ग्रेटर नोएडा,18 सितंबर (युआईटीवी)- नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) के उद्घाटन का इंतजार अब खत्म होने जा रहा है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री किंजरापु राम मोहन नायडू ने हिंडन एयरपोर्ट पर आयोजित यात्री सेवा दिवस कार्यक्रम में घोषणा की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 30 अक्टूबर को इस एयरपोर्ट का औपचारिक शुभारंभ करेंगे। यह ऐतिहासिक पल न केवल उत्तर प्रदेश बल्कि पूरे देश के लिए अहम साबित होगा,क्योंकि यह एयरपोर्ट भारत की आर्थिक और बुनियादी ढाँचे की तस्वीर बदलने की क्षमता रखता है।
यमुना प्राधिकरण और एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, एयरपोर्ट का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब केवल अंतिम फिनिशिंग का काम शेष है। उद्घाटन की तारीख को ध्यान में रखते हुए करीब 6,000 कर्मचारी चौबीसों घंटे मेहनत कर रहे हैं,ताकि सभी तैयारियाँ निर्धारित समय पर पूरी हो सकें। उड़ान शुरू करने के लिए आवश्यक ट्रायल भी पहले ही सफलतापूर्वक पूरे किए जा चुके हैं,जिससे यह साफ है कि एयरपोर्ट उद्घाटन के बाद तुरंत घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए संचालन के लिए तैयार होगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का कंसेशन 1 अक्टूबर 2021 से 40 वर्षों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और ज्यूरिख कंपनी के बीच हुआ था। निर्माण कार्य चार चरणों में पूरा किया जाना है। पहले चरण में 1,334 हेक्टेयर भूमि पर एक रनवे और एक अत्याधुनिक टर्मिनल तैयार किया गया है,जिसकी वार्षिक यात्री क्षमता 12 मिलियन होगी। यह चरण 2025 में पूरा होने का लक्ष्य है,लेकिन उससे पहले ही एयरपोर्ट संचालन के लिए तैयार है।
एयरपोर्ट का डिज़ाइन भारतीय संस्कृति और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश की विरासत से प्रेरित है। मुख्य द्वार को बनारस के घाटों की तर्ज पर डिजाइन किया गया है,जबकि बाहरी सीढ़ियों में वाराणसी और हरिद्वार के मशहूर घाटों की झलक दिखाई देगी। इस वास्तुशिल्पीय सौंदर्य से यात्रियों को भारतीय परंपरा और आधुनिक तकनीक का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी लक्ष्य को पूरा करने में यह एयरपोर्ट बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाला है। एयरपोर्ट से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि आयात-निर्यात और व्यापारिक गतिविधियों को भी नई गति मिलेगी। विशेषकर कार्गो सेवाओं के लिए यहाँ एक बड़ा मल्टीमॉडल कार्गो टर्मिनल बनाया जा रहा है,जिसकी प्रथम चरण में क्षमता 2.5 लाख टन होगी और अंतिम चरण तक यह क्षमता बढ़कर 1.2 मिलियन टन तक पहुँच जाएगी। यह क्षमता उत्तर भारत के लिए व्यापार का नया द्वार खोलेगी।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पूरी तरह से डिजिटल सुविधाओं से लैस होगा। इसमें इनडोर नेविगेशन,पैसेंजर फ्लो मैनेजमेंट,स्मार्टफोन चेक-इन,बैगेज ड्रॉप और सभी चेकप्वाइंट्स पर डिजिटल प्रोसेसिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकें शामिल होंगी। इन सुविधाओं से यात्रियों को न केवल सुविधा होगी,बल्कि हवाई यात्रा का अनुभव भी अधिक सहज और आधुनिक बनेगा।
अब तक अकासा एयर और इंडिगो जैसी प्रमुख एयरलाइंस ज्यूरिख कंपनी के साथ एमओयू साइन कर चुकी हैं और माना जा रहा है कि उद्घाटन के बाद जल्द ही कई अन्य घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस भी यहाँ से उड़ान भरना शुरू करेंगी। इस एयरपोर्ट से सीधे अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों की सुविधा मिलने से दिल्ली-एनसीआर और पूरे उत्तर भारत के यात्रियों को एक नया विकल्प मिलेगा।
भविष्य की योजनाओं के अनुसार,एयरपोर्ट का टर्मिनल-1 की क्षमता 30 मिलियन यात्रियों तक बढ़ाई जाएगी,जबकि टर्मिनल-2 की क्षमता 40 मिलियन यात्रियों तक होगी। जब एयरपोर्ट के सभी चार चरण पूरे हो जाएँगे,तब यहाँ से सालाना 70 मिलियन यात्री यात्रा कर सकेंगे। इस तरह यह एयरपोर्ट देश के सबसे बड़े और व्यस्ततम हवाई अड्डों में शुमार हो जाएगा।
एयरपोर्ट का टर्मिनल, एटीसी (एयर ट्रैफिक कंट्रोल),रनवे और लाइटिंग का काम पहले ही पूरा हो चुका है। यह सुनिश्चित किया गया है कि उद्घाटन के तुरंत बाद यहाँ घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें शुरू हो जाएँ। यात्रियों के लिए यहाँ विश्व स्तरीय सुविधाओं का इंतजाम किया गया है,जिससे यह एयरपोर्ट न केवल देश में बल्कि एशिया के प्रमुख एयरपोर्ट्स में भी अपनी पहचान बनाएगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन उत्तर प्रदेश और भारत के लिए एक नई उड़ान साबित होगा। यह एयरपोर्ट न केवल यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी देगा,बल्कि राज्य और देश की आर्थिक प्रगति का भी नया आधार बनेगा। उद्योग,व्यापार,पर्यटन और रोजगार के अवसरों में यह एयरपोर्ट क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सहयोग से यह परियोजना भारत की प्रगति की नई गाथा लिखने के लिए तैयार है।
