नई दिल्ली,28 जनवरी (युआईटीवी)- अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी दूसरी बार शपथ लेने के एक सप्ताह बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ फोन पर महत्वपूर्ण बातचीत की। सोमवार,27 जनवरी को हुई यह बातचीत काफी लंबी और गहन रही,जिसमें दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। इस बातचीत में सबसे प्रमुख मुद्दा निष्पक्ष द्विपक्षीय व्यापार का था,जिस पर ट्रंप ने जोर दिया। यह वही मुद्दा है जिसे ट्रंप ने अपनी पिछली राष्ट्रपति पद की अवधि में भी बार-बार उठाया था।
ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में कई बार भारत से अमेरिकी उत्पादों पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाने की माँग की थी। उनका कहना था कि अमेरिका में भारत से आने वाले उत्पादों पर बहुत कम इम्पोर्ट ड्यूटी लगती है,जबकि भारत में अमेरिकी उत्पादों पर बहुत अधिक टैक्स लगाया जाता है। ट्रंप का मानना है कि इस तरह का व्यापार निष्पक्ष नहीं है और इसे ठीक किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने चुनावी अभियान के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था और यह साफ किया था कि यदि वह राष्ट्रपति बने तो इस मामले में कुछ ठोस कदम उठाएँगे।
अब जब ट्रंप दूसरी बार राष्ट्रपति बने हैं,तो उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ अपनी पहली बातचीत में फिर से इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान के अनुसार,इस फोन वार्ता में दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर बातचीत हुई। इसमें प्रमुख रूप से व्यापार संबंधों को और अधिक मजबूत बनाने,अमेरिकी रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने और द्विपक्षीय व्यापार को निष्पक्ष बनाने के मुद्दे शामिल थे।
व्हाइट हाउस के बयान में कहा गया कि ट्रंप और मोदी के बीच हुई बातचीत में इंडो-पैसिफिक,मध्य पूर्व और यूरोप जैसे क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों पर भी चर्चा हुई। दोनों नेताओं ने इन क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग बढ़ाने पर विचार किया और वैश्विक सुरक्षा के लिए मिलकर काम करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। इसके अलावा, दोनों नेताओं ने अमेरिका-भारत रणनीतिक साझेदारी को और गहरा करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
ट्रंप ने भारत से अमेरिकी रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंध मजबूत होने चाहिए और इस दिशा में भारत द्वारा अमेरिकी निर्मित रक्षा उपकरणों की खरीद बढ़ाने से दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी और मजबूत होगी। यह मुद्दा खास तौर पर महत्वपूर्ण है क्योंकि अमेरिका और भारत के बीच रक्षा सहयोग पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ा है और ट्रंप प्रशासन इसे और मजबूत करने की दिशा में काम कर रहा है।
इसके अलावा,दोनों नेताओं ने व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री मोदी के दौरे की योजनाओं पर भी चर्चा की। यह दौरा आने वाले समय में भारत-अमेरिका संबंधों के लिहाज से महत्वपूर्ण हो सकता है,क्योंकि इस दौरे के दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों पर हस्ताक्षर होने की संभावना है। मोदी और ट्रंप दोनों ने इस बारे में चर्चा की और यह सुनिश्चित किया कि दोनों देशों के बीच संबंध और भी प्रगति करें।
व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में यह भी कहा गया कि ट्रंप और मोदी ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में क्वाड साझेदारी को आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता जताई। क्वाड (भारत,अमेरिका,जापान और ऑस्ट्रेलिया का समूह) एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय सुरक्षा तंत्र बन चुका है और दोनों नेताओं ने इसे और प्रभावी बनाने के लिए मिलकर काम करने की इच्छा व्यक्त की।
इस बातचीत से यह साफ हो गया कि ट्रंप और मोदी दोनों ही भारत-अमेरिका के रिश्तों को और मजबूत करना चाहते हैं,खासकर व्यापार,रक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर। ट्रंप ने पिछली बार की तरह इस बार भी भारत से निष्पक्ष व्यापार संबंधों की उम्मीद जताई और यह संकेत दिया कि वह इस मुद्दे पर लगातार भारत पर दबाव बनाए रखेंगे। इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका और भारत के रिश्ते आने वाले समय में और भी गहरे और व्यापक हो सकते हैं,जिसमें दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण अवसर होंगे।