नई दिल्ली,29 जून (युआईटीवी)- रविवार, 29 जून 2025 की सुबह पाकिस्तान में एक बार फिर धरती कांपी। जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियोसाइंसेज (जीएफजेड) के अनुसार,इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.3 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई में स्थित था। हालाँकि,किसी के हताहत होने या संपत्ति को नुकसान पहुँचने की खबर नहीं है,लेकिन लोग घबराहट में अपने घरों से बाहर निकल आए।
यूरो-भूमध्यसागरीय भूकंप विज्ञान केंद्र (ईएमएससी) के हवाले से रॉयटर्स ने बताया कि भूकंप का केंद्र मुल्तान शहर से 149 किलोमीटर पश्चिम में स्थित था। भूकंप सुबह करीब 3:54 बजे (भारतीय समयानुसार) महसूस किया गया,जब अधिकांश लोग गहरी नींद में थे। झटकों की तीव्रता इतनी अधिक थी कि लोग तत्काल घरों से बाहर निकल आए। हालाँकि,शुरुआती रिपोर्ट्स में किसी जान-माल के नुकसान की पुष्टि नहीं हुई है।
पाकिस्तान एक भूकंप संभावित क्षेत्र में स्थित है क्योंकि यह भारतीय प्लेट और यूरेशियन प्लेट के जंक्शन पर मौजूद है। भारतीय प्लेट हर साल लगभग 5 सेंटीमीटर की गति से यूरेशियन प्लेट की ओर धकेली जा रही है। यह टेक्टोनिक टकराव ज़मीन के अंदर तनाव पैदा करता है,जो समय-समय पर भूकंप के रूप में सामने आता है।
यह वही भूगर्भीय संरचना है,जो भारत के उत्तर भाग,नेपाल,अफगानिस्तान और पाकिस्तान को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील बनाती है। भू-वैज्ञानिकों के अनुसार,इन क्षेत्रों में भविष्य में भी मध्यम से तीव्र स्तर के भूकंप की आशंका बनी रहती है।
पाकिस्तान के लोगों को भूकंप की त्रासदी से कई बार गुजरना पड़ा है। सबसे भयानक उदाहरण 2005 में आया,जब मुजफ्फराबाद में 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था,जिसमें लगभग 87,000 लोगों की जान चली गई थी और लाखों लोग बेघर हो गए थे। इसके बाद 2007 में बलूचिस्तान क्षेत्र में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था,जिसमें 825 लोगों की मौत हुई थी।
इन घटनाओं ने न केवल पाकिस्तान में आपदा प्रबंधन की कमज़ोरियों को उजागर किया बल्कि भूकंप की तैयारियों को लेकर सरकार और नागरिकों दोनों को सजग रहने की आवश्यकता पर बल दिया।
हर बार भूकंप की घटना के बाद लोगों को जागरूक करने की जरूरत होती है कि संकट की स्थिति में वे सही कदम उठाएँ। विशेषज्ञों के अनुसार भूकंप के दौरान मजबूत मेज या टेबल के नीचे छिपें और सिर को ढँकें,दीवारों, खिड़कियों और बिजली के तारों से दूर रहें,अगर बाहर हों तो खुले मैदान में जाएँ,बिल्डिंग्स,पेड़ों और खंभों से दूरी बनाए रखें,लिफ्ट का प्रयोग न करें, सीढ़ियों का इस्तेमाल करें,अफवाहों से बचें और केवल अधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें।
सरकारों और स्थानीय प्रशासन को भी चाहिए कि भूकंप से जुड़े आपातकालीन प्रशिक्षण कार्यक्रम समय-समय पर चलाएँ और जनता को सतर्क बनाएँ।
हालाँकि,29 जून को आए इस भूकंप से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन यह एक चेतावनी है कि भूगर्भीय रूप से संवेदनशील इलाकों में रहने वाले लोगों को हमेशा सतर्क रहना चाहिए। आधुनिक तकनीक और भूकंप पूर्व चेतावनी प्रणाली के बावजूद आम जनता की जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है।
पाकिस्तान में बार-बार आ रहे भूकंप यह संकेत हैं कि सरकार को न केवल आपदा प्रबंधन तंत्र को मज़बूत बनाना चाहिए,बल्कि आम लोगों को भी इस विषय में शिक्षित करना चाहिए। भूकंप को रोका नहीं जा सकता,लेकिन उसके असर को सही समय पर सही निर्णय लेकर कम जरूर किया जा सकता है।
