कटरा,6 जून (युआईटीवी)- 6 जून, 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के कटरा क्षेत्र में ऐतिहासिक यात्रा की,जिसमें उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश को 46,000 करोड़ रुपये की बड़ी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की सौगात दी। इस दौरे को जम्मू-कश्मीर के विकास और कनेक्टिविटी के इतिहास में एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है। प्रधानमंत्री के स्वागत में कटरा और आसपास के इलाकों में बड़े-बड़े पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए,जिन पर “प्रधानमंत्री का हार्दिक स्वागत” लिखा गया था। इन होर्डिंग्स में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा की तस्वीरें भी नजर आईं।
प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा ऐसे समय पर हुई है,जब हाल ही में जम्मू-कश्मीर में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता दर्ज की गई थी। यह प्रधानमंत्री का इस ऑपरेशन के बाद पहला जम्मू-कश्मीर दौरा था,इसलिए सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन बेहद सतर्क नजर आया। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखी जा रही थी। संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई थी। प्रशासन ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए रणनीतिक बिंदुओं पर गहन निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरे पर जिन प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन किया,वे जम्मू-कश्मीर को देश के शेष भागों से भौगोलिक और आर्थिक रूप से जोड़ने के लिए मील का पत्थर साबित होंगी। इन परियोजनाओं में शामिल हैं:
1. चिनाब ब्रिज – विश्व का सबसे ऊँचा रेलवे पुल
यह पुल चिनाब नदी पर बना है और इसे इंजीनियरिंग की एक अद्भुत उपलब्धि माना जा रहा है। यह पुल 359 मीटर ऊँचा है और एफिल टॉवर से भी ऊँचा है। यह पुल जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क को पहले से कहीं अधिक सुगम बनाएगा।
2. अंजी ब्रिज – भारत का पहला केबल-स्टे रेल ब्रिज
यह ब्रिज कठिन और पहाड़ी इलाके में बनाया गया है। यह संरचना भारत में रेल इंजीनियरिंग के लिए एक नई मिसाल पेश करती है। इसकी मदद से रेल संपर्क में स्थायित्व और गति दोनों में सुधार होगा।
3. यूएसबीआरएल परियोजना (उधमपुर-श्रीनगर-बारामुल्ला रेल लिंक)
यह परियोजना हर मौसम में रेल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए बनाई गई है।इसके अंतर्गत घाटी को पहली बार पूरे वर्ष के दौरान देश के रेल नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इससे लोगों की आवाजाही के साथ व्यापार और पर्यटन को भी भारी बढ़ावा मिलेगा।
4. वंदे भारत एक्सप्रेस: कटरा से श्रीनगर तक संचालन
यह ट्रेन अब कटरा और श्रीनगर के बीच चलेगी,जिससे यात्रा का समय 8-9 घंटे से घटकर महज 3 घंटे रह जाएगा।
इससे ना केवल यात्रियों की सुविधा बढ़ेगी,बल्कि आध्यात्मिक और पर्यटन गतिविधियों में भी तेजी आएगी।
होटल एसोसिएशन कटरा के अध्यक्ष राकेश वजीर ने इस घटनाक्रम को “ऐतिहासिक क्षण” बताया। उन्होंने कहा कि इस ट्रेन के शुरू होने से न केवल समय की बचत होगी बल्कि व्यवसाय को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा। उनकी बातों से यह स्पष्ट है कि क्षेत्र में व्यापार,टूरिज्म और अन्य सेवाओं में तेज़ी से वृद्धि की उम्मीद की जा रही है।
उन्होंने यह भी कहा, “यहाँ यात्रा करना पहले बहुत मुश्किल था। अब समय की बचत और बेहतर परिवहन से पर्यटकों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। इस क्षेत्र में विश्व स्तरीय स्थल हैं और इन सुविधाओं के जुड़ने से यह विश्व पर्यटन मानचित्र पर उभर सकता है।”
इस ऐतिहासिक यात्रा से पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने खुद चिनाब पुल का दौरा किया और वहाँ की सुरक्षा व्यवस्थाओं की समीक्षा की। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पोस्ट करते हुए लिखा, “दुनिया के सबसे ऊँचे रेलवे पुल,चिनाब ब्रिज का दौरा किया,ताकि प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा की तैयारियों की समीक्षा की जा सके। यह जम्मू-कश्मीर के लिए एक ऐतिहासिक दिन है,जब आखिरकार घाटी देश के बाकी हिस्सों से रेलवे लिंक से जुड़ जाएगी।”
वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी अपने आधिकारिक ‘एक्स’ हैंडल पर लिखा, “6 जून, जम्मू-कश्मीर के मेरे भाइयों और बहनों के लिए वाकई एक खास दिन है। 46,000 करोड़ रुपये की लागत वाली प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का उद्घाटन किया जा रहा है,जिसका लोगों के जीवन पर बहुत सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
उन्होंने विशेष रूप से चिनाब पुल और अंजी ब्रिज की सराहना करते हुए कहा कि, “वास्तुकला की एक असाधारण उपलब्धि होने के अलावा,चिनाब रेल पुल जम्मू और श्रीनगर के बीच संपर्क में सुधार करेगा। अंजी ब्रिज चुनौतीपूर्ण इलाके में भारत का पहला केबल-स्टेड रेल पुल है। ये परियोजनाएँ आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देंगी और रोजगार के अवसर भी पैदा करेंगी।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह दौरा न केवल प्रतीकात्मक बल्कि रणनीतिक और विकासोन्मुखी दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण रहा,जिस तरह से कटरा और श्रीनगर के बीच वंदे भारत एक्सप्रेस की शुरुआत हुई,चिनाब और अंजी जैसे इंजीनियरिंग चमत्कारों का उद्घाटन हुआ और यूएसबीआरएल जैसी बहुप्रतीक्षित परियोजना साकार हुई। यह सब जम्मू-कश्मीर को भारत के विकास के मुख्यधारा में लाने का एक ठोस प्रयास है।
यह यात्रा घाटी के लिए एक सकारात्मक मोड़ लाने की दिशा में बड़ा कदम है। एक ऐसा कदम जो न केवल आर्थिक विकास लाएगा,बल्कि सांस्कृतिक एकता और राष्ट्रीय एकात्मता को भी सुदृढ़ करेगा। आने वाले वर्षों में इन परियोजनाओं के प्रभाव से जम्मू-कश्मीर एक पर्यटन और व्यापारिक केंद्र के रूप में और अधिक उभरेगा।यह दिन वास्तव में जम्मू-कश्मीर और पूरे भारत के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में दर्ज हो गया है।