नई दिल्ली,23 दिसंबर (युआईटीवी)- भविष्य निधि (पीएफ) मामले में पूर्व भारतीय क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है। कर्मचारी भविष्य निधि योगदान से संबंधित नियमों का पालन न करने के आरोपों के बाद एक स्थानीय अदालत ने यह आदेश जारी किया था।
यह मामला उथप्पा की उस कंपनी से जुड़े होने से संबंधित है,जहाँ उन्होंने निदेशक के रूप में काम किया था। रिपोर्टों से पता चलता है कि कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए भविष्य निधि योगदान भेजने में विफल रही,जो कर्मचारी भविष्य निधि और विविध प्रावधान अधिनियम, 1952 का उल्लंघन है।
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बकाया राशि चुकाने के लिए बार-बार नोटिस दिए जाने पर ध्यान न दिए जाने के बाद कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू की। संबंधित अवधि के दौरान कंपनी के निदेशक के रूप में उथप्पा को कथित उल्लंघनों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
अदालत के दस्तावेजों के अनुसार,कई समन के बावजूद उथप्पा अदालत में उपस्थित नहीं होने के बाद वारंट जारी किया गया था। कानूनी विशेषज्ञों ने कहा है कि पीएफ अधिनियम के तहत वैधानिक दायित्वों का पालन न करने पर कंपनियों के निदेशकों को व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी ठहराया जा सकता है।
वारंट जारी होने से उथप्पा की गिरफ्तारी हो सकती है,अगर वह अदालत के आदेशों का पालन नहीं करते हैं। उथप्पा के कानूनी प्रतिनिधियों ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है और यह स्पष्ट नहीं है कि पूर्व क्रिकेटर आरोपों को चुनौती देने की योजना बना रहे हैं या नहीं।
यह मामला वैधानिक नियमों के पालन के महत्व और गैर-अनुपालन के कानूनी नतीजों पर प्रकाश डालता है। यह यह सुनिश्चित करने के लिए कंपनी निदेशकों की जिम्मेदारियों को भी प्रकाश में लाता है कि कर्मचारी लाभों का उचित प्रबंधन किया जाता है।
जैसे-जैसे कानूनी कार्यवाही जारी रहेगी,उथप्पा की भूमिका और कंपनी की कथित खामियों के बारे में और अधिक जानकारी सामने आने की उम्मीद है।
