मोहाली,4 जून (युआईटीवी)- पंजाब पुलिस ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने के आरोप में एक और यूट्यूबर जसबीर सिंह को गिरफ्तार किया है,जो ‘जान महल’ नाम से यूट्यूब चैनल चलाता था। यह गिरफ्तारी रूपनगर जिले के महालन गाँव से की गई है और इससे पहले पकड़ी गई ज्योति मल्होत्रा नामक महिला जासूस से इसके संपर्कों की पुष्टि हुई है।
पंजाब की स्टेट स्पेशल ऑपरेशन सेल (एसएसओसी) द्वारा की गई इस कार्रवाई से यह स्पष्ट हो रहा है कि पाकिस्तान भारत में जासूसी के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स और सामान्य नागरिकों को निशाना बना रहा है।
पुलिस के अनुसार,जसबीर सिंह न केवल पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में था, बल्कि वह आईएसआई अधिकारी शाकिर जट्ट रंधावा के लिए काम भी कर रहा था। उसने कई बार भारत की संवेदनशील और रणनीतिक जानकारियाँ पाकिस्तान को भेजी हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि जसबीर अब तक तीन बार पाकिस्तान की यात्रा कर चुका है। पुलिस को उसके मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज़ से पाकिस्तानी नंबर,संवेदनशील वीडियो और आपत्तिजनक तस्वीरें भी मिली हैं। साथ ही,वह पाकिस्तान उच्चायोग (हाई कमीशन) द्वारा दिल्ली में आयोजित किए गए पाकिस्तान नेशनल डे कार्यक्रम में भी शामिल हुआ था,जिसका निमंत्रण पाक उच्चायोग में तैनात अधिकारी ‘दानिश’ ने दिया था।
जसबीर सिंह का यूट्यूब चैनल ‘जान महल’ बेहद लोकप्रिय था,जिसके 1.1 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। यहीं से वह देशभर में अपने विचार और वीडियो फैला रहा था। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार,उसने पाकिस्तान से जुड़े कई लोगों के नंबर अलग-अलग नामों से सेव किए थे,ताकि संदेह से बचा जा सके।
इसके मोबाइल से मिली जानकारी के मुताबिक,वह आईएसआई के अधिकारियों से एन्क्रिप्टेड ऐप्स और सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में था। ज्योति मल्होत्रा नाम की महिला से पूछताछ में जसबीर का नाम सामने आया,जिससे पता चला कि दोनों एक-दूसरे को जानते थे और संपर्क में थे। यही नहीं,ज्योति ने ही जसबीर की दानिश से मुलाकात करवाई थी।
हरियाणा से गिरफ्तार ज्योति मल्होत्रा भी आईएसआई के लिए काम करने के आरोप में पुलिस की हिरासत में है। पूछताछ में यह सामने आया कि जसबीर और ज्योति न केवल संपर्क में थे,बल्कि साथ में वीडियो भी बनाए और इंटरनेट पर अपलोड किए। कई वीडियो अब जाँच के घेरे में हैं।
ज्योति के जरिए ही जसबीर का पाकिस्तान संपर्क और गहरा हुआ। पुलिस को आशंका है कि ये लोग किसी संगठित रैकेट का हिस्सा हैं,जो भारत के भीतर रहकर देश की सामरिक जानकारियों को पाकिस्तान को भेज रहे थे।
एसएसओसी ने जसबीर को कड़ी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया है और अब इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों की पहचान की जा रही है। पुलिस का कहना है कि जसबीर के फोन,सोशल मीडिया अकाउंट्स और विदेशी यात्राओं की गहन जाँच की जा रही है।
कुछ विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान,भारत में सोशल मीडिया पर सक्रिय युवाओं को लालच या वैचारिक भ्रम देकर अपने पक्ष में इस्तेमाल कर रहा है। यही कारण है कि जसबीर जैसे यूट्यूबर,जिनकी जनता के बीच पकड़ होती है,उन्हें टारगेट किया जा रहा है।
पुलिस ने जनता से अपील की है कि यदि किसी को सोशल मीडिया या व्यक्तिगत संपर्क में ऐसे किसी व्यक्ति पर शक हो जो पाकिस्तान या विदेशी एजेंसियों से संबंध रखता हो,तो वह तुरंत स्थानीय पुलिस या खुफिया एजेंसियों को सूचित करे।
जसबीर सिंह की गिरफ्तारी एक बार फिर यह साबित करती है कि पाकिस्तान भारत के आंतरिक ढाँचे और सुरक्षा तंत्र में सेंध लगाने की लगातार कोशिश कर रहा है। सोशल मीडिया,यूट्यूब चैनल और सांस्कृतिक आयोजनों के नाम पर ऐसे तत्व देश में घुसपैठ कर रहे हैं।
अब सुरक्षा एजेंसियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यही है कि ऐसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और उनसे जुड़े संदिग्ध व्यक्तियों की निगरानी और रोकथाम कैसे सुनिश्चित की जाए। जसबीर जैसे मामलों से यह साफ हो गया है कि देश की सुरक्षा के लिए अब सिर्फ बॉर्डर की रक्षा ही नहीं,बल्कि डिजिटल और मानसिक सीमाओं की रक्षा भी जरूरी है।