नई दिल्ली,21 अगस्त (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज से दो दिवसीय पोलैंड दौरे पर रवाना हो गए हैं। पोलैंड दौरे के बाद वे युद्धग्रस्त यूक्रेन भी एक दिन के लिए जाएँगे। 45 साल के बाद कोई भारतीय प्रधानमंत्री पोलैंड की यात्रा पर जा रहे हैं। इससे पहले मोरारजी देसाई 1979 में वहाँ गए थे। पीएम मोदी का पोलैंड के वारसॉ में औपचारिक स्वागत किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोलैंड यात्रा के दौरान राष्ट्रपति आंद्रेज सेबेस्टियन डूडा से मुलाकात करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क के बीच द्विपक्षीय वार्ता भी होगी। इसके अलावा, पीएम मोदी पोलैंड में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेंगे।
‘प्रधानमंत्री कार्यालय’ ने उनकी इस यात्रा की आधिकारिक जानकारी देते हुए एक पत्र जारी किया है। प्रधानमंत्री के हवाले से इस पत्र में लिखा गया कि, “ऐसे समय में मेरी पोलैंड यात्रा हो रही है, जब हम अपने राजनयिक संबंधों के 70 वर्ष पूरे कर रहे हैं।” मध्य यूरोप में पोलैंड एक प्रमुख आर्थिक हिस्सेदार है। मैं अपने मित्र प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क और राष्ट्रपति आंद्रेज डूडा से मिलकर साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हूँ।
Leaving for Warsaw. This visit to Poland comes at a special time- when we are marking 70 years of diplomatic ties between our nations. India cherishes the deep rooted friendship with Poland. This is further cemented by a commitment to democracy and pluralism.
I will hold talks…
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2024
पोलैंड की यात्रा के बाद पीएम मोदी ट्रेन से यूक्रेन की राजधानी कीव जाएँगे,जिसमें लगभग 10 घंटे का समय लगेगा। पीएम मोदी के यूक्रेन की इस यात्रा से दोनों दक्षिण के मध्य निरंतर जुड़ाव को बढ़ावा मिलने की संभावना है। इससे दोनों देशों के मध्य के संबंधों में मजबूती आएगी।
भारत के लिए यह यात्रा पहली ऐतिहासिक यात्रा है,जो संभावित रूप से अधिक मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का मार्ग प्रशस्त करेगी। भारत की स्वतंत्र विदेश नीति के साथ इस यात्रा से विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ सकता है।अंतर्राष्ट्रीय समुदाय उत्सुकता से देख रहा है कि यह यात्रा चल रहे संघर्ष और राजनयिक वार्ता को कैसे प्रभावित कर सकती है।
विदेश मंत्रालय के सचिव (पश्चिम) तन्मय लाल ने प्रधानमंत्री मोदी के दो दिवसीय पोलैंड यात्रा को काफी महत्वपूर्ण बताया है। क्योंकि 45 साल के बाद किसी भारतीय प्रधानमंत्री के द्वारा पोलैंड की यात्रा की जा रही है।
आगे उन्होंने कहा कि 1940 के दशक के दौरान से भारत और पोलैंड के बीच एक अनोखा संबंध है। भारत की दो रियासतों- जामनगर और कोल्हापुर में पोलैंड की छह हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चों ने द्वितीय विश्व युद्ध के समय शरण ली थी। माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच के संबंधों को प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से और मजबूती मिलेगी।
