नई दिल्ली,4 फरवरी (युआईटीवी)- भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूरोपीय देश बेल्जियम में प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर के नेतृत्व में नई सरकार के गठन पर बधाई दी है। मोदी ने इस अवसर पर भारत और बेल्जियम के रिश्तों को और मजबूत करने का संकल्प लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर को उनके पदभार ग्रहण करने पर हार्दिक बधाई दी और यह भी कहा कि वे भारत-बेल्जियम रिश्तों को और मजबूत करने और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग बढ़ाने के लिए तत्पर हैं। इसके साथ ही,उन्होंने बार्ट डी वेवर के कार्यकाल की सफलता की कामना की।
यह बधाई एक महत्वपूर्ण घटना है क्योंकि बेल्जियम में कई महीनों से राजनीतिक गतिरोध चल रहा था,जिसके कारण नई सरकार का गठन समय पर नहीं हो पा रहा था। बेल्जियम की नई सरकार ने सोमवार को शपथ ली और इस मौके पर बेल्जियम के राजा फिलिप के सामने प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर और उनकी कैबिनेट के 14 मंत्रियों ने शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह ब्रसेल्स के रॉयल पैलेस में आयोजित किया गया था,जो की बेल्जियम की राजनीति का एक प्रमुख केंद्र है।
बार्ट डी वेवर फ्लेमिश राष्ट्रवादी पार्टी न्यू फ्लेमिश एलायंस (एन-वीए) के नेता हैं और ऐसा पहली बार है,जब बेल्जियम की संघीय सरकार का नेतृत्व एक फ्लेमिश राष्ट्रवादी नेता कर रहा है। बार्ट डी वेवर का राजनीतिक अनुभव और नेतृत्व क्षमता ने उन्हें इस पद के लिए उपयुक्त बनाया है। उनका यह कदम बेल्जियम के राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में एक नया मोड़ है,क्योंकि इससे पहले देश की राजनीति में प्रमुख भूमिका फ्रेंच-भाषी दलों की रही है।
नई सरकार का नाम “एरिजोना गठबंधन” रखा गया है,जिसमें 5 प्रमुख राजनीतिक दल शामिल हैं। इनमें एन-वीए,फ्लेमिश क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स,समाजवादी वूरूइट, फ्रेंच-भाषी सुधारवादी आंदोलन (एमआर) और मध्यमार्गी लेस एंगेज शामिल हैं। इन दलों ने महीनों की कठिन बातचीत और समझौते के बाद सरकार गठन पर सहमति जताई। विशेष रूप से इन दलों ने बजट कटौती,कर वृद्धि और पेंशन सुधारों पर चर्चा की,जो बेल्जियम की आर्थिक स्थिति को सुधारने और स्थिर करने के उद्देश्य से किए गए हैं। यह गठबंधन बेल्जियम के लिए आर्थिक और सामाजिक सुधारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है,क्योंकि देश के सार्वजनिक वित्तीय संकट को दूर करने के लिए यह एक ठोस प्रयास है।
गठबंधन की बातचीत में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार किया गया। इनमें सामाजिक-आर्थिक सुधार,स्वास्थ्य सेवा में निवेश,कम आय वाले लोगों की क्रय शक्ति बढ़ाना और बेरोजगारी के मुद्दे का समाधान करना प्रमुख थे। इन मुद्दों पर व्यापक चर्चा के बाद ही इस गठबंधन का गठन हुआ है। यह बेल्जियम के नागरिकों के लिए उम्मीद की किरण बन सकता है,क्योंकि यह सरकार सामाजिक-आर्थिक सुधारों के साथ-साथ जनता के जीवन स्तर में सुधार करने के लिए प्रतिबद्ध है।
गठबंधन में शामिल दलों ने एक-दूसरे से समझौते करने के दौरान बेल्जियम की राजनीतिक और सामाजिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखा। पिछले साल जुलाई में राजा फिलिप ने बार्ट डी वेवर को सरकार बनाने का जिम्मा सौंपा था। बार्ट डी वेवर ने विभिन्न राजनीतिक दलों से बातचीत की और समझौते की प्रक्रिया को आगे बढ़ाया। इसमें फ्रेंच-भाषी मूवमेंट रिफॉर्मेटर (एमआर) और लेस एंगेज, डच-भाषी क्रिश्चियन डेमोक्रेट्स (सीडी एंड वी) और समाजवादी वूरूइट जैसी प्रमुख पार्टियों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इस गठबंधन के प्रमुख उद्देश्यों में बेल्जियम की आर्थिक स्थिति को सुधारना और लंबे समय से चली आ रही राजनीतिक अस्थिरता को समाप्त करना है। यह सरकार देश को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठाने की दिशा में काम करेगी। बेल्जियम की राजनीतिक अस्थिरता ने पिछले कई महीनों से देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया था,लेकिन अब नई सरकार के गठन के साथ स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।
प्रधानमंत्री बार्ट डी वेवर का नेतृत्व इस समय पर महत्वपूर्ण है,क्योंकि यह बेल्जियम के लिए एक नई दिशा की शुरुआत कर सकता है। देश की नई सरकार को उम्मीद है कि यह राजनीतिक गठबंधन,जो विभिन्न दलों के बीच समझौते पर आधारित है, बेल्जियम के भविष्य को सुरक्षित करेगा और इसे सामाजिक और आर्थिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ाएगा।
भारत और बेल्जियम के रिश्ते पहले ही मजबूत हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बधाई यह दर्शाती है कि दोनों देशों के बीच सहयोग और साझेदारी को और प्रगाढ़ किया जाएगा। भारत-बेल्जियम के रिश्तों में व्यापार,विज्ञान,प्रौद्योगिकी और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग की व्यापक संभावनाएँ हैं और अब यह सहयोग और भी मजबूत होने की संभावना है।
