नई दिल्ली,22 अगस्त (युआईटीवी)- नई दिल्ली में जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का भविष्य आकार लेने वाला है। चैटजीपीटी बनाने वाली कंपनी ओपनएआई ने शुक्रवार को यह ऐलान किया कि वह इस साल के अंत तक भारत में अपना पहला कार्यालय खोलने जा रही है। यह घोषणा ऐसे समय में की गई है,जब भारत चैटजीपीटी और ओपनएआई के अन्य टूल्स का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है और देश में इनके उपयोगकर्ताओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। कंपनी का कहना है कि नई दिल्ली में कार्यालय खोलना भारत सरकार के इंडियाएआई मिशन को समर्थन देने और भारत के लिए विशेष रूप से एआई टूल्स विकसित करने की दिशा में उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
कंपनी ने एक बयान में कहा कि भारत में कार्यालय स्थापित होने के बाद ओपनएआई अपने करोड़ों उपयोगकर्ताओं,जिनमें छात्र,शिक्षक, पेशेवर और डेवलपर शामिल हैं को और अधिक कुशल और व्यक्तिगत सेवाएँ प्रदान कर सकेगा। ये उपयोगकर्ता पहले से ही सीखने,रचनात्मकता बढ़ाने और समस्याओं के समाधान के लिए ओपनएआई के टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने इस अवसर पर कहा कि भारत में एआई के प्रति उत्साह और अवसरों का स्तर अद्भुत है। उन्होंने कहा कि भारत में मौजूद प्रतिभाशाली तकनीकी दिमाग,विश्वस्तरीय डेवलपर इकोसिस्टम और सरकार का मजबूत समर्थन मिलकर इस देश को एक वैश्विक एआई नेता बना सकते हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत में पहला कार्यालय खोलना और एक स्थानीय टीम तैयार करना ओपनएआई के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है,जो उन्नत एआई को देशभर के लोगों तक अधिक सुलभ और किफायती बनाने की दिशा में कंपनी की गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
भारत न केवल चैटजीपीटी का अमेरिका के बाद दूसरा सबसे बड़ा बाजार है,बल्कि यह सबसे तेजी से बढ़ते बाज़ारों में भी गिना जाता है। रिपोर्ट्स के अनुसार,पिछले एक वर्ष में भारत में चैटजीपीटी के वीकली एक्टिव यूजर्स की संख्या चार गुना से भी अधिक हो गई है। इसका सीधा संकेत है कि एआई टूल्स को लेकर भारतीय समाज में तेजी से स्वीकार्यता और माँग बढ़ रही है।
भारत सरकार भी इस दिशा में पूरी तरह सक्रिय है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ओपनएआई के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि भारत में कार्यालय खोलने का कदम यह दर्शाता है कि देश डिजिटल इनोवेशन और एआई अपनाने में विश्व स्तर पर अग्रणी बनता जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत एआई मिशन के तहत एक ऐसा इकोसिस्टम बनाने की दिशा में काम कर रहा है,जो सुरक्षित,विश्वसनीय और समावेशी हो और एआई के लाभ प्रत्येक नागरिक तक पहुँच सकें। ऐसे में ओपनएआई जैसी कंपनी का सहयोग इस दृष्टिकोण को गति देगा।
ओपनएआई प्लेटफॉर्म पर भारत पहले से ही शीर्ष पाँच डेवलपर बाजारों में शुमार है। चैटजीपीटी का उपयोग करने वाले छात्रों की संख्या में भी भारत वैश्विक स्तर पर सबसे आगे है। इससे यह साफ है कि यहाँ की नई पीढ़ी एआई के माध्यम से सीखने और अपने करियर को आकार देने में बेहद रुचि रखती है।
हालाँकि,नई दिल्ली में कार्यालय के सटीक स्थान की जानकारी अभी तक साझा नहीं की गई है,लेकिन यह स्पष्ट कर दिया गया है कि ओपनएआई ने भारत में आधिकारिक रूप से अपनी इकाई स्थापित कर ली है और स्थानीय टीम की नियुक्ति भी शुरू कर दी गई है। यह टीम भारत सरकार,स्थानीय साझेदारों,उद्योगों,डेवलपर्स और शैक्षणिक संस्थानों के साथ मिलकर काम करेगी,ताकि एआई के उपयोग को बढ़ावा दिया जा सके।
कंपनी ने यह भी कहा है कि भारत में उसकी स्थानीय उपस्थिति का उद्देश्य केवल सेवाएँ प्रदान करना ही नहीं है,बल्कि विशेष रूप से भारत की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नए एआई टूल्स और फीचर्स विकसित करना भी है। इन टूल्स को इस तरह डिजाइन किया जाएगा कि वे देश के आम लोगों के लिए अधिक किफायती और आसानी से सुलभ हों।
भारत में पहले से ही कई स्थानीय व्यवसाय और संस्थान ओपनएआई के टूल्स का उपयोग कर महत्वपूर्ण समस्याओं का समाधान कर रहे हैं। उदाहरण के लिए,एआई-पावर्ड कृषि सेवाओं के जरिए किसानों को बेहतर मार्गदर्शन मिल रहा है,भर्ती प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाया जा रहा है और सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता व दक्षता बढ़ाने के लिए एआई का उपयोग किया जा रहा है।
ओपनएआई का यह विस्तार सिर्फ कार्यालय तक सीमित नहीं रहेगा। कंपनी इस महीने भारत में अपना पहला शिक्षा समिट आयोजित करेगी,जिसमें शिक्षा क्षेत्र में एआई की संभावनाओं और चुनौतियों पर चर्चा होगी। इसके अलावा,इस वर्ष के अंत तक भारत में पहला डेवलपर डे भी आयोजित किया जाएगा,जहाँ देशभर के डेवलपर्स,स्टार्टअप्स और एआई उद्यम एक साथ आएँगे और एआई के भविष्य को आकार देने पर विचार करेंगे।
भविष्य की योजनाओं के बारे में कंपनी ने कहा कि वह भारत में विभिन्न पदों के लिए भर्ती कर रही है और आने वाले महीनों में नए कार्यालय और उससे जुड़ी गतिविधियों के बारे में और जानकारी साझा की जाएगी।
स्पष्ट है कि ओपनएआई का भारत में कार्यालय खोलने का कदम केवल एक कारोबारी विस्तार नहीं है,बल्कि यह भारत को वैश्विक एआई परिदृश्य में एक मजबूत स्तंभ बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इससे न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा,बल्कि शिक्षा,उद्योग,कृषि और शासन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में एआई के इस्तेमाल की संभावनाएँ भी और मजबूत होंगी।
भारत में लाखों यूजर्स के बीच तेजी से लोकप्रिय होते चैटजीपीटी और अन्य एआई टूल्स के लिए स्थानीय स्तर पर मजबूत समर्थन तंत्र तैयार करना एक ऐतिहासिक पहल साबित हो सकती है। आने वाले वर्षों में यह साझेदारी भारत को एआई क्रांति का केंद्र बना सकती है और देश को डिजिटल भविष्य की ओर अग्रसर कर सकती है।