प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि (तस्वीर क्रेडिट@cbawankule)

प्रधानमंत्री मोदी ने सरदार पटेल की 150वीं जयंती पर दी श्रद्धांजलि,कहा – ‘राष्ट्र की एकता के लिए समर्पित रहूँगा’

नई दिल्ली,31 अक्टूबर (युआईटीवी)- गुजरात के एकता नगर में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नर्मदा नदी पर स्थित विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा — ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के अवसर पर लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित की। यह अवसर ऐतिहासिक था,क्योंकि इस वर्ष देशभर में सरदार पटेल की 150वीं जयंती मनाई जा रही है। इस मौके पर एकता नगर में भव्य परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया,जिसमें भारत की विविधता में निहित एकता का शानदार प्रदर्शन हुआ।

कार्यक्रम की शुरुआत प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सुबह करीब आठ बजे सरदार पटेल की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करने और मौन प्रार्थना के साथ हुई। इसके बाद उन्होंने ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ परेड में भाग लिया,जिसमें भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी),सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ),केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और विभिन्न राज्य पुलिस बलों की टुकड़ियों ने हिस्सा लिया। जवानों के अदम्य साहस और अनुशासन ने पूरे माहौल को देशभक्ति से सराबोर कर दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ ली। उन्होंने कहा, “मैं अपने देश की एकता और अखंडता की रक्षा करने की शपथ लेता हूँ और इसके लिए स्वयं को समर्पित करता हूँ।” इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि सरदार पटेल का जीवन इस बात का प्रमाण है कि दृढ़ संकल्प और राष्ट्रहित की भावना से किसी भी असंभव को संभव किया जा सकता है। मोदी ने कहा कि भारत आज जिस रूप में एकजुट है,वह सरदार पटेल की दूरदृष्टि और अटूट राष्ट्रनिष्ठा का परिणाम है।

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि आज का भारत सरदार पटेल के सपनों को साकार करने की दिशा में निरंतर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि “लौहपुरुष सरदार पटेल केवल भारत के पहले उप प्रधानमंत्री या गृहमंत्री नहीं थे,बल्कि वे भारत की आत्मा को जोड़ने वाले सूत्रधार थे। उन्होंने जो ‘एक भारत’ का सपना देखा था,आज वह ‘विकसित भारत’ के संकल्प में परिवर्तित हो चुका है।” मोदी ने इस अवसर पर युवाओं से अपील की कि वे सरदार पटेल के आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करें और देश की अखंडता को सर्वोपरि रखें।

कार्यक्रम के दौरान आयोजित परेड में विभिन्न राज्यों की झांकियों के माध्यम से देश की सांस्कृतिक विविधता को प्रदर्शित किया गया। उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक की परंपराओं,लोकनृत्यों और संगीत ने यह संदेश दिया कि भारत भले ही भाषाओं,परंपराओं और संस्कृतियों में विविध हो,लेकिन इसकी आत्मा एक है — “एक भारत,श्रेष्ठ भारत।”

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “भारत सरदार वल्लभभाई पटेल को उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता है। वे भारत के एकीकरण के पीछे प्रेरक शक्ति थे,इस प्रकार उन्होंने हमारे राष्ट्र के प्रारंभिक वर्षों में इसके भाग्य को आकार दिया। राष्ट्रीय अखंडता,सुशासन और जनसेवा के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी। हम एकजुट,मजबूत और आत्मनिर्भर भारत के उनके दृष्टिकोण को बनाए रखने के अपने सामूहिक संकल्प की भी पुष्टि करते हैं।”

प्रधानमंत्री ने अपने वीडियो संदेश में सरदार पटेल को भारत की एकता का निर्माता बताया। उन्होंने कहा, “सरदार पटेल में लोगों को एकजुट करने की अद्वितीय क्षमता थी,यहाँ तक कि उन लोगों को भी जिनसे उनके वैचारिक मतभेद थे। वे हर छोटी चीज का अवलोकन व परीक्षण करते थे और हमेशा राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते थे। उन्होंने अपना जीवन राष्ट्र की एकता के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने भारत के लोगों को स्वतंत्रता आंदोलन में एकीकृत किया,रियासतों को हमारे राष्ट्र में विलय करने के लिए काम किया और सभी भारतीयों में विविधता में एकता का मंत्र जागृत किया।”

मोदी ने आगे कहा कि सरदार पटेल की दूरदर्शिता के बिना आज भारत की कल्पना अधूरी होती। स्वतंत्रता के बाद जब भारत के सामने 562 रियासतों को एक सूत्र में पिरोने की चुनौती थी,तब पटेल ने अपनी राजनीतिक कुशलता और दृढ़ इच्छाशक्ति से असंभव को संभव किया। उन्होंने रियासतों को एक राष्ट्र के रूप में जोड़ने का जो कार्य किया,वही आज भारत की एकता की सबसे बड़ी नींव है।

प्रधानमंत्री ने इस मौके पर ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के महत्व पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि 2014 से हर वर्ष 31 अक्टूबर को यह दिवस केवल सरदार पटेल की याद में नहीं,बल्कि राष्ट्रीय अखंडता और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता की पुनर्पुष्टि के रूप में मनाया जाता है।

कार्यक्रम के समापन पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि “आज जब भारत अमृत काल में प्रवेश कर चुका है,तब सरदार पटेल का मार्गदर्शन पहले से भी अधिक प्रासंगिक है। हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारा हर कदम,हर नीति और हर प्रयास भारत की एकता,अखंडता और विकास के लिए समर्पित रहे।”

इस प्रकार, ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ का यह आयोजन केवल श्रद्धांजलि का प्रतीक नहीं रहा,बल्कि यह भारत की उस अटूट भावना का उत्सव बना जिसने सदियों से देश को एक सूत्र में बाँधे रखा है। सरदार पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी का यह संदेश भारत के हर नागरिक के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहा कि एकता ही राष्ट्र की सबसे बड़ी शक्ति है और इसी एकता से भारत विश्व में अपने गौरवशाली स्थान को सुदृढ़ करेगा।