ओमान पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी (तस्वीर क्रेडिट@MyGovHindi)

ओमान पहुँचे प्रधानमंत्री मोदी: ऐतिहासिक रिश्तों को नई गति देने की पहल,भारतीय समुदाय में दिखा जबरदस्त उत्साह

मस्कट,18 दिसंबर (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय आधिकारिक दौरे पर ओमान की राजधानी मस्कट पहुँच गए हैं। मस्कट अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे पर उनका भव्य स्वागत ओमान के रक्षा मामलों के उप प्रधानमंत्री सैयद शिहाब बिन तारिक अल सईद ने किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी को गार्ड ऑफ ऑनर भी प्रदान किया गया,जो दोनों देशों के बीच गहरे और सम्मानजनक रिश्तों का प्रतीक माना जा रहा है। यह यात्रा भारत और ओमान के बीच राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे होने के मौके पर हो रही है,जिससे इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

प्रधानमंत्री मोदी के आगमन को लेकर ओमान में रह रहे भारतीय समुदाय में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। मस्कट में उनके ठहरने वाले होटल परिसर के बाहर बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक की लंबी कतारें नजर आईं। लोगों के हाथों में तिरंगा था और ‘भारत माता की जय’ तथा ‘मोदी-मोदी’ के नारों से माहौल देशभक्ति से सराबोर हो गया। कई लोगों ने पारंपरिक भारतीय परिधान पहन रखे थे और प्रधानमंत्री की एक झलक पाने के लिए घंटों इंतजार किया। यह दृश्य इस बात का प्रमाण था कि विदेशों में बसे भारतीयों के दिलों में प्रधानमंत्री मोदी के लिए कितना गहरा जुड़ाव है।

प्रधानमंत्री मोदी ने भी इस गर्मजोशी भरे स्वागत को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर साझा किया। उन्होंने मस्कट पहुँचने के बाद लिखा, “मस्कट,ओमान में लैंड किया। यह भारत के साथ पक्की दोस्ती और गहरे ऐतिहासिक संबंधों वाली जगह है। यह दौरा सहयोग के नए रास्ते तलाशने और हमारी साझेदारी को नई गति देने का अवसर प्रदान करता है।” उनके इस संदेश से साफ झलकता है कि यह दौरा केवल औपचारिक नहीं,बल्कि भविष्य की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम है।

यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीन देशों की यात्रा का तीसरा और अंतिम चरण है। इससे पहले वे इथियोपिया के दौरे पर थे,जहाँ उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। ओमान में उनका प्रवास 17 और 18 दिसंबर को निर्धारित है। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ओमान के सुल्तान हैथम बिन तारिक से मुलाकात करेंगे और दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इन वार्ताओं में व्यापार,निवेश,ऊर्जा,रक्षा सहयोग, समुद्री सुरक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे विषयों के प्रमुखता से शामिल होने की संभावना है।

भारत और ओमान के रिश्ते सदियों पुराने हैं और इनका आधार व्यापार,संस्कृति और समुद्री संपर्कों पर टिका रहा है। आधुनिक दौर में भी दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और रणनीतिक साझेदारी देखने को मिलती है। ओमान खाड़ी क्षेत्र में भारत का एक अहम साझेदार है,जबकि बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक वहाँ काम और कारोबार से जुड़े हुए हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा न केवल राजनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है,बल्कि भारतीय समुदाय के लिए भी खास महत्व रखता है। अपने प्रवास के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ओमान में रह रहे भारतीय समुदाय को संबोधित भी करेंगे,जिससे उनका मनोबल और जुड़ाव और मजबूत होने की उम्मीद है।

ओमान दौरे से पहले प्रधानमंत्री मोदी इथियोपिया के दौरे पर थे,जहाँ उन्होंने बुधवार को इथियोपिया की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया। यह दुनिया की 18वीं संसद थी,जहाँ प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण दिया। अपने संबोधन में उन्होंने भारत और इथियोपिया के ऐतिहासिक संबंधों,साझा मूल्यों और विकासशील देशों के बीच सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत में कहा, “मुझे इथियोपिया आकर बहुत अच्छा लग रहा है। यह शेरों की धरती है। यहाँ मुझे अपने घर जैसा महसूस हो रहा है,क्योंकि मेरा गृह राज्य गुजरात भी शेरों की धरती है।” उनके इस वक्तव्य ने सदन में मौजूद लोगों को भावनात्मक रूप से जोड़ दिया।

प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को इथियोपिया पहुँचे थे और यह उनका उस देश का पहला दौरा था। वहाँ कई खास पल कैमरे में कैद हुए,जब इथियोपिया के प्रधानमंत्री अबी अहमद अली ने नेशनल पैलेस में उनका औपचारिक स्वागत किया। खास बात यह रही कि एयरपोर्ट से लेकर स्वागत और विदाई तक,प्रधानमंत्री अबी अहमद स्वयं वाहन चलाकर पहुँचे,जिसे दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत गर्मजोशी और सम्मान के रूप में देखा गया।

अब ओमान में प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत की “एक्ट वेस्ट” नीति के लिहाज से भी बेहद अहम मानी जा रही है। पश्चिम एशिया और खाड़ी क्षेत्र में ओमान की रणनीतिक स्थिति भारत के लिए व्यापार और ऊर्जा सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ऐसे में इस दौरे से दोनों देशों के बीच सहयोग के नए आयाम खुलने की उम्मीद की जा रही है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ओमान दौरा भारत-ओमान रिश्तों को नई दिशा और नई ऊर्जा देने वाला साबित हो सकता है। ऐतिहासिक जुड़ाव,वर्तमान की मजबूत साझेदारी और भविष्य की संभावनाओं के बीच यह यात्रा दोनों देशों के संबंधों में एक अहम अध्याय जोड़ने जा रही है।