प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@BJP4India)

कृषि हितों से समझौता नहीं करेगा भारत,प्रधानमंत्री ने दिया आश्वासन,पीएम मोदी के बयान से जगतसिंहपुर के किसान उत्साहित

जगतसिंहपुर,8 अगस्त (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को साफ शब्दों में कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से किसी भी परिस्थिति में समझौता नहीं करेगा। यह बयान उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में दिया,जहाँ उन्होंने मंच से किसानों,पशुपालकों और मछुआरों के हितों को सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता बताया। प्रधानमंत्री का यह ऐलान न केवल राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जा रहा है,बल्कि इससे देशभर के किसानों में उत्साह भी देखा जा रहा है।

ओडिशा के जगतसिंहपुर जिले के तटीय क्षेत्र सिपही के किसान देबदत्त मोहंती ने प्रधानमंत्री के इस रुख का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने हमेशा किसानों के कल्याण को प्राथमिकता दी है और उनके लिए सराहनीय कदम उठाए हैं। मोहंती ने खास तौर पर पीएम-किसान योजना का उल्लेख किया,जिसके तहत किसानों को सीधे वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल किसानों को आर्थिक स्थिरता देती है और उन्हें खेती में निवेश बढ़ाने का अवसर प्रदान करती है।

मोहंती के अनुसार,प्रधानमंत्री का यह कहना कि किसी भी परिस्थिति में किसानों के हितों की रक्षा की जाएगी,सरकार की प्रतिबद्धता का स्पष्ट प्रमाण है। उन्होंने कहा कि यह भरोसा किसानों के मन में यह विश्वास जगाता है कि चाहे देश को कितनी भी चुनौतियों का सामना क्यों न करना पड़े,उनकी चिंताओं को अनदेखा नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयासों और उनकी स्पष्ट नीति के कारण किसान आज पहले से अधिक सशक्त महसूस कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी का यह बयान उस समय आया है,जब वैश्विक स्तर पर व्यापार और कृषि से जुड़े मुद्दों पर खींचतान तेज हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में टैरिफ बढ़ोतरी के फैसले के बीच प्रधानमंत्री का यह स्पष्ट संदेश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अहम माना जा रहा है। उन्होंने यह साफ कर दिया कि भारत किसानों के हितों पर दबाव में आकर कोई समझौता नहीं करेगा और जो भी ताकतें किसानों के हितों को बाधित करने की कोशिश करेंगी,उनसे सख्ती से निपटा जाएगा।

सम्मेलन में अपने संबोधन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मेरे देश के किसानों,मछुआरों और पशुपालकों के लिए भारत हमेशा तैयार है। हम किसानों की आय बढ़ाने,खेती पर होने वाले खर्च को कम करने और आय के नए स्रोत बनाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस रुख की वजह से उन्हें व्यक्तिगत रूप से राजनीतिक कीमत चुकानी पड़ सकती है,लेकिन किसानों के हितों के लिए वे इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में यह भी रेखांकित किया कि कृषि क्षेत्र न केवल देश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है,बल्कि यह सामाजिक स्थिरता और खाद्य सुरक्षा की गारंटी भी है। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होने से न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में समृद्धि आएगी,बल्कि यह शहरी भारत की विकास गति को भी बल देगा।

जगतसिंहपुर के किसानों के बीच इस बयान के बाद से विशेष उत्साह देखा जा रहा है। कई किसान मानते हैं कि मोदी सरकार के कार्यकाल में कृषि क्षेत्र में कई ऐतिहासिक सुधार हुए हैं,जिनमें सिंचाई परियोजनाओं का विस्तार,डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए बाजार तक पहुँच और बीमा योजनाओं का सुदृढ़ीकरण शामिल है। किसानों का मानना है कि प्रधानमंत्री के इस आश्वासन से उन्हें यह भरोसा मिला है कि भविष्य में भी सरकार उनके हितों की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगी।

केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थी रहे सिपही के अन्य किसानों ने भी कहा कि पीएम-किसान योजना जैसी पहलों ने उनकी आर्थिक हालत में बड़ा बदलाव किया है। सीधे बैंक खाते में वित्तीय सहायता पहुँचने से न केवल बिचौलियों की भूमिका खत्म हुई है,बल्कि किसानों के हाथ में समय पर पूँजी भी पहुँची है,जिससे वे बीज,खाद और अन्य कृषि सामग्री आसानी से खरीद पा रहे हैं।

प्रधानमंत्री के इस रुख को कृषि विशेषज्ञ भी महत्वपूर्ण मानते हैं। उनका कहना है कि वैश्विक व्यापार में हो रहे बदलावों और जलवायु परिवर्तन जैसी चुनौतियों के बीच किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना बेहद जरूरी है। अगर भारत अपने किसानों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के दबाव से बचा पाता है,तो इससे न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी,बल्कि कृषि उत्पादन में स्थिरता भी बनी रहेगी।

गुरुवार को दिया गया प्रधानमंत्री का यह संदेश केवल एक राजनीतिक बयान नहीं,बल्कि यह किसानों के साथ एक मजबूत सामाजिक और आर्थिक अनुबंध का संकेत है। इससे यह स्पष्ट है कि सरकार आने वाले समय में भी कृषि क्षेत्र को अपनी नीतियों के केंद्र में रखेगी और किसानों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए ठोस कदम उठाती रहेगी।

जगतसिंहपुर के किसान इसे एक भरोसेमंद वादा मानते हैं,जो उनके जीवन और आजीविका पर सीधा असर डालेगा। प्रधानमंत्री का यह ऐलान उनके लिए न केवल आश्वासन है,बल्कि एक प्रेरणा भी है कि कठिन परिस्थितियों में भी उनकी आवाज केंद्र सरकार तक पहुँच रही है और उस पर ठोस कार्रवाई हो रही है।