भी आत्मनिर्भर बन सकें।
‘मुख्यमंत्री निश्चय स्वयं सहायता भत्ता योजना’ के विस्तार की घोषणा करते हुए नीतीश कुमार ने कहा कि अब स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी कर चुके बेरोजगार युवक और युवतियाँ भी इस योजना का हिस्सा बनेंगे। 20 से 25 वर्ष आयु वर्ग के वे स्नातक उत्तीर्ण युवक और युवतियाँ,जो किसी अन्य संस्थान में अध्ययनरत नहीं हैं,जिनका कोई स्वरोजगार नहीं है और न ही वे किसी सरकारी,निजी या गैर सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं,उन्हें इस योजना के अंतर्गत लाभ मिलेगा। उन्हें दो वर्षों तक हर महीने 1,000 रुपये की दर से सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राशि युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी और प्रशिक्षण के दौरान आर्थिक सहयोग प्रदान करेगी। इससे वे बेहतर तरीके से अपनी पढ़ाई या तैयारी जारी रख सकेंगे। नीतीश कुमार ने उम्मीद जताई कि इस आर्थिक सहायता का उपयोग करके युवा न केवल रोजगार पाने में सफल होंगे,बल्कि राज्य और देश के विकास में भी योगदान देंगे।
गौरतलब है कि बिहार सरकार का ‘सात निश्चय कार्यक्रम’ राज्य में विकास और सामाजिक उत्थान के लिए एक व्यापक पहल है। इसके अंतर्गत विभिन्न योजनाओं को लागू किया गया है,जिनमें शिक्षा,रोजगार,बुनियादी ढाँचा और महिला सशक्तिकरण जैसे मुद्दों को प्राथमिकता दी गई है। ‘स्वयं सहायता भत्ता योजना’ भी इसी कार्यक्रम का हिस्सा है,जिसे अब और व्यापक बनाया गया है।
नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि सरकार की इस दूरदर्शी पहल का उद्देश्य राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर और रोजगारोन्मुखी बनाना है। शिक्षित बेरोजगार युवाओं को इस योजना से लाभ मिलेगा,जिससे उनकी तैयारी के दौरान होने वाली आर्थिक कठिनाइयों को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। यह कदम युवाओं को एक नई दिशा और उनके भविष्य को सुरक्षित बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि चुनावी माहौल में यह घोषणा युवाओं के बीच काफी लोकप्रिय होगी। बिहार जैसे राज्य में,जहाँ बेरोजगारी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है,वहाँ इस तरह की योजना से युवाओं को नई आशा मिलेगी। इससे न केवल उन्हें आर्थिक राहत मिलेगी,बल्कि उनके आत्मविश्वास में भी बढ़ोतरी होगी।
विपक्ष हालाँकि,इस घोषणा को चुनावी वादा मानकर इसकी आलोचना कर सकता है,लेकिन यह भी सच है कि इस तरह की योजनाओं से सीधे तौर पर लाखों युवाओं को लाभ होगा। पहले जहाँ यह योजना केवल इंटर पास युवाओं के लिए थी,अब स्नातक स्तर के छात्र-छात्राओं को भी इसमें शामिल करना एक बड़ी पहल है।
नीतीश कुमार का यह फैसला बिहार में शिक्षा और रोजगार की दिशा में एक ठोस कदम है। यह युवाओं को यह भरोसा दिलाता है कि सरकार उनकी समस्याओं के समाधान के लिए गंभीर है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। आने वाले समय में यह योजना न केवल युवाओं को तैयारी में सहारा देगी,बल्कि उन्हें बेहतर अवसरों तक पहुंचाने में भी मदद करेगी।
इस फैसले के बाद अब राज्य के लाखों स्नातक बेरोजगार युवाओं के लिए नए अवसर खुलेंगे। यह योजना उनके सपनों को साकार करने की दिशा में एक मजबूत आधार बनेगी और बिहार को एक नए विकास पथ पर आगे बढ़ाने में अहम योगदान देगी।
