इस्लामाबाद,6 दिसंबर (युआईटीवी)- पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच सीमा तनाव एक बार फिर खतरनाक मोड़ पर पहुँच गया है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच शुक्रवार देर रात भारी गोलीबारी हुई,जिसने न केवल सरहद पर दहशत फैला दी,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर चल रही मध्यस्थता की कोशिशों को भी गहरा झटका दिया। काबुल और इस्लामाबाद ने एक-दूसरे पर संघर्ष शुरू करने का आरोप लगाया है,जबकि घटनाक्रम से यह साफ है कि सीमा पर हालात बेहद विस्फोटक हो चुके हैं।
घटना की पुष्टि अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बताया कि पाकिस्तान की ओर से कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में हमला किया गया। उनके अनुसार,पाकिस्तानी सेना ने अचानक अफगान क्षेत्र को निशाना बनाया,जिसके बाद अफगान सैनिकों को जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। मुजाहिद ने लिखा कि आज शाम पाकिस्तान ने एक बार फिर अफगान सरहद पर आग भड़काने की कोशिश की और हमला किया,जिसे अफगान सुरक्षा बलों ने मुँहतोड़ जवाब दिया।
उधर,पाकिस्तान की ओर से भी जवाबी आरोप लगाए गए। पाक मीडिया डॉन ने क्वेटा के एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से बताया कि गोलीबारी रात 10 बजे के करीब शुरू हुई और देर रात तक जारी रही। पाकिस्तान के चमन जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ. मुहम्मद ओवैस के अनुसार,संघर्ष में घायल तीन लोगों को अस्पताल लाया गया,जिनमें एक महिला भी शामिल थी। हालाँकि,अधिकारियों का कहना है कि इलाके में अभी भी तनाव बना हुआ है और गोलीबारी रुकने के बाद भी वातावरण में भय का माहौल है।
इससे पहले,दोनों देशों के बीच चल रहे तनाव को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किए गए थे। तुर्किए और कतर ने पिछले कुछ हफ्तों में दोनों पक्षों को संवाद की राह पर लाने की कोशिश की। दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच तीन दौर की बैठकें भी हुईं,लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। अब सऊदी अरब भी शांति स्थापित करने के प्रयासों में जुटा हुआ है,मगर सीमा पर हुई ताजा हिंसा ने इन कोशिशों को बड़ा झटका दिया है।
सीमा पर जारी यह संघर्ष कोई नई बात नहीं है। पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच 2,600 किलोमीटर लंबी ड्यूरंड लाइन दशकों से तनाव का कारण बनी हुई है। यह सीमा न केवल अस्थिर है,बल्कि दोनों देशों के बीच संघर्ष का केंद्र भी रही है। पिछले एक महीने से भी अधिक समय से यहाँ लगातार गोलीबारी,झड़पें और सीमा पार हमले जारी हैं। इस्लामाबाद द्वारा अफगान क्षेत्र में किए गए कथित हवाई हमलों ने हालात को और बिगाड़ दिया है।
एक अन्य बड़ा मुद्दा पाकिस्तान में रह रहे अफगान शरणार्थियों को लेकर है। पाकिस्तान सरकार पिछले कई महीनों से बड़ी संख्या में अफगान नागरिकों को देश छोड़ने के लिए मजबूर कर रही है। रिपोर्टों के मुताबिक,लाखों की संख्या में अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान से निकाला जा चुका है। इस कदम से दोनों देशों के रिश्ते और तनावपूर्ण हो गए हैं। काबुल ने इस कार्रवाई को अनुचित बताते हुए कहा है कि पाकिस्तान अपने घरेलू संकटों और सुरक्षा समस्याओं का दोष अफगान जनता और सरकार पर थोप रहा है।
दोनों देशों के बीच बढ़ता तनाव दक्षिण एशिया की सुरक्षा स्थिति के लिए गंभीर खतरा है। सीमा पर रहने वाले लोगों की जिंदगी लगातार खतरे में है,व्यापार ठप हो चुका है और आवागमन लगभग बंद है। शांति बहाली की कोशिशें लगातार हो रही हैं,लेकिन राजनीतिक अविश्वास और सैन्य टकराव के चलते समाधान की राह मुश्किल होती जा रही है।
ताजा गोलीबारी के बाद विशेषज्ञों का कहना है कि यदि स्थिति पर तुरंत काबू नहीं पाया गया,तो यह संघर्ष एक बड़े क्षेत्रीय संकट में बदल सकता है। पाकिस्तान गृहनीति,आतंकी घटनाओं और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा है,जबकि अफगानिस्तान पहले से ही आर्थिक संकट और अंतर्राष्ट्रीय अलगाव का शिकार है। ऐसे में इस लड़ाई का दोनों देशों की जनता पर गहरा असर पड़ना तय है।
अब सभी की निगाहें इस बात पर टिक गई हैं कि क्या सऊदी अरब,कतर और तुर्किए जैसे मध्यस्थ देशों की कोशिशें दोनों देशों को बातचीत की मेज पर वापस ला पाएँगी या नहीं,लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए स्थिति जल्द सुधरती हुई नजर नहीं आती। सीमा पर गोलियों की गूँज और दोनों देशों के बीच बढ़ती अविश्वास की खाई यह संकेत देती है कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंध अभी और कड़े दौर से गुजर सकते हैं।
क्षेत्र में शांति स्थापना की राह अभी लंबी और कठिन है।
