सुरेश रैना और शिखर धवन (तस्वीर क्रेडिट@imarjun001)

वनएक्सबेट मनी लॉन्ड्रिंग केस में बड़ा खुलासा: सुरेश रैना और शिखर धवन की 11.14 करोड़ की संपत्ति ईडी ने की जब्त,विदेशी कंपनियों से लेनदेन पर उठे सवाल

नई दिल्ली,7 नवंबर (युआईटीवी)- वनएक्सबेट मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भारत के दो पूर्व क्रिकेटरों — सुरेश रैना और शिखर धवन की कुल 11.14 करोड़ रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से जब्त कर ली। ईडी की जाँच में यह सामने आया है कि दोनों खिलाड़ियों ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी कंपनी वनएक्सबेट और उससे जुड़े सरोगेट ब्रांड्स का जानबूझकर प्रचार किया था,जबकि उन्हें इस बात की जानकारी थी कि यह प्लेटफॉर्म भारत में प्रतिबंधित है।

ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जब्त संपत्ति में सुरेश रैना के नाम से 6.64 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड और शिखर धवन की 4.5 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्तियाँ शामिल हैं। जाँच एजेंसी ने दोनों खिलाड़ियों से जुड़े अनुबंधों और भुगतान के तरीकों को खंगालते हुए पाया कि उन्होंने विदेशी कंपनियों से सीधे अनुबंध किए और उनका भुगतान लेयर ट्रांजैक्शन यानी कई चरणों में छिपे हुए माध्यमों से विदेशी खातों में प्राप्त किया। इस तरह से अवैध फंड्स की असली पहचान और स्रोत को छिपाने का प्रयास किया गया।

ईडी ने अपनी जाँच में 1,000 करोड़ रुपये के बड़े मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क का खुलासा किया है,जिसमें 6,000 से अधिक म्यूचुअल या डमी अकाउंट्स के जरिए रकम को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया गया। एजेंसी ने अब तक इस नेटवर्क से जुड़े 60 बैंक खातों को फ्रीज किया है और 4 करोड़ रुपये से अधिक की नकद राशि जब्त की है। इसके अलावा,कई डिजिटल पेमेंट गेटवे,शेल कंपनियों और विदेशी ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड्स की भी जाँच चल रही है।

वनएक्सबेट ने पिछले कुछ वर्षों में भारत में खेल प्रेमियों के बीच लोकप्रियता हासिल की थी। यह कंपनी विभिन्न खेल आयोजनों,खासकर क्रिकेट टूर्नामेंट्स के प्रचार के जरिए भारतीय बाजार में अपनी जगह बना रही थी। इसके लिए कंपनी ने कई सेलिब्रिटीज, सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और खिलाड़ियों से अनुबंध किए थे। इसी प्रचार श्रृंखला में रैना और धवन जैसे बड़े खिलाड़ियों का नाम जुड़ा हुआ था। हालाँकि, ईडी के अनुसार यह प्रचार भारत के सट्टा अधिनियम का उल्लंघन था,क्योंकि ऑनलाइन सट्टेबाजी भारत में प्रतिबंधित है।

ईडी के सूत्रों ने बताया कि खिलाड़ियों ने वनएक्सबेट के प्रचार के लिए मोटी रकम ली और कंपनी के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधियों से सीधे अनुबंध किए। इन अनुबंधों के तहत भुगतान विदेशी खातों के माध्यम से हवाला नेटवर्क और क्रिप्टोकरेंसी ट्रांसफर के जरिए किया गया। एजेंसी को जाँच के दौरान कई विदेशी अकाउंट्स से जुड़ी फाइलें,अनुबंधों की कॉपियां और हवाला नेटवर्क से संबंधित दस्तावेज मिले हैं,जो खिलाड़ियों के विदेशी भुगतान से मेल खाते हैं।

जाँच में यह भी सामने आया है कि वनएक्सबेट ने स्पोर्ट्स प्रमोशन कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से अपनी ऐप और वेबसाइट का प्रचार करने के लिए भारतीय क्रिकेटर्स को इस्तेमाल किया। इस रणनीति के तहत कंपनी ने भारत के खेल प्रेमियों तक सीधी पहुँच बनाई और उन्हें अपनी वेबसाइट पर लुभावने ऑफर्स के जरिए जोड़ने की कोशिश की। ईडी का कहना है कि इस पूरे नेटवर्क के माध्यम से बड़ी मात्रा में धन अवैध रूप से भारत से बाहर भेजा गया और फिर उसे विदेशी निवेश के रूप में वापस लाने की कोशिश की गई।

सूत्रों के अनुसार,वनएक्सबेट से जुड़े कई मामलों में देश के अलग-अलग राज्यों की पुलिस ने पहले से ही एफआईआर दर्ज की हुई थी। इन एफआईआर में कंपनियों पर धोखाधड़ी,ऑनलाइन सट्टेबाजी और अवैध वित्तीय लेनदेन के आरोप लगाए गए थे। इन्हीं शिकायतों के आधार पर ईडी ने प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत केस दर्ज कर जाँच शुरू की थी। एजेंसी को जाँच के दौरान पता चला कि कंपनी ने भारत में कई सरोगेट वेबसाइट्स और फेक प्रमोशनल ब्रांड्स लॉन्च किए,जिनके जरिए वह सट्टेबाजी से होने वाली रकम को छिपाती रही।

सुरेश रैना और शिखर धवन का नाम इस केस में सामने आने के बाद क्रिकेट जगत में हलचल मच गई है। दोनों खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के प्रमुख चेहरों में से रहे हैं और उन्होंने लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए शानदार प्रदर्शन किया है। फिलहाल ईडी ने दोनों को नोटिस जारी कर आगे की पूछताछ के लिए बुलाया है। एजेंसी का कहना है कि दोनों खिलाड़ियों को अपनी वित्तीय डील्स और विदेशी अनुबंधों के बारे में स्पष्ट जानकारी देनी होगी।

वनएक्सबेट पर कार्रवाई केवल भारत तक सीमित नहीं है। यह कंपनी पहले से ही कई देशों में ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी से जुड़े मामलों में जाँच के घेरे में है। रूस और यूक्रेन में इसकी मूल कंपनियों पर पहले भी प्रतिबंध लगाए जा चुके हैं। भारत में यह प्लेटफॉर्म आईटी अधिनियम और गैंबलिंग प्रिवेंशन लॉ के तहत गैरकानूनी घोषित है।

ईडी ने यह भी संकेत दिए हैं कि आने वाले दिनों में इस केस में और बड़े नामों के सामने आने की संभावना है। एजेंसी उन सभी सेलिब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स के अनुबंधों की जाँच कर रही है,जिन्होंने वनएक्सबेट या उससे जुड़े ब्रांड्स का प्रचार किया था। अधिकारियों के अनुसार,इस पूरी जाँच का मकसद न केवल अवैध सट्टेबाजी नेटवर्क को खत्म करना है,बल्कि उस धन के प्रवाह को भी रोकना है जो विदेशी माध्यमों से भारत की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुँचा रहा है।

इस तरह,वनएक्सबेट केस अब केवल एक वित्तीय घोटाले तक सीमित नहीं रहा,बल्कि यह भारतीय खेल जगत की साख से जुड़ा बड़ा मुद्दा बन गया है। ईडी की जाँच आगे और भी चौंकाने वाले खुलासे कर सकती है,जिससे इस अवैध नेटवर्क की जड़ें पूरी तरह उजागर होंगी।