प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (तस्वीर क्रेडिट@Tripathi300798)

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रगति बैठक में 62,000 करोड़ की परियोजनाओं की समीक्षा की,बुनियादी ढाँचे और रियल एस्टेट पर दिया विशेष जोर

नई दिल्ली,29 मई (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण ‘प्रगति बैठक’ की अध्यक्षता की,जिसकी जानकारी उन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर साझा की। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई इस उच्चस्तरीय प्रगति बैठक में देशभर की 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की सड़क,बिजली,जल संसाधन और सेमीकंडक्टर क्षेत्रों से जुड़ी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की समीक्षा की गई।

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उन्होंने प्रगति बैठक की अध्यक्षता की,जिसमें सड़क, बिजली,जल संसाधन और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों से जुड़ी 62,000 करोड़ रुपये से अधिक की विकास परियोजनाओं की व्यापक समीक्षा की गई। सभी बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने पर जोर दिया गया। रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) से जुड़ी शिकायतों पर भी चर्चा हुई। हमारी सरकार की प्राथमिकता घर खरीदने वालों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।”

बैठक में सड़क परिवहन,बिजली और जल संसाधन क्षेत्रों से जुड़ी तीन प्रमुख बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया,जिनकी अनुमानित लागत 62,000 करोड़ रुपये से अधिक बताई गई है। ये परियोजनाएँ सड़क परिवहन,बिजली और जल संसाधन क्षेत्रों से संबंधित हैं और देश के विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही हैं।

प्रधानमंत्री ने इन परियोजनाओं के रणनीतिक महत्व को रेखांकित किया और निर्देश दिया कि कार्यान्वयन में आ रही सभी अड़चनों को तुरंत दूर किया जाए,ताकि ये समय पर पूरी हों। उन्होंने स्पष्ट किया कि परियोजनाओं में देरी न केवल लागत बढ़ाती है, बल्कि इससे नागरिकों को महत्वपूर्ण सेवाओं और आवश्यक बुनियादी ढाँचे से वंचित होना पड़ता है।

मोदी ने कहा कि समय पर डिलीवरी ही सामाजिक और आर्थिक परिणामों को अधिकतम करने का सबसे प्रभावी उपाय है। उन्होंने सभी हितधारकों से अपील की कि वे दक्षता और जवाबदेही को सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

बैठक के एक अन्य महत्वपूर्ण हिस्से में प्रधानमंत्री ने रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (रेरा) से संबंधित जन शिकायतों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि घर खरीदारों को न्याय और पारदर्शिता सुनिश्चित करना सरकार की प्राथमिकता है।

प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सरकारों से रेरा अधिनियम के तहत सभी पात्र रियल एस्टेट परियोजनाओं का अनिवार्य पंजीकरण सुनिश्चित करने का आग्रह किया। साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि रेरा कानून का कड़ाई से पालन करना अत्यंत आवश्यक है,ताकि रियल एस्टेट बाजार में लोगों का विश्वास बहाल किया जा सके।

उन्होंने यह भी संकेत दिया कि सरकार रेरा के उचित क्रियान्वयन के जरिए घर खरीदने वालों की रक्षा को मजबूत करना चाहती है और इसका उद्देश्य है कि आम नागरिक अपने सपनों का घर निश्चित समय और उचित गुणवत्ता के साथ प्राप्त कर सके।

प्रगति बैठक प्रधानमंत्री मोदी के गवर्नेंस के पारदर्शी मॉडल का हिस्सा है,जहाँ वे व्यक्तिगत रूप से प्रमुख विकास परियोजनाओं की प्रगति की निगरानी करते हैं। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य लंबित परियोजनाओं की गति बढ़ाना,निवेश का समुचित उपयोग सुनिश्चित करना और आम जनता तक योजनाओं का लाभ समय पर पहुँचाना है ।

प्रधानमंत्री द्वारा बार-बार यह दोहराया गया है कि विकासशील भारत की नींव तभी मजबूत होगी,जब बुनियादी ढाँचे की परियोजनाएँ तय समय पर पूरी होंगी और जन शिकायतों का प्रभावी समाधान होगा।

यह प्रगति बैठक न केवल बुनियादी ढाँचे के विकास को गति देने का माध्यम रही, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकार आम नागरिकों की चिंताओं को गंभीरता से ले रही है,खासकर रियल एस्टेट जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में सरकार की यह कोशिश है कि विकास,पारदर्शिता और समयबद्धता तीनों के बीच एक संतुलन स्थापित किया जाए। बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं की निगरानी और रियल एस्टेट क्षेत्र में सुधार,दोनों मिलकर भारत को एक अधिक सक्षम,भरोसेमंद और समावेशी अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में मदद कर सकते हैं।