नई दिल्ली,27 अगस्त (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन से सोमवार देर रात फोन पर बातचीत की। इस बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई, जो दोनों देशों के बीच बढ़ते संबंधों को दर्शाता है। चर्चा में बांग्लादेश और यूक्रेन की मौजूदा स्थितियों पर भी प्रकाश डाला गया, जिससे वैश्विक चुनौतियों से निपटने में राजनयिक संचार के महत्व का पता चला।
पीएम मोदी ने फोन पर बातचीत के दौरान राष्ट्रपति बाइडेन की भारत-अमेरिका साझेदारी के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की। दोनों देशों के नेताओं ने यूक्रेन की स्थिति समेत विभिन्न क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। राष्ट्रपति बाइडेन को पीएम मोदी ने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा के बारे में जानकारी भी दी।
फोन पर बातचीत के दौरान, राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधान मंत्री मोदी ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। उनके संवाद ने न केवल बांग्लादेश और यूक्रेन की स्थिति को रेखांकित किया, बल्कि इन जटिलताओं से निपटने के लिए आवश्यक सहयोगात्मक प्रयासों पर भी जोर दिया।
बांग्लादेश की स्थिति चिंता का विषय रही है और अपनी बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने वहाँ हाल के घटनाक्रमों पर चर्चा की। बांग्लादेश के भीतर राजनीतिक और सामाजिक गतिशीलता का न केवल देश पर बल्कि क्षेत्रीय स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ता है।
दोनों देशों के नेताओं ने वर्तमान राजनीतिक अशांति और शासन पर इसके प्रभाव पर,मानवाधिकारों और मानवीय सहायता से संबंधित मुद्दों पर चर्चा किया गया तथा दोनों देशों के नेताओं के बीच स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए पड़ोसी देशों के बीच सहयोग के महत्व पर जोर दिया गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन की अपनी हालिया यात्रा से अंतर्दृष्टि साझा की,यह देश चल रहे संघर्ष के कारण महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना कर रहा है। यह यात्रा ज़मीनी स्थिति और क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की गतिशीलता को समझने के लिए महत्वपूर्ण थी।
दोनों देशों के नेताओं के बीच हुई बातचीत में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ मोदी की चर्चा केंद्र बिंदु रही। साथ ही निरंतर समर्थन और मानवीय सहायता की आवश्यकता पर प्रकाश डाला गया और संघर्ष के बीच राजनयिक संबंधों को मजबूत करना बातचीत का एक महत्वपूर्ण विषय था।
अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन और मोदी के बीच यह फोन कॉल विश्व नेताओं के बीच सीधे संवाद के महत्व का प्रमाण है। अनिश्चितता के समय में, ऐसे संवाद सहयोगात्मक समाधान का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत कर सकते हैं।
जैसे-जैसे वैश्विक चुनौतियाँ विकसित हो रही हैं,संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच संबंध तेजी से महत्वपूर्ण होते जा रहे हैं। दोनों देश उन मुद्दों के समाधान के लिए एक संयुक्त मोर्चे की आवश्यकता को समझते हैं,जो न केवल उनके देशों को बल्कि पूरे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को प्रभावित करते हैं।
दोनों नेताओं ने लोकतांत्रिक मूल्यों और मानवाधिकारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। चर्चा में आर्थिक सहयोग और व्यापार के संभावित क्षेत्र शामिल थे। साथ ही वैश्विक खतरों के सामने सुरक्षा सहयोग के महत्व को भी रेखांकित किया गया।
राष्ट्रपति बाइडेन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच हालिया बातचीत अंतर्राष्ट्रीय कूटनीति में एक महत्वपूर्ण क्षण है। बांग्लादेश और यूक्रेन की स्थितियों को संबोधित करके, दोनों नेताओं ने अपने-अपने क्षेत्रों में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। जैसे-जैसे वे सार्थक बातचीत में संलग्न रहते हैं, वैश्विक मामलों में सकारात्मक परिणामों की संभावना प्रबल बनी रहती है।
