गजेंद्र सिंह शेखावत

फोन टैपिंग मामला: गजेंद्र सिंह शेखावत ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई

जयपुर, 27 मार्च (युआईटीवी/आईएएनएस)- राजस्थान का फोन टैपिंग विवाद अब राज्य की सीमाओं को पार करते हुए दिल्ली पहुंच गया है, क्योंकि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने इस मामले में दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में शिकायत दर्ज कराई है। दिल्ली पुलिस के सूत्रों ने पुष्टि की कि एक सप्ताह पहले तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से फोन टैपिंग मुद्दे के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई है। शिकायत को दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा में स्थानांतरित कर दिया गया है।

जयपुर में उनकी टीम ने कहा कि शेखावत वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल में हैं, इसलिए इस मामले में उनका बयान नहीं लिया जा सका है।

शेखावत ने अपनी शिकायत में अज्ञात पुलिस अधिकारियों और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा पर जन प्रतिनिधियों के फोन टैप करने और उनकी छवि धूमिल करने का आरोप लगाया है।

सूत्रों ने बताया कि दिल्ली क्राइम ब्रांच ने सतीश मलिक को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।

उन्होंने पुष्टि की कि राजस्थान राज्य के संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बयान को औपचारिक शिकायत का आधार बनाया गया है, जहां धारीवाल ने स्वीकार किया है कि मुख्यमंत्री के ओएसडी द्वारा ऑडियो वायरल किया गया था।

शेखावत ने अपनी शिकायत में कहा कि वायरल ऑडियो ने उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाया है और उनकी मानसिक शांति को भंग किया है।

उनकी शिकायत में आगे कहा गया है कि 17 जुलाई 2020 को देश के कई मीडिया समूहों ने संजय जैन और कांग्रेस विधायक भंवरलाल शर्मा के बीच फोन पर हुई बातचीत का कथित ऑडियो प्रसारित किया था, साथ ही कहा गया है कि गृह विभाग की अनुमति के बिना फोन टैपिंग की गई थी।

तत्कालीन एसीएस ने कहा था कि उन्हें फोन टैपिंग के बारे में कोई जानकारी नहीं है और इसलिए यह स्पष्ट है कि अवैध तरीके से फोन टैप किए गए थे।

पूर्व उप-मुख्यमंत्री सचिन पायलट द्वारा मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत का बिगुल बजाने के बाद से फोन टैपिंग का मुद्दा गहलोत सरकार की परेशानियों को बढ़ा रहा है।

हाल ही में यह मामला लोकसभा और राज्यसभा में भी उठा था।

शेखावत ने 15 मार्च को कहा था कि राजस्थान के लोग एक सवाल उठा रहे हैं कि कांग्रेस पार्टी की आंतरिक दरार को खत्म करने के लिए सरकारी तंत्र का इस्तेमाल करके फोन टैपिंग आखिर क्यों की गई?

उन्होंने इसे एक अवैध प्रक्रिया करार देते हुए कहा कि यह तो लोकतंत्र की हत्या है।

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