वाशिंगटन,13 अगस्त (युआईटीवी)- पेंटागन के पूर्व अधिकारी और वरिष्ठ मध्य पूर्व विश्लेषक माइकल रुबिन ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख फील्ड मार्शल असीम मुनीर पर तीखा हमला बोला है और उनकी तुलना आधुनिक इतिहास के सबसे कुख्यात व्यक्तियों में से एक से की है। रुबिन ने मुनीर को “सूट पहने ओसामा बिन लादेन” बताया है,जो पाकिस्तानी सैन्य नेता के हालिया बयानों और वैचारिक रुख को लेकर उनकी चिंताओं को रेखांकित करता है।
यह विवाद मुनीर की अमेरिका यात्रा के दौरान की गई कथित टिप्पणियों से उपजा है,जहाँ उन्होंने कथित तौर पर चेतावनी दी थी, “हम एक परमाणु संपन्न राष्ट्र हैं। अगर हमें लगता है कि हम डूब रहे हैं,तो हम आधी दुनिया को अपने साथ ले जाएँगे।” रुबिन ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे एक बेपरवाह परमाणु हथियार का दिखावा बताया और वाशिंगटन से निर्णायक कार्रवाई का आह्वान किया। उनकी सिफारिशों में पाकिस्तान को एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी के रूप में उसके दर्जे से वंचित करना,उसे आतंकवाद का प्रायोजक देश घोषित करना और मुनीर को अमेरिका में अवांछित घोषित करना शामिल था। उन्होंने यहाँ तक सुझाव दिया कि अमेरिकी नौसेना की सील टीमों को दुरुपयोग को रोकने के लिए पाकिस्तान के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा पर विचार करना चाहिए।
भारत के विदेश मंत्रालय ने भी मुनीर की कथित टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है और उन्हें बेहद गैर-ज़िम्मेदाराना और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संभावित ख़तरा बताया है। नई दिल्ली के अधिकारियों ने इस बात पर विशेष चिंता व्यक्त की कि मुनीर के अमेरिकी धरती पर रहते हुए ऐसा भड़काऊ बयान दिया गया। भारतीय सांसदों ने भी इसी भावना का समर्थन करते हुए एक मित्र राष्ट्र की धरती से परमाणु धमकी देने के औचित्य पर सवाल उठाया।
रुबिन की आलोचना मुनीर तक ही सीमित नहीं रही। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप लगाया कि वे सैद्धांतिक और रणनीतिक विदेश नीति बनाए रखने के बजाय अपने निजी अहंकार और जल्दीबाज़ी में समझौते करने में ज़्यादा रुचि रखते हैं। रुबिन के अनुसार,पाकिस्तान के साथ जल्दबाज़ी में किए गए समझौते क्षेत्र में स्थायी शांति सुनिश्चित करने के बजाय और अस्थिरता पैदा कर सकते हैं।
असीम मुनीर,जिन्हें हाल ही में 2025 के भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बाद फील्ड मार्शल के पद पर पदोन्नत किया गया था,अब खुद को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर असाधारण प्रतिक्रिया के केंद्र में पा रहे हैं। जहाँ पाकिस्तान में उनके समर्थक उन्हें राष्ट्रीय संप्रभुता की रक्षा करने वाले एक मज़बूत नेता के रूप में देखते हैं,वहीं उनके आलोचक उन्हें एक ख़तरनाक व्यक्ति मानते हैं,जिनके शब्द तनाव बढ़ा सकते हैं और वैश्विक सुरक्षा को कमज़ोर कर सकते हैं।