प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के लिए 184 नए फ्लैटों का उद्घाटन किया (तस्वीर क्रेडिट@ombirlakota)

प्रधानमंत्री मोदी ने सांसदों के लिए 184 नए बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया,आधुनिक सुविधाओं से लैस परिसर तैयार

नई दिल्ली,11 अगस्त (युआईटीवी)- नई दिल्ली के बाबा खड़क सिंह (बीकेएस) मार्ग पर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सांसदों के लिए बने 184 नए बहुमंजिला फ्लैटों का उद्घाटन किया। यह आवासीय परिसर न केवल आधुनिक सुविधाओं से युक्त है,बल्कि डिजाइन और निर्माण में पर्यावरणीय मानकों,संरचनात्मक सुरक्षा और दिव्यांगजन-अनुकूलता का भी विशेष ध्यान रखा गया है।

उद्घाटन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला,केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और किरेन रिजिजू मौजूद थे। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने परिसर में सिंदूर का एक पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने निर्माण कार्य में योगदान देने वाले मजदूरों से मुलाकात कर उनका आभार व्यक्त किया और कहा कि उनके परिश्रम से यह परियोजना समय पर पूरी हो सकी।

अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा, “आज मुझे संसद में अपने सहयोगियों के लिए आवासीय परिसर का उद्घाटन करने का सौभाग्य मिला है। इस परिसर में बने चार टावरों के नाम कृष्णा,गोदावरी,कोसी और हुगली हैं,जो भारत की चार महान नदियों का प्रतीक हैं। कुछ लोग टावर का नाम ‘कोसी’ सुनकर असहज हो सकते हैं,क्योंकि वे इसे नदी के बजाय बिहार चुनाव की दृष्टि से देखेंगे,लेकिन यह भारत की प्राकृतिक धरोहर का सम्मान है।”

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जारी जानकारी के अनुसार,नवनिर्मित टाइप-VII फ्लैटों में से प्रत्येक का अनुमानित कार्पेट एरिया 5000 वर्ग फीट है। इन्हें सांसदों के आवास और आधिकारिक कार्यों दोनों के लिए उपयुक्त रूप से तैयार किया गया है,ताकि वे अपने घरों से ही सहजता से सार्वजनिक कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें। इस परिसर में कार्यालयों,कर्मचारियों के आवास और सामुदायिक केंद्र के लिए भी समर्पित स्थान हैं,जिससे यह सांसदों और उनके परिवारों के लिए एक संपूर्ण और सुविधाजनक निवास स्थल बन गया है।

लोकसभा सचिवालय ने बताया कि यह परियोजना जीआरआईएचए (ग्रीन रेटिंग फॉर इंटीग्रेटेड हैबिटैट असेसमेंट) की 3-स्टार रेटिंग के मानकों के अनुरूप है और राष्ट्रीय भवन संहिता (एनबीसी) 2016 का अनुपालन करती है। परिसर की सभी इमारतें आधुनिक मानकों के अनुसार डिजाइन की गई हैं,भूकंपरोधी हैं और नवीनतम संरचनात्मक सुरक्षा सुविधाओं से लैस हैं।

सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इस परिसर में ठोस व्यवस्था की गई है। प्रवेश और निकास द्वारों पर निगरानी तंत्र,सीसीटीवी कैमरे और प्रशिक्षित सुरक्षा कर्मियों की तैनाती सुनिश्चित की गई है। लेआउट और सुविधाओं का डिज़ाइन सांसदों की बदलती जरूरतों के अनुसार तैयार किया गया है,ताकि उन्हें एक आरामदायक और आधुनिक जीवन का अनुभव मिल सके।

परिसर का एक अहम पहलू इसकी ‘दिव्यांग-अनुकूल’ संरचना है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि यहाँ व्हीलचेयर के अनुकूल रैंप,लिफ्ट और अन्य सुविधाएँ उपलब्ध हैं,जिससे दिव्यांग सांसदों और आगंतुकों को किसी भी तरह की असुविधा न हो। यह पहल सरकार की समावेशी विकास की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

इस परियोजना के डिजाइन में जमीन की सीमित उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए वर्टिकल हाउसिंग पर जोर दिया गया है। इससे न केवल जगह का बेहतर उपयोग संभव हुआ है,बल्कि रखरखाव की लागत में भी कमी आएगी। साथ ही,ऊर्जा दक्षता और जल संरक्षण के लिए भी आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया गया है,जिससे पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़े।

उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यह परिसर न केवल सांसदों के रहने के लिए है,बल्कि यह एक ऐसा स्थान है,जहाँ वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों से जुड़े मुद्दों पर काम कर सकते हैं,लोगों से मिल सकते हैं और संसद से बाहर भी जनसेवा का कार्य जारी रख सकते हैं। उन्होंने इसे सांसदों की कार्यकुशलता और जीवन स्तर में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपने भाषण में राजनीति के हल्के-फुल्के पहलुओं को भी छुआ। उन्होंने कहा कि कुछ लोग टावर के नाम ‘कोसी’ को लेकर राजनीतिक व्याख्या करेंगे,लेकिन वास्तविकता यह है कि यह नाम भारत की नदियों की महिमा और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाने के लिए रखा गया है। उनका यह बयान सभा में मौजूद लोगों के बीच मुस्कुराहट का कारण बना।

इस आवासीय परिसर का निर्माण एक ऐसे समय में पूरा हुआ है,जब संसद भवन के नए परिसर और आसपास के सरकारी ढाँचे में बड़े पैमाने पर बदलाव किए जा रहे हैं। यह नई सुविधाएँ सांसदों को आधुनिक,सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल आवास उपलब्ध कराने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा हैं।

इस परियोजना से न केवल सांसदों को बेहतर जीवन स्तर मिलेगा,बल्कि यह देश की राजधानी में टिकाऊ और आधुनिक शहरी विकास का भी एक उदाहरण बनेगी। प्रधानमंत्री ने उम्मीद जताई कि यहाँ रहने वाले सांसद अपने कार्य में और अधिक ऊर्जा और समर्पण के साथ जुटेंगे,जिससे लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूती मिलेगी।

इस अवसर पर लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी प्रधानमंत्री और निर्माण टीम को बधाई दी और कहा कि यह आवासीय परिसर सांसदों के लिए न केवल एक रहने का स्थान है,बल्कि यह उनके लिए प्रेरणा और बेहतर कार्य वातावरण का स्रोत भी होगा।

नई दिल्ली में तैयार यह परिसर आने वाले वर्षों में सांसदों की बदलती जरूरतों को पूरा करेगा और भारतीय संसद के कामकाज में सहूलियत प्रदान करेगा। आधुनिक निर्माण,पर्यावरणीय मानकों का पालन,सुरक्षा और समावेशी डिज़ाइन के साथ यह आवासीय परियोजना भारतीय लोकतांत्रिक ढाँचे में एक नई पहचान बनाएगी।