भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल (तस्वीर क्रेडिट@PiyushGoyal)

पीयूष गोयल की स्विट्जरलैंड यात्रा,शीर्ष बिजनेस लीडर्स से की मुलाकात,भारत-स्विस व्यापार संबंधों को नई ऊँचाइयों पर ले जाने की पहल

नई दिल्ली,10 जून (युआईटीवी)- भारत के वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इस समय पाँच दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर स्विट्जरलैंड में हैं। यह यात्रा भारत और स्विट्जरलैंड के बीच व्यापार,निवेश और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है। मंत्री की इस यात्रा के दौरान उन्होंने स्विट्जरलैंड के प्रमुख बिजनेस लीडर्स,उद्योगपतियों और सरकारी प्रतिनिधियों के साथ गहन विचार-विमर्श किया। इस बातचीत में द्विपक्षीय व्यापार,स्टार्टअप सहयोग, मैन्युफैक्चरिंग,फार्मास्युटिकल,फिनटेक और एडवांस्ड इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों पर विशेष रूप से ध्यान दिया गया।

मंगलवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर गोयल ने अपनी स्विट्जरलैंड यात्रा से जुड़ी तस्वीरें और अपडेट साझा किए। उन्होंने लिखा कि उन्होंने भारतीय और स्विस व्यापारिक प्रतिनिधियों के साथ व्यापार और निवेश के रोमांचक अवसरों,साझेदारियों और नए रास्तों पर गहन चर्चा की। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय प्रतिनिधियों के साथ उनकी मुलाकात अत्यंत जानकारीवर्धक और प्रेरणादायक रही।

गोयल ने स्विट्जरलैंड में भारतीय चार्टर्ड अकाउंटेंट्स संस्था (आईसीएआई) के ज़्यूरिख चैप्टर के अध्यक्ष और कमेटी मेंबर्स से भी मुलाकात की और भारतीय पेशेवरों की वैश्विक उपलब्धियों की सराहना की।

पीयूष गोयल ने स्विस संसद का दौरा किया और स्विट्जरलैंड के फेडरल काउंसलर गाइ परमेलिन से मुलाकात की। उन्होंने इस मुलाकात को शानदार अनुभव बताया और गाइ परमेलिन को अपना मित्र कहा। इस दौरान गोयल को प्रसिद्ध स्विस-फ्रेंच वास्तुकार ली कॉर्बूसियर द्वारा चंडीगढ़ प्रवास के दौरान बनाई गई लिथोग्राफ पेंटिंग ‘कॉर्टेज’ भी देखने का मौका मिला,जिसे उन्होंने एक ऐतिहासिक धरोहर के रूप में बताया।

गोयल ने बीएफएसआई (बैंकिंग, वित्तीय सेवाएँ और बीमा) क्षेत्र में भारत की फिनटेक विशेषज्ञता को रेखांकित किया और कहा कि भारत का इनोवेटिव स्टार्टअप इकोसिस्टम वैश्विक ध्यान आकर्षित कर रहा है। उन्होंने बताया कि भारत और स्विट्जरलैंड के बीच इस क्षेत्र में कई संभावित साझेदारियाँ हैं। खासकर डिजिटल भुगतान प्रणाली,साइबर सुरक्षा और वित्तीय समावेशन जैसे क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को और बढ़ाया जा सकता है।

मंत्री ने प्रेसिजन इंजीनियरिंग,मशीन टूल्स और उन्नत निर्माण (एडवांस मैन्युफैक्चरिंग) क्षेत्रों में काम कर रहे स्विस एसएमई के प्रमुख सीईओ से मुलाकात की। उन्होंने भारत के मजबूत मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को दर्शाते हुए उन्हें भारत में निवेश के लिए आमंत्रित किया। गोयल ने यह भी बताया कि भारत वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनने की ओर अग्रसर है और विदेशी कंपनियों के लिए एक क्षेत्रीय हब के रूप में उभर रहा है।

गोयल ने अपनी यात्रा के दौरान कई स्विस फार्मास्युटिकल और लाइफ साइंसेज कंपनियों के प्रमुखों से भी संवाद किया,जो भारत में निवेश को लेकर गहन विचार कर रही हैं। इन बैठकों में भारत के हेल्थकेयर इकोसिस्टम,आर एंड डी क्षमता और ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम पर चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि इन कंपनियों ने भारत की विकास गति और नवाचार आधारित वातावरण की सराहना की।

स्विट्जरलैंड को नवाचार और उच्च तकनीकी क्षमताओं के लिए जाना जाता है, जबकि भारत तेज़ी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है,जो वैश्विक व्यापार और निवेश का केंद्र बनता जा रहा है। पीयूष गोयल की यह यात्रा भारत और स्विट्जरलैंड के बीच व्यापारिक संबंधों को और गहरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोनों देशों के बीच व्यापारिक आदान-प्रदान के साथ-साथ नवाचार,उच्च तकनीक, हेल्थकेयर,फिनटेक और ग्रीन टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में भी साझेदारी की संभावनाएँ बन रही हैं।

स्विट्जरलैंड यात्रा के बाद पीयूष गोयल स्वीडन भी जाएँगे,जहाँ वह भारत-स्वीडन व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योगपतियों से मुलाकात करेंगे। यह यात्रा यूरोप की दो सबसे इनोवेटिव इकोनॉमी स्विट्जरलैंड और स्वीडन के साथ भारत के रणनीतिक जुड़ाव को मज़बूत करने की दिशा में मील का पत्थर मानी जा रही है।

पीयूष गोयल की यह यात्रा न केवल भारत-स्विट्जरलैंड व्यापारिक संबंधों को प्रगाढ़ करने की दिशा में प्रभावी रही है,बल्कि यह भारत के वैश्विक आर्थिक दृष्टिकोण को भी दर्शाती है। भारत की विकास यात्रा,स्टार्टअप संस्कृति,मेक इन इंडिया अभियान और नवाचार आधारित दृष्टिकोण विदेशी निवेशकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। यह दौरा दोनों देशों के लिए दीर्घकालिक व्यापारिक और कूटनीतिक लाभ सुनिश्चित करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास है।