संयुक्त राष्ट्र,26 जून (युआईटीवी)- पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र के मंच पर चर्चा में कश्मीर मुद्दे को शामिल करने के प्रयासों का भारत ने जमकर आलोचना की है। पाकिस्तान के कश्मीर पर किए गए निराधार और कपटपूर्ण बातों की भारत ने आलोचना की है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में इस्लामाबाद के दूत ने कश्मीर का उल्लेख किया था,जिस पर संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन मंत्री प्रतीक माथुर ने कहा कि इससे पहले दिन में इस मंच का एक प्रतिनिधिमंडल ने दुरुपयोग कर निराधार और भ्रामक बातें फैलाईं,उनके द्वारा ऐसा करना कोई आश्चर्य की बात नहीं है। आगे उन्होंने कड़े लहजे में कहा कि इस प्रतिष्ठित संस्था का बहुमूल्य समय बचाने के लिए मैं उनके इन टिप्पणियों पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दूँगा। अपने बयान में प्रतीक माथुर ने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया।
चूँकि भारत ने पाकिस्तान के नाम लिए बिना यह सब किया,इसलिए इस पर पाकिस्तान को कोई जवाब देने का हक़ नहीं दिया गया। संयुक्त राष्ट्र में कश्मीर का मुद्दा चर्चा का विषय नहीं था,इसलिए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम बार-बार इसे फिलिस्तीन से जोड़ने का प्रयास कर रहे थे। पिछले साल पाकिस्तान के अलावा सिर्फ एक ही देश ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की एक बैठक में कश्मीर का उल्लेख किया था। बाकी के 191 देशों ने इसे अनदेखा कर दिया था।
Mr @PratikMathur1, Minister, delivers India’s statement at the UNGA Debate on the Annual Report of the #UNSC today. pic.twitter.com/DAtPAVzl0G
— India at UN, NY (@IndiaUNNewYork) June 25, 2024
इस पर तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने भी एक हल्की टिप्पणी करते हुए कहा था कि, कश्मीर विवाद को भारत और पाकिस्तान द्वारा बातचीत के माध्यम से हल करना चाहिए,जिससे दक्षिण एशिया में शांति, स्थिरता और समृद्धि का मार्ग प्रशस्त होगा।
प्रतीक माथुर भारत की ओर से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की वार्षिक रिपोर्ट पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बहस में बयान दे रहे थे। महासभा के मंच से पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र दूत मुनीर अकरम ने बहस के दौरान कश्मीर का उल्लेख अपने भाषण में किया,जिसके प्रत्युत्तर में प्रतीक माथुर ने यह बयान दिया।
संयुक्त राष्ट्र के विभिन्न मंचों पर पाकिस्तान नियमित रूप से जम्मू और कश्मीर का मुद्दा उठाता रहता है,चाहे चर्चा किसी भी विषय पर हो रहा हो। लेकिन,कोई समर्थन उसे नहीं मिल पाता है। पहले भी भारत ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे को उठाने के कोशिशों को खारिज कर दिया था और कहा था कि ‘जम्मू और कश्मीर तथा लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं और हमेशा रहेंगे।