प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कैप्टन शुभांशु शुक्ला (तस्वीर क्रेडिट@BJP4India)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड की झलक: अंतरिक्ष की नई उड़ान को सलाम और समाज के स्तंभों को सम्मान

नई दिल्ली,29 जून (युआईटीवी)- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 123वें एपिसोड में देशवासियों से कई प्रेरणादायक विषयों पर संवाद किया। इस एपिसोड में उन्होंने भारत की अंतरिक्ष में हो रही ऐतिहासिक प्रगति,युवा पीढ़ी में अंतरिक्ष के प्रति बढ़ते उत्साह और समाज के दो प्रमुख पेशों—डॉक्टर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की सराहना करते हुए राष्ट्र को एकजुटता, प्रगति और कृतज्ञता का संदेश दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत भारत की नई अंतरिक्ष उपलब्धियों से की। उन्होंने गर्व से कहा कि भारत आज उन देशों की कतार में खड़ा है,जो अंतरिक्ष में निरंतर नई ऊँचा ऊँचाइयों को छू रहे हैं। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र (आईएसएस) में भारत की भागीदारी को ऐतिहासिक बताया और इस दिशा में हुई बड़ी उपलब्धियों का उल्लेख किया।

पीएम मोदी ने विशेष रूप से ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का जिक्र किया,जो इस समय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने हाल ही में शुभांशु से की गई बातचीत को साझा करते हुए बताया कि उन्होंने ना केवल भारतवासियों की भावनाएँ उनके साथ साझा कीं,बल्कि अंतरिक्ष में भारत की भूमिका और जिम्मेदारी को भी दोहराया।

प्रधानमंत्री ने अपनी और शुभांशु शुक्ला की बातचीत के अंश साझा करते हुए कहा,
“आप भारतभूमि से दूर हैं,लेकिन भारतवासियों के दिलों के सबसे करीब हैं। आपके नाम में भी शुभ है और आपकी यात्रा एक नए युग का शुभ आरंभ भी है।”

इस बातचीत में प्रधानमंत्री ने न केवल शुभांशु को व्यक्तिगत शुभकामनाएँ दीं,बल्कि यह भी कहा कि जब वह उनसे बात कर रहे हैं,तब उनके साथ 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाएँ और उत्साह भी जुड़ा हुआ है। यह पल भारत के लिए एक सांस्कृतिक और वैज्ञानिक गर्व का प्रतीक बन गया।

पीएम मोदी ने कहा कि शुभांशु की अंतरिक्ष यात्रा न केवल तकनीकी दृष्टि से महत्वपूर्ण है,बल्कि यह भारत के अंतरिक्ष भविष्य,जैसे अपने खुद के स्पेस स्टेशन की स्थापना और चंद्रमा पर भारतीय एस्ट्रोनॉट की लैंडिंग के लिए भी एक उपयोगी अनुभव साबित होगा।

इस पर शुभांशु ने प्रधानमंत्री को भरोसा दिलाया कि वह हर एक प्रक्रिया,तकनीक और अनुभव का बारीकी से अध्ययन कर रहे हैं,ताकि वह भविष्य में भारत की अंतरिक्ष योजनाओं में योगदान दे सकें।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत में चंद्रयान मिशन की सफलता के बाद बच्चों और युवाओं में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति रूचि काफी बढ़ी है। उन्होंने इस बात पर विशेष ज़ोर दिया कि शुभांशु शुक्ला की यह अंतरिक्ष यात्रा बच्चों के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

उन्होंने कहा,“जब बच्चे देखेंगे कि भारत का कोई बेटा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष केंद्र में काम कर रहा है,तो उनमें भी अंतरिक्ष को एक्सप्लोर करने का उत्साह जगेगा। यह वैज्ञानिक सोच और नवाचार की ओर बढ़ने की दिशा में एक बड़ा कदम है।”

‘मन की बात’ के अंतिम हिस्से में प्रधानमंत्री मोदी ने 1 जुलाई की महत्ता पर प्रकाश डाला,जो कि दो प्रमुख पेशों—डॉक्टर्स डे और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स डे के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने इन दोनों पेशों को समाज के ऐसे स्तंभ बताया,जिनके बिना जीवन की कल्पना अधूरी है।

डॉक्टर्स के योगदान को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि वे न केवल हमारे स्वास्थ्य के रक्षक हैं,बल्कि हर संकट की घड़ी में अपना जीवन दांव पर लगाकर दूसरों की सेवा करते हैं। चाहे कोविड महामारी हो या किसी आपातकालीन स्थिति, डॉक्टरों ने हर बार मानवता को प्राथमिकता दी है।

वहीं चार्टर्ड अकाउंटेंट्स (सीए) को उन्होंने देश की आर्थिक नींव को मजबूत करने वाले सिपाही बताया। उन्होंने कहा कि सीए राष्ट्र की वित्तीय पारदर्शिता,अर्थव्यवस्था की मजबूती और व्यापारिक अनुशासन के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा,“डॉक्टर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स हमारे जीवन के ऐसे साथी हैं,जिन पर हम न सिर्फ संकट में,बल्कि हर दिन भरोसा करते हैं। मैं इस अवसर पर सभी डॉक्टर्स और सीए को हृदय से शुभकामनाएँ देता हूँ।”

पीएम मोदी का यह एपिसोड भी उनकी उस सोच को दर्शाता है,जिसमें विज्ञान, समाज और सेवा को एक साथ जोड़ा गया है। इस संवाद के माध्यम से उन्होंने न केवल अंतरिक्ष में भारत की उपलब्धियों का जश्न मनाया,बल्कि उन लोगों का भी सम्मान किया जो हर दिन हमारे जीवन को बेहतर बनाने में लगे हुए हैं।

शुभांशु शुक्ला जैसे अंतरिक्ष यात्रियों की कहानियाँ भारत की वैज्ञानिक आत्मनिर्भरता और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में बढ़ते कदम का प्रतीक हैं। वहीं,डॉक्टर्स और सीए जैसे पेशेवरों की सराहना कर उन्होंने यह स्पष्ट किया कि समाज के हर हिस्से का विकास,भारत की सामूहिक शक्ति से ही संभव है।

प्रधानमंत्री ने अगले ‘मन की बात’ में अंतरिक्ष मिशन की और विस्तृत चर्चा की बात करते हुए देशवासियों से जुड़ाव बनाए रखने की अपील की और विज्ञान,सेवा और कर्तव्य भावना को मिलाकर एक सशक्त राष्ट्र की परिकल्पना पेश की।