प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@BJP4India)

पीएम मोदी का ‘समुद्र से समृद्धि’ अभियान: गुजरात से देशभर में 34,200 करोड़ की परियोजनाओं का उद्घाटन

भावनगर/नई दिल्ली,20 सितंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को गुजरात पहुँचने से पहले ही यह संदेश दिया था कि 20 सितंबर भारत के समुद्री क्षेत्र और आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक दिन साबित होगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “20 सितंबर भारत के समुद्री क्षेत्र और आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारे प्रयासों के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है। भावनगर में ‘समुद्र से समृद्धि’ कार्यक्रम में भाग लूँगा। 34,200 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया जाएगा। इनसे पूरे भारत के लोगों को लाभ होगा। शिपिंग क्षेत्र से संबंधित प्रमुख नीतियों पर भी हमारा ध्यान केंद्रित रहेगा।”

गुजरात के भावनगर में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने समुद्री क्षेत्र को नई गति देने के उद्देश्य से 7,870 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इनमें मुंबई के इंदिरा डॉक पर बनने वाला अंतर्राष्ट्रीय क्रूज टर्मिनल प्रमुख है,जिससे भारत का नाम वैश्विक क्रूज पर्यटन बाजार में और मजबूती से दर्ज होगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कोलकाता में एक नए कंटेनर टर्मिनल,पारादीप बंदरगाह पर आधुनिक कंटेनर बर्थ,टूना टेकरा में मल्टी-कार्गो टर्मिनल और चेन्नई बंदरगाह पर समुद्री दीवारों व तटीय सुरक्षा से संबंधित परियोजनाओं का शुभारंभ किया। साथ ही कार निकोबार द्वीप पर समुद्री दीवार निर्माण,कांडला में बहुउद्देश्यीय कार्गो बर्थ और पटना तथा वाराणसी में जहाज मरम्मत सुविधाओं की आधारशिला भी रखी गई।

प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा केवल समुद्री क्षेत्र तक ही सीमित नहीं रहा। उन्होंने गुजरात के विभिन्न हिस्सों से जुड़ी केंद्र और राज्य सरकार की 26,354 करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। भावनगर की जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह सभी परियोजनाएँ न केवल गुजरात बल्कि पूरे देश के विकास को नई ऊँचाई देंगी। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत का समुद्री इतिहास जितना गौरवशाली रहा है,उतना ही उज्ज्वल उसका भविष्य भी होगा।


मोदी ने अपने कार्यक्रम के दौरान धोलेरा का हवाई सर्वेक्षण भी किया। धोलेरा गाँव को लंबे समय से एक हरित औद्योगिक शहर के रूप में विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है। इसे स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर,दीर्घकालिक औद्योगीकरण और वैश्विक निवेश के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि धोलेरा की परिकल्पना केवल गुजरात के लिए नहीं,बल्कि पूरे देश के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी।

इसके बाद प्रधानमंत्री ने दोपहर लगभग 1:30 बजे एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की। इस बैठक में समुद्री क्षेत्र से जुड़ी नीतियों और विकास परियोजनाओं की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की गई। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि भारत की समुद्री ताकत को आत्मनिर्भर भारत अभियान का अभिन्न हिस्सा बनाना जरूरी है,क्योंकि तटीय राज्यों और द्वीपों का विकास सीधे तौर पर देश की अर्थव्यवस्था और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है।

कार्यक्रम के अंत में प्रधानमंत्री मोदी लोथल पहुँचे,जहाँ उन्होंने लगभग 4,500 करोड़ रुपए की लागत से विकसित किए जा रहे राष्ट्रीय समुद्री विरासत परिसर (एनएमएचसी) का दौरा किया। इस परिसर को भारत की प्राचीन समुद्री परंपराओं को संरक्षित करने और उन्हें नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से तैयार किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने इसके कार्यों की प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि यह परिसर न केवल देश के समुद्री इतिहास का उत्सव मनाएगा,बल्कि पर्यटन,शिक्षा,अनुसंधान और कौशल विकास का भी एक प्रमुख केंद्र बनेगा।

मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का समुद्री गौरव हजारों साल पुराना है। लोथल जैसे हड़प्पाकालीन नगर भारत की प्राचीन समुद्री व्यापार क्षमता के साक्षी हैं। आज जब भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है,तब समुद्री क्षेत्र को मजबूत करना बेहद जरूरी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि “समुद्र से समृद्धि” केवल एक नारा नहीं बल्कि भारत की प्रगति का मार्ग है।

प्रधानमंत्री ने यह भी दोहराया कि भारत की नई बंदरगाह नीतियाँ और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर योजनाएँ न केवल लॉजिस्टिक्स लागत को कम करेंगी,बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में भारत की स्थिति को और सशक्त बनाएँगी। उनका कहना था कि आधुनिक क्रूज टर्मिनलों और कंटेनर बर्थ के जरिए भारत वैश्विक निवेशकों को आकर्षित करेगा और पर्यटन व व्यापार को नई दिशा देगा।

गुजरात में आयोजित इस कार्यक्रम ने एक बार फिर यह संदेश दिया कि केंद्र सरकार देश के समुद्री क्षेत्र को न केवल आर्थिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम मोदी ने अपने भाषण के अंत में कहा कि आने वाले वर्षों में समुद्री क्षेत्र भारत की अर्थव्यवस्था को नई ऊँचाइयों तक ले जाएगा और यह सुनिश्चित करेगा कि भारत “ब्लू इकोनॉमी” की ताकत से आत्मनिर्भरता की दिशा में और मजबूती से आगे बढ़े।