नई दिल्ली,4 अप्रैल (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार,4 अप्रैल को तीन दिवसीय श्रीलंका की आधिकारिक यात्रा पर रवाना होंगे,यह यात्रा 6 अप्रैल को समाप्त होगी।प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके के साथ द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। दोनों नेताओं के बीच रिश्तों को और अधिक गहरा करने के उद्देश्य से यह यात्रा की जा रही है। प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा भारत और श्रीलंका के बीच रणनीतिक साझेदारी को और भी मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पिछले वर्ष दिसंबर में श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके भारत आए थे, जहाँ उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ कई अहम मुद्दों पर बातचीत की थी। दोनों देशों के बीच व्यापार,आर्थिक सहयोग,सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में साझेदारी को बढ़ाने पर चर्चा हुई थी। अब इस यात्रा के दौरान,दोनों नेता आपसी संबंधों की समीक्षा करेंगे और भविष्य की योजनाओं पर विचार करेंगे,ताकि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत किया जा सके। यह यात्रा भारत और श्रीलंका के लिए एक नया अध्याय साबित हो सकती है,जो दोनों देशों के बीच सहयोग के स्तर को और ऊँचा करेगी।
प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार शाम को कोलंबो पहुँचेंगे। वह कोलंबो के ताज समुद्र होटल में ठहरेंगे,जहाँ उनकी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। होटल को खासतौर पर सजाया गया है और प्रधानमंत्री की मेज़बानी के लिए व्यापक तैयारियाँ चल रही हैं। कोलंबो पहुँचने पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत बड़े उत्साह के साथ किया जाएगा। श्रीलंका में उनकी यात्रा को लेकर स्थानीय लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है और वे इसे एक ऐतिहासिक अवसर मान रहे हैं।
5 अप्रैल को प्रधानमंत्री मोदी श्रीलंका के ऐतिहासिक स्वतंत्रता स्मारक हॉल का दौरा करेंगे। यह स्मारक श्रीलंका को 4 फरवरी 1948 को ब्रिटिश शासन से मिली स्वतंत्रता की याद में बनाया गया था। यह स्मारक कोलंबो के सिनामन गार्डन स्थित स्वतंत्रता स्क्वायर में स्थित है और इसमें स्वतंत्रता स्मारक संग्रहालय भी शामिल है। श्रीलंका के स्वतंत्रता संग्राम को याद करने के लिए यह स्थान बहुत महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री मोदी के इस दौरे से दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूती मिलेगी।
श्रीलंका में भारतीय पीस कीपिंग फोर्स के द्वारा किए गए योगदान को भी प्रधानमंत्री मोदी इस यात्रा के दौरान सम्मानित करेंगे। भारतीय सैनिकों ने श्रीलंका में 32 महीने की तैनाती के दौरान 1,165 सैनिकों की शहादत दी थी। इस संघर्ष में 5,000 से अधिक श्रीलंकाई नागरिकों की भी मृत्यु हुई थी। यह यात्रा भारतीय सैनिकों की बलिदान को सम्मानित करने का एक अच्छा अवसर है,जो दोनों देशों के बीच मजबूत और स्थिर संबंधों का प्रतीक है।
स्थानीय लोग इस यात्रा को लेकर बेहद उत्साहित हैं और इसे एक ऐतिहासिक कदम मान रहे हैं। कोलंबो के निवासी रोहित रंजीत ने कहा, “यह भारत और श्रीलंका के बीच एक अच्छा कूटनीतिक कार्यक्रम है। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और विकास को लेकर साझेदारी बनेगी। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दोनों ही मजबूत और सक्षम नेतृत्वकर्ता हैं और इस यात्रा से द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।”
वहीं,श्रीलंका के एक स्थानीय मछुआरे रवि ने प्रधानमंत्री मोदी के बारे में कहा, “वह बहुत अच्छे इंसान हैं,बहुत भद्र व्यक्ति हैं। श्रीलंका के लोग नरेंद्र मोदी को बहुत पसंद करते हैं और उनका आदर करते हैं। यह यात्रा हमारे दोनों देशों के बीच मित्रता और समझ को और गहरा करेगी।”
प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत और श्रीलंका के लिए एक नए रिश्ते की शुरुआत हो सकती है। दोनों देशों के बीच एक मजबूत,समृद्ध और दीर्घकालिक साझेदारी स्थापित करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम होगा। इस यात्रा से न केवल द्विपक्षीय संबंधों को बल मिलेगा,बल्कि दोनों देशों के बीच साझा हितों को भी बढ़ावा मिलेगा, जो दोनों देशों के नागरिकों के जीवन को बेहतर बनाएँगे।