रजनीकांत

प्रधानमंत्री मोदी ने रजनीकांत के सिनेमा जगत में 50 साल पूरे होने पर दी बधाई,कहा- भारतीय सिनेमा के लिए उनका योगदान अमूल्य

मुंबई,16 अगस्त (युआईटीवी)- भारतीय सिनेमा के महानायक और सुपरस्टार रजनीकांत ने अपने शानदार अभिनय सफर के 50 वर्ष पूरे कर लिए हैं। इस खास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें बधाई देते हुए उनके योगदान को ऐतिहासिक बताया। प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने संदेश में लिखा कि रजनीकांत का सफर बेहद आइकॉनिक रहा है और उनके विविध किरदारों ने पीढ़ियों पर गहरी छाप छोड़ी है।आगे उन्होंने कहा कि भारतीय सिनेमा में उनका योगदान अमूल्य है और आने वाले समय में उन्हें निरंतर सफलता और अच्छे स्वास्थ्य की शुभकामनाएँ दीं।

प्रधानमंत्री मोदी की इस हार्दिक बधाई का जवाब देते हुए रजनीकांत ने भी आभार जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा कि यह उनके लिए सम्मान की बात है कि उन्हें ऐसे नेता से शुभकामनाएँ मिली हैं,जिनका उन्होंने हमेशा उच्चतम सम्मान किया है। रजनीकांत ने लिखा, “आदरणीय नरेंद्र मोदी जी,आपके स्नेहपूर्ण संदेश के लिए मैं हृदय से आभारी हूँ। आपके स्नेहिल शब्द मेरे लिए बहुत मायने रखते हैं। जय हिंद।” रजनीकांत की इस प्रतिक्रिया से यह स्पष्ट झलकता है कि वह प्रधानमंत्री के संदेश को एक व्यक्तिगत सम्मान और प्रेरणा के रूप में देखते हैं।

रजनीकांत ने 1975 में फिल्म अपूर्व रागांगल से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। इस फिल्म में उन्होंने सहायक किरदार निभाया था,लेकिन उनकी अनोखी अदायगी ने दर्शकों और फिल्म समीक्षकों का ध्यान खींच लिया। इसके बाद रजनीकांत ने धीरे-धीरे तमिल सिनेमा में अपनी एक अलग पहचान बनाई। उनकी शैली,करिश्माई व्यक्तित्व और डायलॉग डिलीवरी ने उन्हें जल्दी ही दर्शकों का चहेता बना दिया। वह सिर्फ एक अभिनेता नहीं,बल्कि एक सांस्कृतिक प्रतीक बन गए।

प्रशंसक उन्हें प्यार से ‘थलाइवर’ यानी नेता कहकर पुकारते हैं। पाँच दशकों के इस शानदार सफर में रजनीकांत ने 160 से अधिक फिल्मों में काम किया है। उन्होंने तमिल,तेलुगु,हिंदी,कन्नड़ और मलयालम सिनेमा में अपनी मौजूदगी दर्ज कराई है। उनकी फिल्मों ने न केवल बॉक्स ऑफिस पर अपार सफलता हासिल की,बल्कि उन्हें आलोचकों की सराहना भी प्राप्त हुई। चाहे वह बाशा,शिवाजी,एंथिरन जैसी फिल्में हों या काला और दरबार जैसी आधुनिक कहानियाँ,रजनीकांत ने हर किरदार में अपनी छाप छोड़ी है।

उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनकी फिल्मों के रिलीज होने से पहले ही उनके प्रशंसक जश्न मनाने लगते हैं। कई जगहों पर उनके पोस्टर्स पर दूध चढ़ाया जाता है,आतिशबाजियाँ की जाती हैं और प्रशंसक सिनेमाघरों में उत्सव जैसा माहौल बना देते हैं। यह दीवानगी केवल दक्षिण भारत तक सीमित नहीं,बल्कि पूरे देश और विदेशों तक फैली हुई है।

रजनीकांत का फिल्मी सफर जितना शानदार रहा है,उतना ही प्रेरणादायक भी है। एक साधारण परिवार से निकलकर उन्होंने मेहनत और लगन के बल पर अपनी पहचान बनाई। फिल्म इंडस्ट्री में अपनी जगह बनाने के लिए उन्होंने जिस संघर्ष और समर्पण का परिचय दिया,वही आज उन्हें भारतीय सिनेमा का सबसे बड़ा सितारा बनाता है। उनकी जीवन यात्रा इस बात का उदाहरण है कि दृढ़ निश्चय और कड़ी मेहनत से कोई भी व्यक्ति कितनी ऊँचाइयों तक पहुँच सकता है।

पचास वर्षों का यह सफर केवल अभिनय तक सीमित नहीं रहा। रजनीकांत की विनम्रता,आध्यात्मिकता और सामाजिक मुद्दों पर उनकी सोच ने भी उन्हें लोगों के दिल के और करीब पहुँचाया है। वह भले ही राजनीति में सक्रिय न रहे हों,लेकिन सामाजिक और मानवीय मुद्दों पर उनका दृष्टिकोण और उनके विचार हमेशा चर्चा का विषय बने रहते हैं।

आज भी,जब वह अपने करियर के स्वर्णिम पड़ाव पर खड़े हैं,तब भी उनकी ऊर्जा,जुनून और अभिनय का जादू बरकरार है। नए जमाने के दर्शक भी उनकी फिल्मों के दीवाने हैं और उनकी स्टार पावर में कोई कमी नहीं आई है। यह कहना गलत नहीं होगा कि रजनीकांत केवल एक अभिनेता नहीं,बल्कि भारतीय सिनेमा की धड़कन हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बधाई और रजनीकांत का विनम्र आभार इस बात को और मजबूत करता है कि वह केवल एक फिल्मी सितारे नहीं,बल्कि देश की सांस्कृतिक और सामाजिक विरासत का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं। उनके 50 वर्षों का यह सफर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और भारतीय सिनेमा के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज रहेगा।